हरियाणा के करनाल में धान की फसल पर फिजी वायरस का खतरा मंडरा रहा है. करनाल समेत कई जिलों में कृषि विभाग के पास इस वायरस की रिपोर्ट पहुँच गई है. करनाल में अब तक साढ़े पाँच सौ एकड़ में फिजी वायरस देखा जा चुका है. बता दें कि किसानों के माथे पर अब चिंता की लकीरें साफ़ दिखाई दे रही हैं. कृषि विभाग की टीमें किसानों के संपर्क में हैं ताकि किसानों को जल्द से जल्द इस समस्या से उबारा जा सके. विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे समय-समय पर अपने खेतों का निरीक्षण करते रहें.
करनाल निवासी किसान ईशम सिंह ने बताया कि इस बीमारी के कारण किसानों के खेतों को काफी नुकसान हुआ है. कई किसानों ने अपने खेतों में धान की फसल को नष्ट कर दिया है और दोबारा खेतों में धान की फसल लगाई है. किसान ने बताया कि धान की फसल में बिजाई की बीमारी दूर नहीं हो रही है. धान की फसल लगाने के लिए हमने खाद, बीज, दवा, ट्रैक्टर का तेल, मजदूरी का खर्चा किया है और समस्या भी बढ़ती जा रही है. उन्होंने बताया कि धान की फसल की इस बीमारी को लेकर वह कृषि विभाग के अधिकारियों से भी मिल चुके हैं. लेकिन उनका कहना है कि इसका कोई इलाज नहीं है. उन्होंने जो दवाइयां बताई थीं, वह धान की फसल में भी डाली हैं. लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ा, धान की फसल में कुछ दाने होते हैं जिसे हमें रखना है. उससे दाने निकलेंगे तो मिलेंगे, जैसे पहले 28-30 क्विंटल दाने निकलते थे, अब 14 क्विंटल निकलेंगे, आधा नुकसान हुआ है. और हमारे खर्चे बढ़ गए हैं.
किसान ने कहा कि यह प्राकृतिक आपदा के कारण हुआ और हमें समझ नहीं आया कि क्या हुआ. उन्होंने कहा कि धान की फसल पहले भी उगाई जाती थी, हमें नहीं पता कि इस बार क्या समस्या आ गई. किसान ईशम सिंह ने बताया कि उन्होंने 11 एकड़ में धान की फसल लगाई है. उन्होंने कहा कि इस बार हमें फसल में लाखों का नुकसान हुआ है. हमारे लाखों रुपये भी खर्च हुए हैं.
करनाल के कृषि उपनिदेशक वजीर सिंह ने बताया कि हमें जिले के कुछ किसानों की शिकायतें मिली हैं. कृषि विभाग की टीमें लगातार किसानों के खेतों का निरीक्षण भी कर रही हैं. इस वायरस को सदर्न राइस ब्लैक स्ट्राइप्ड बोना वायरस कहते हैं. यह चावल के पौधे पर हमला करता है. जिससे पौधे छोटे रह जाते हैं. और उनकी फोटो भी कम आती है. जिससे धान की पैदावार भी कम होती है. विभाग की ओर से उचित दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं. किसान नियमित रूप से अपने खेतों का दौरा करते रहें. और जहां भी इस बीमारी का प्रकोप दिखे, तुरंत कृषि विभाग को सूचित करें. ताकि उचित कदम उठाए जा सकें. उन्होंने कहा कि किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है, कृषि विभाग से संपर्क करें, हमारी टीम जाकर किसानों को उचित सुझाव देगी. जिला करनाल में यह वायरस अब तक साढ़े पांच सौ एकड़ को प्रभावित कर चुका है. किसानों से बस एक ही अनुरोध है कि वे अपने खेतों का निरीक्षण करते रहें.
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