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CIRG: बकरियों को हरा चारा खिलाते समय रखें इन बातों का खयाल, नहीं होंगी बीमार 

CIRG: बकरियों को हरा चारा खिलाते समय रखें इन बातों का खयाल, नहीं होंगी बीमार 

सूखे और दानेदार चारे के साथ बकरियों के लिए हरा चारा भी बेहद जरूरी है. अगर हरा चारा कम रह गया, ज्यादा दे दिया या बिल्कुल ही नहीं दिया तो इससे बकरी के साथ ही उसके होने वाले बच्चे को भी परेशानी होगी. 

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बकरे और बकरियों का प्रतीकात्मक फोटो. बकरे और बकरियों का प्रतीकात्मक फोटो.

बकरी ही नहीं, भेड़ और गाय-भैंस के लिए भी हरा चारा बेहद जरूरी है. हरा चारा खिलाने से पशुओं में बहुत सारे मिनरल्स , प्रोटीन और खास विटामिन की कमी दूर होती है. हरे चारे के सेवन से पशु तो हेल्दी होते हैं साथ में उनसे होने वाले बच्चे भी स्वस्थ होते हैं. हालांकि, एक्सपर्ट की मानें तो हरा चारा खिलाने का भी अपना एक तरीका है. पशु छोटा हो या बड़ा सभी के लिए हरे चारे की मात्रा निर्धारित की गई है. यह मात्रा पशु की उम्र और उसके वजन के आधार पर तय होती है. लेकिन अगर आपने चारे की मात्रा कम कर दी, ज्यादा दे दी या फिर कई-कई दिन तक हरे चारे की एक डाल भी नहीं खिलाई है, तो इससे भी आपके पशु के सेहत को नुकसान पहुंचेगा.

बकरी को ऐसे खिलाएं हरा चारा तो होगा फायदा 

केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (CIRG), मथुरा के प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. अशोक कुमार ने किसान तक को बताया कि गाय-भैंस और भेड़ के मुकाबले हरे चारे को बकरी थोड़ा अलग तरीके से खाती है. आप सामान्य तौर पर जब भी बकरी को हरा चारा खाते देखेंगे तो पाएंगे कि बकरी मुंह ऊपर की ओर करके हरे चारे को बड़े ही चाव से खाती है. ऐसा करना बकरी को तो अच्छा लगता ही है, लेकिन कोई भी चीज जब चाव से खाई जाती है तो वो शरीर के लिए और ज्यादा फायदेमंद होता है. 

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इसलिए बकरे और बकरियों को हरा चारा खिलाने के दौरान कोशिश करें कि उसे खुले मैदान, जंगल या खेत में ले जाएं. अगर यह सब मुमकिन न हो तो हरे चारे का गट्ठर बनाकर बकरी के सामने उसे थोड़ा ऊंचाई पर टांग दें या फिर बकरी की हाइट से थोड़ा ऊपर रख दें. कहने का मतलब यह है कि चारे को जमीन पर न डालें. नीचे गर्दन करके हरा चारा खाने में बकरी को मजा नहीं आता है. 

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बकरे-बकरी को इसलिए जरूरी है हरा चारा 

डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि हरे चारे में प्रोटीन, मिनरल्स और विटामिन ए होता है. सभी तरह के पशुओं समेत खासतौर पर बकरी को इस सबकी बहुत जरूरत होती है. हरे चारे में शामिल विटामिन ए न सिर्फ बकरी के लिए जरूरी है, बल्कि उसके होने वाले बच्चे में इसकी कमी हो जाए तो उसकी ग्रोथ रुक जाएगी, सिर बड़ा हो जाएगा और आंखों की परेशानी भी बढ़ जाएगी. लेकिन यही हरा चारा अगर ज्यादा हो जाए तो बकरी को डायरिया यानि दस्त हो जाती है और उसमे पोषण की कमी होने लगती है. 

हरे चारे के संबंध में एक और खास बात यह है कि खासतौर पर रिजका और बरसीम खाने के बाद बकरे-बकरी के पेट में गैस बनने लगती है. यह गैस जल्दी पास नहीं होती है. बकरी को इससे निजात दिलाने के लिए आप उसे कोई भी खाने वाला तेल 50 एमएल दे सकते हैं. अगर इससे भी ठीक न हो तो खाने के 50 एमएल तेल में पांच एमएल तारपीन का तेल मिला दें.      

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