महाराष्ट्र में प्याज के गिरते दाम को लेकर किसानों के साथ-साथ व्यापारी भी परेशान हैं. किसान और व्यापारी सरकार से लगातार गुहार लगा रहे हैं कि उनकी फरियाद सुनी जाए ताकि प्याज को सही दाम मिले. इसके लिए निर्यात नीति में कुछ सुधार करने की मांग की जा रही है. इसी में हॉर्टिकल्चर प्रोड्यूस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन यानी HPEA भी है जिसके प्रतिनिधि सोमवार को केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी से मिले. प्रतिनिधियों से केंद्रीय मंत्री से मांग उठाई कि प्याज के निर्यात के लिए RoDTEP बढ़ाया जाए और ट्रांसपोर्ट सब्सिडी भी दी जाए ताकि प्याज का निर्यात बढ़े जिससे किसानों को फायदा होगा. ऐसी मांग कुछ दिन पहले केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से भी की जा चुकी है. अभी हाल में नासिक के सांसद ने कृषि मंत्री को पत्र लिखकर इन दो मांगों की ओर उनका ध्यान खींचा था.
सोमवार को HPEA के उपाध्यक्ष विकास सिंह की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी से मिला और RoDTEP रेट को बढ़ाकर 5 परसेंट तक करने की मांग की. इसी तरह ट्रांसपोर्ट और मार्केटिंग असिस्टेंस (TMA) सब्सिडी को 7 परसेंट तक दिए जाने की मांग की गई जो कि प्याज के निर्यात में ढुलाई पर दिए जाने के लिए है. प्रतिनिधिमंडल ने प्रहलाद जोशी को बताया कि पूरे देश में प्याज किसानों और व्यापारियों की हालत खराब है क्योंकि कमाई बहुत कम हो रही है. इस साल मॉनसून भी अच्छा चल रहा है जिससे दक्षिण के प्याज की आवक अच्छी रहेगी जिससे मार्केट में और भी तेजी से प्याज का दाम गिरेगा. इस गिरावट को रोकने के लिए सरकार को फौरन कदम उठाने चाहिए जिसमें RoDTEP और ट्रांसपोर्ट सब्सिडी अच्छा विकल्प हो सकते हैं. यहां RoDTEP का अर्थ है रिमीशन ऑफ ड्यूटीज एंड टैक्सेस ऑन एस्सपोर्टेड प्रोडक्ट्स.
इससे पहले नासिक से सांसद राजभाऊ प्रकाश वाजे ने कृषि मंत्री को लिखा था जबकि पीयूष गोयल को एक पत्र बागवानी उत्पाद निर्यातक संघ (HPEA) की ओर से लिखा गया था. वाजे ने लिखा था कि देश भर के प्याज किसानों और व्यापारियों के सामने पैदा हुई एक गंभीर स्थिति की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं, जिसके लिए आपके सम्मानित मंत्रालय द्वारा तत्काल हस्तक्षेप जरूरी है. जैसा कि आप जानते हैं, भारत इस साल अच्छे मॉनसून की उम्मीद कर रहा है. मैं विशेष रूप से अगस्त में दक्षिणी हिस्से की फसल के जल्दी आने पर ध्यान दे रहा हूं, जिससे स्थानीय बाजारों में ताजा प्याज की अच्छी-खासी आवक होने की उम्मीद है. हालांकि अच्छी फसल आम तौर पर स्वागत योग्य होती है, लेकिन पर्याप्त मांग समर्थन के बिना, आपूर्ति में होने वाली इस तेज वृद्धि से प्याज की कीमतों में भारी गिरावट आने की संभावना है.
इसमें कहा गया कि सरकार प्याज पर RoDTEP की दर को बढ़ाकर 5 परसेंट तक करे. अभी RoDTEP की दर मददगार होते हुए भी अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारत का प्याज बाकी देशों को टक्कर नहीं दे पा रहा है. साथ ही प्याज निर्यात के लिए माल ढुलाई लागत पर 7 परसेंट तक की समान सब्सिडी वाला ट्रांसपोर्ट और मार्केटिंग असिस्टेंस (IMA) लागू करने की मांग की गई. पत्र में कहा गया कि अंतर्देशीय और समुद्री माल ढुलाई की भारी लागत, विशेष रूप से छोटे और मध्यम आकार के निर्यातकों के लिए एक बड़ी बाधा है. ट्रांसपोर्ट सब्सिडी मिलने से इस बाधा को दूर करने में मदद मिलेगी और विदेशी मार्केट में भारत का प्याज टिक पाएगा. RoDTEP और आईएमए दोनों मिलकर भारत के प्याज को निर्यात करने में मदद करेंगे.
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