संयुक्त किसान मोर्चा के कुछ किसानों के यहां छापेमारी हुई है. इस मोर्चे की 5 मार्च को चंडीगढ़ में मीटिंग है. उससे पहले मानसा पुलिस की ओर से बीती रात को किसानों के घरों पर छापेमारी की गई. इसमें मानसा जिले के दर्जन के करीब किसानों को हिरासत में लिया गया है. इस मुद्दे पर अब राजनीति तेज हो गई है. यह छापेमारी पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की उस मीटिंग के एक दिन बाद हुई है जिसमें चंडीगढ़ में वे शामिल थे. लेकिन अचानक वे नाराज होकर मीटिंग से निकल गए. इस पर किसानों की ओर से कई प्रतिक्रिया आई है. साथ ही सीएम मान ने भी अपनी बात रखी है. उन्होंने कहा है कि उनकी उदारता को कमजोरी नहीं समझी जाए.
पंजाब के सीएम मान ने कहा, कभी रेल रोको कभी सड़क रोको कभी कुछ रोको. मेरी नरमाई को यह ना समझा जाए कि मैं एक्शन नहीं कर सकता. पंजाब धीरे-धीरे धरनों का राज्य बनता जा रहा है. पंजाब की इकॉनमी का नुकसान हो रहा है. जब मोर्चा ही लगाना है तो मुझे क्यों किसानों ने ढाई घंटे मीटिंग में बिठा रखा. मेरा किसानों से यह सवाल था. पंजाब चलेगा, धरनो से रुकेगा नहीं. सभी मांगे केंद्र से संबंधित हैं. मोर्चा जब करना ही है तो 4 घंटे मीटिंग करना बातचीत के लिए, यह कोई बंदों वाली बात नहीं.
आपको बता दें कि एसकेएम के चंडीगढ़ तय मोर्चे पर जाने से पहले पुलिस ने किसान नेताओं के घरों पर छापा मारा. थाना पातड़ां के गांव मौलवीवाला में किसान नेता कुलवंत सिंह मौलवीवाला को नजरबंद किया गया. मंगलवार सुबह पुलिस ने घर पर छापा मारा. कुलवंत सिंह मौलवीवाला कुल हिंद किसान सभा 1936 के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं. कुल हिंद किसान सभा संयुक्त किसान मोर्चा का एक अहम हिस्सा है.
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किरती किसान यूनियन के ब्लॉक नेता दलजिंदर सिंह हरियाउ भी गिरफ्तार किए गए. छापेमारी का नेतृत्व थानाध्यक्ष यशपाल शर्मा और नगर थाना प्रभारी हरदीप सिंह विर्क ने किया. भारतीय किसान यूनियन उग्राहां के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उग्राहां के घर भी पुलिस पहुंची थी, लेकिन वे घर पर मौजूद नहीं थे. बरनाला जिले में भी कई किसान नेताओं के घर पुलिस पहुंची थी.
हिरासत में लिए गए किसान नेता रुलदू सिंह मानसा ने कहा, 2010 के बाद मुझे आज गिरफ़्तार किया जा रहा है. जितने किसान नेता हैं चाहे राजेवाल हैं या उग्राहां, सभी को पुलिस पकड़ कर डिटेन कर रही है. कल चंडीगढ़ में धरना लगाया जाएगा. 90 के दशक से सीएम के साथ बैठकें की हैं, लेकिन ऐसा CM का बर्ताव पहली दफ़ा देखा. CM ने बिना बात सुने कहा, ‘जो कर सकते हो कर लो जो मुझे करना होगा वो मैं कर लूंगा.’ और आज डिटेन किया जा रहा है जो कि सही नहीं है.
इस घटना के बाद किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, पंजाब सरकार दिल्ली हार का गुस्सा किसानों पर निकाल रही है. पंजाब में लोग सरकार की नीतियों से किए वादों और नशे समेत भ्रष्टाचार से तंग हैं ना कि किसानो से. 3 साल में किए हुए काम गिनवा दें भगवंत मान. आज किसानों को सुबह से डिटेन किया जा रहा है. लोकतंत्र में धरने का हक नहीं. किसान नेताओं में आपसी फूट का फायदा उठा रहे हैं CM भगवंत मान. इसपर ना कांग्रेस प्रधान राजा वडिंग बोले हैं, ना सुखबीर बादल. उनको डर है पुलिस उनके घर ना आ जाए. किसान यूनियन की और से मीटिंग की जाएगी और इसका विरोध किया जाएगा.
भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने पंजाब में किसान नेताओं को हिरासत में लिए जाने के फैसले पर नाराजगी जताते हुए पंजाब सरकार की आलोचना की. BKU ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा पंजाब में अपनी खेती से जुड़ी सभी मांगों को लेकर लगातार संघर्ष कर रहा है. इस पूरे मामले को लेकर कल पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ किसान संगठनों की बैठक हुई, जिसमें कोई सहमति नहीं बन पाई और 5 मार्च 2025 के चंडीगढ़ आंदोलन कार्यक्रम को जारी रखने का फैसला लिया गया है.
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टिकैत ने कहा, पंजाब सरकार कल रात से ही किसान नेताओं के घरों पर छापेमारी कर रही है और उन्हें हिरासत में ले रही है. अपनी जायज मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों और किसान नेताओं की गिरफ्तारी पंजाब सरकार का निंदनीय कदम है. सभी संगठनों के नेताओं को तुरंत रिहा किया जाना चाहिए और पंजाब सरकार को किसानों की सभी मांगें माननी चाहिए. हम इसके खिलाफ पूरे देश में प्रदर्शन करेंगे.
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