ओडिशा में इस बार अधिक रकबे में आलू की खेती होगी (फाइल फोटो)ओडिशा सरकार ने 2025 के रबी फसल सीजन के दौरान आलू की खेती का रकबा 2024 के 12,374 हेक्टेयर से बढ़ाकर 21,750 हेक्टेयर करने की योजना बनाई है. पिछली बार ओडिशा में आलू की भारी कमी देखी गई थी और इसका ठीकरा पश्चिम बंगाल सरकार पर फूटा था क्योंकि वहां से बड़ी खेप ओडिशा जाती है. बंगाल सरकार ने तर्क दिया था कि जब उसके पास ही सप्लाई कम है तो वह ओडिशा को कैसे दे सकता है. इसे देखते हुए ओडिशा सरकार ने इस बार आलू का रकबा बढ़ाने का फैसला किया है.
कृषि विभाग ने किसानों को आपूर्ति के लिए ओडिशा राज्य बीज निगम से 3.26 लाख क्विंटल प्रमाणित आलू के बीज का ऑर्डर दिया है. प्रति हेक्टेयर कम से कम 15 क्विंटल आलू के बीज की जरूरत होगी. निगम ने 30 अक्टूबर से सभी जिलों में आलू के बीज भेजना शुरू कर दिया है.
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री के.वी. सिंह देव ने कहा कि खेती के एरिया को बढ़ाने का प्लान किसानों से मिले अच्छे रिस्पॉन्स को देखते हुए लिया गया है. सरकार ने आलू की खेती में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए 163.85 करोड़ रुपये का बजट रखा है.
हर हेक्टेयर में औसतन 200 क्विंटल प्रोडक्शन के साथ, कृषि विभाग को अनुमानित रकबे से लगभग चार लाख क्विंटल आलू के प्रोडक्शन की उम्मीद है.
सिंह देव ने कहा, "सरकार ने पिछले साल खरीफ के दौरान 60,000 क्विंटल और रबी के दौरान एक लाख क्विंटल आलू के बीज सप्लाई किए थे. खरीफ में आलू की खेती सिर्फ कोरापुट, कंधमाल और रायगड़ा के तीन जिलों तक ही सीमित है."
कृषि विभाग के सूत्रों ने बताया कि इन तीन जिलों में 6,500 हेक्टेयर जमीन पर खरीफ में आलू की खेती की गई थी और पैदावार 150 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से ज्यादा थी. अच्छे खरीफ प्रोडक्शन की वजह से इस साल पूरे राज्य में रिटेल मार्केट में आलू की कीमत 20 रुपये प्रति किलो पर स्थिर रही.
आलू के अलावा, डिपार्टमेंट ने 6,000 हेक्टेयर जमीन पर 600 क्विंटल प्याज के बीज, 1,000 हेक्टेयर पर 100 क्विंटल मिर्च और 300 हेक्टेयर जमीन पर 7,500 क्विंटल लहसुन उगाने का प्लान बनाया है.
कृषि मंत्री ने आगे कहा, "किसानों से आग्रह है कि अगर उन्हें बीजों की कमी का सामना करना पड़ता है, तो वे एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट की ओर से जारी किए गए नंबर 155333 या नजदीकी हॉर्टिकल्चर ऑफिसर से संपर्क करें."
ओडिशा सरकार इस बार पूरी सावधानी के साथ कदम बढ़ा रही है क्योंकि पिछली बार आलू की सप्लाई को लेकर बंगाल सरकार से विवाद हो गया था. ओडिशा में बंगाल से बड़े पैमाने पर आलू की सप्लाई जाती है. मगर पिछले साल बंगाल सरकार ने सप्लाई यह बात बोलते हुए रोक दी थी कि उसके यहां भी आलू की मांग अधिक है. बंगाल सरकार ने कहा था कि पहले वह अपने राज्य में सप्लाई दुरुस्त करेगी, फिर किसी दूसरे राज्य को सप्लाई करेगी.
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