स्वाद में फल और मेवे जैसा है यह आलू पर खरीदार नहीं मिलते, ये है वजह  

स्वाद में फल और मेवे जैसा है यह आलू पर खरीदार नहीं मिलते, ये है वजह  

पहाड़ी आलू की तरह से इसके ऊपर मिट्टी भी चिपकी रहती है. लेकिन जब यह आलू कोल्ड स्टोरेज में जाता है तो वहां के तापमान में रंग बदलने लगता है. कुछ दिन के बाद यह हल्का कालेपन पर दिखाई देने लगता है. या यों कहिए कि रंग-बिरंगी सब्जियों और पीले साफ-सुथरे आलू के बीच में यह बदरंग और भद्दा सा दिखाई देता है. 

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स्वाद में फल और मेवे जैसा है यह आलू पर खरीदार नहीं मिलते, ये है वजह  कुफरी नीलकंठ आलू का प्रतीकात्मक फोटो. फोटो क्रेडिट थ्री वन फार्म

इस खास आलू में फल के गुण हैं तो सब्जी, मसाले और सूखे मेवे के गुण भी हैं. इसे गुणों का खजाना कहना भी गलत नहीं होगा. बहुत ही सस्ती कीमत पर इतने सारे गुण आलू के अंदर मिल जाते हैं. बावजूद इसके लोग इसकी तरफ पलटकर भी नहीं देखते हैं. ग्राहकों की बेरुखी के चलते किसान भी अब इससे मुंह मोड़ने लगे हैं. धीरे-धीरे ही सही, लेकिन इस खास कुफरी नीलकंठ आलू का उत्पादन कम होता जा रहा है. दो-चार साल में उत्पादन न के बराबर रह जाए तो कोई बड़ी बात नहीं होगी. 

अलीगढ़ के आलू किसान विनोद का कहना है कि कुछ साल से हम लगातार कुफरी नीलकंठ आलू बो रहे हैं. लेकिन दूसरे आलू के मुकाबले इसके ग्राहक नहीं मिल रहे हैं. यही वजह है कि दिन-ब-दिन नीलकंठ की बुवाई का क्षेत्रफल कम होता जा रहा है. चार-पांच साल में बहुत ही कम हो गया है. मैं खुद सिर्फ अपने खाने के लिए ही लगाता हूं. बाजार की मुझे कोई उम्मीद नहीं बची है. 

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इसलिए पसंद नहीं आता कुफरी नीलकंठ 

बाजार में कुफरी संगम, कुफरी पुखराज, कुफरी चिप्सोना और दिल्ली-एनसीआर में सबसे ज्यादा खाए जाने वाले कुफरी बाहर आलू की अच्छी खासी डिमांड है. लेकिन कुफरी नीलकंठ आलू ही एक ऐसा है जिसे पसंद करने वाले नहीं मिले हैं. सासनी, अलीगढ़ के आलू किसान और एक्सपोर्टर विनोद ने 'किसान तक' को बताया कि जमीन से निकलने के दौरान नीलकंठ आलू नाम के मुताबिक हल्के नीले रंग का होता है.

पहाड़ी आलू की तरह से इसके ऊपर मिट्टी भी चिपकी रहती है. लेकिन जब यह आलू कोल्ड स्टोरेज में जाता है तो वहां के तापमान में रंग बदलने लगता है. कुछ दिन के बाद यह हल्का कालेपन पर दिखाई देने लगता है. या यों कहिए कि रंग-बिरंगी सब्जियों और पीले साफ-सुथरे आलू के बीच में यह बदरंग और भद्दा सा दिखाई देता है. 

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कुफरी को इसलिए कहते हैं गुणों की खान

सेंट्रल पोटेटो रिसर्च सेंटर, पटना के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. शि‍व प्रताप सिंह का कहना है कि हमारे शरीर में कुछ ऐसे रसायन बनते हैं जिनका समय-समय पर शरीर से बाहर निकलना जरूरी होता है. ऐसे रसायन को शरीर से बाहर निकालने का काम एंटीऑक्सीडेंट का होता है. फलों की बात करें तो सेब, अनार और कीवी में एंटी ऑक्सीडेंट पाया जाता है. सब्जियों की बात करें तो चुकंदर, लहसुन, टमाटर और अदरक में मिलता है.

सूखे मेवे के साथ ही गर्म मसालों में शामिल दालचीनी और लौंग में होता है. हल्दी में भी पाया जाता है. जबकि आलू में सिर्फ कुफरी नीलकंठ ही ऐसी वैराइटी है जिसमे एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाया जाता है और जैसा कि ऊपर जिक्र किया गया है, उसमे यह आलू सबसे सस्ता  है.  

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