मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी का हथकरघा और वस्त्रोद्योग तेजी से आगे बढ़ रहा है. प्रदेश में यह उद्योग कृषि के बाद सबसे अधिक रोजगार प्रदान करने वाला कुटीर उद्योग बनकर उभरा है. इस क्षेत्र में लगभग 1.91 लाख हथकरघा बुनकर एवं 80 हजार से अधिक परिवार इस कार्य में शामिल हैं. वहीं, 2.58 लाख पावरलूम के माध्यम से 5.50 लाख से अधिक बुनकरों को रोजगार मिल रहा है.
प्रदेश की योगी सरकार ने इस क्षेत्र को और अधिक सशक्त बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा की है, जिससे बुनकरों और उद्यमियों को सीधा लाभ मिलेगा. राज्य में टेक्सटाइल पार्क की स्थापना के लिए 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. पीएम मित्र योजना के अंतर्गत बनने वाले ये पार्क वस्त्र उद्योग को आधुनिक तकनीकों से लैस करेंगे और उत्पादन लागत को कम करके उद्योग को प्रतिस्पर्धात्मक बनाएंगे. इससे उत्तर प्रदेश के कपड़ा उद्योग को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर नई पहचान मिलेगी.
इसके अलावा योगी सरकार ने वस्त्र एवं परिधान उद्योग को गति देने के लिए उत्तर प्रदेश वस्त्र-गारमेंटिंग नीति 2022 लागू की है, जिसके सफल क्रियान्वयन के लिए बजट 2025-26 में 150 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. इस नीति का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को परिधान निर्माण का प्रमुख केंद्र बनाना है, जिससे निवेश को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय उद्यमियों को प्रोत्साहन मिलेगा. प्रदेश को टेक्सटाइल हब बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं, जो राज्य की अर्थव्यवस्था को और मजबूत करेंगे तथा पारंपरिक बुनकरों एवं नए उद्यमियों को नई उड़ान देंगे.
पावरलूम बुनकरों की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने बजट में 400 करोड़ रुपये की लागत से अटल बिहारी वाजपेयी पावरलूम विद्युत फ्लैट रेट योजना को प्रस्तावित किया है. इस योजना से बुनकरों को सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे उनके उत्पादन की लागत कम होगी और उनकी आमदनी में वृद्धि होगी. इस पहल का उद्देश्य चुनौतियों का सामना कर रहे पावरलूम उद्योग को पर्याप्त बढ़ावा देना और बाजार में इसकी प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना है.
योगी सरकार की ये पहलें हथकरघा, वस्त्र और परिधान उद्योग को एक नई ऊंचाई देने के लिए मील का पत्थर साबित होंगी. आधुनिक टेक्सटाइल पार्क, सब्सिडी वाली बिजली और नई नीतियों से प्रदेश का वस्त्र उद्योग आत्मनिर्भर बनेगा और लाखों लोगों को नए रोजगार मिलेंगे. उत्तर प्रदेश में कपड़ा उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. इन उपायों का उद्देश्य नवाचार को बढ़ावा देना, उत्पादकता बढ़ाना और कपड़ा क्षेत्र के विकास के लिए अनुकूल वातावरण बनाना है.
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