पंजाब के फाजिल्का में 3 दिन से धान की खरीद बंद, सरकारी एजेंसियों का लक्ष्‍य पूरा? जानें सारा माजरा 

पंजाब के फाजिल्का में 3 दिन से धान की खरीद बंद, सरकारी एजेंसियों का लक्ष्‍य पूरा? जानें सारा माजरा 

यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब आरोप लग रहे हैं कि राजस्थान से फाजिल्‍का में धान की आवक हो रही है. कहा जा रहा है कि पड़ोसी राज्य के किसान और व्यापारी यहां न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान बेचकर अतिरिक्त लाभ कमा रहे हैं. अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वो खरीद केंद्रों पर धान की वास्तविक आवक की जांच करें.

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पंजाब के फाजिल्का में 3 दिन से धान की खरीद बंद, सरकारी एजेंसियों का लक्ष्‍य पूरा? जानें सारा माजरा पंजाब में धान खरीद में घोटाला! (File Photo)

पंजाब के फाजिल्का में गैर-बासमती किस्म के धान की खरीद सोमवार को लगातार तीसरे दिन भी रुकी रही. हैरानी की बात यह है कि जिले में बाढ़ से हजारों एकड़ फसल नष्‍ट होने के बावजूद मंडियों में धान की आवक इस साल के तय लक्ष्य के बराबर पहुंच गई है. इस स्थिति पर प्रतिक्रिया देते हुए पंजाब खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग ने फाजिल्का के डिप्‍टी कमिश्‍नर को, अमृतसर और तरनतारण के डिप्‍टी कमिश्नरों के साथ, इस स्थिति की वजहों की रिपोर्ट देने के लिए चिट्ठी लिखी है. 

राजस्‍थान से भी आ रहा धान? 

अखबार ट्रिब्‍यून की रिपोर्ट के अनुसार यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब आरोप लग रहे हैं कि राजस्थान से फाजिल्‍का में धान की आवक हो रही है. कहा जा रहा है कि पड़ोसी राज्य के किसान और व्यापारी यहां न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान बेचकर अतिरिक्त लाभ कमा रहे हैं. खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव-सह-निदेशक वरिंदर कुमार शर्मा की तरफ ने एक विस्तृत रिपोर्ट मांगते हुए चिट्ठी में लिखा है कि 1 नवंबर तक राज्य की मंडियों में पहुंचे 122.56 लाख मीट्रिक टन (MT) धान में से 119.53 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद केंद्रीय पूल के लिए की जा चुकी है. 

कहां पर कितनी आवक 

चिट्ठी के अनुसार, '1 नवंबर को मिले आंकड़ों के अनुसार, खरीफ सीजन 2024-25 की तुलना में अमृतसर में 98 प्रतिशत, फाजिल्का में 100 प्रतिशत और तरनतारण में 96 प्रतिशत धान की आवक दर्ज की गई है.' यह स्थिति उस समय सामने आई है जब इन जिलों में असमय बारिश और बाढ़ के कारण पैदावार घटने और फसलें खराब होने की रिपोर्ट मिली हैं.' शर्मा के अनुसार विभाग ने जिला खाद्य और नागरिक आपूर्ति नियंत्रकों (DFCSC) को खरीद प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के निर्देश दिए हैं. 

अखबार के साथ ली जाए किसान की फोटो 

उन्होंने बताया कि अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वो खरीद केंद्रों पर धान की वास्तविक आवक की जांच करें. जिन मंडियों में 90 फीसदी से ज्‍यादा धान पहुंच चुका है, वहां अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसान के साथ उसी दिन का अखबार लिए हुए धान के स्टॉक की फोटो ली जाए, ताकि तारीख साफतौर पर नजर आए.

उन्होंने आगे कहा कि फोटो लेने के बाद यह सुनिश्चित किया जाए कि मंडियों में धान की आवक या खरीद का सही रिकॉर्ड रखा गया है ताकि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और सुचारू रूप से चले. इस पर जिला खाद्य और नागरिक आपूर्ति नियंत्रक (DFCSC) वंदना कंबोज ने बताया कि कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, फाजिल्का में परवल (गैर-बासमती) किस्मों का रकबा पिछले साल के 26,000 हेक्टेयर से बढ़कर इस वर्ष 28,000 हेक्टेयर हो गया है. 

किसान नेता कर रहे जांच की मांग

इस बीच किसान नेता सुखमंदर सिंह ने खरीद प्रक्रिया की जांच की मांग की. उन्होंने आरोप लगाया कि राजस्थान से बड़ी मात्रा में धान यहां आ रहा है और उसे सीधे राइस मिलों को बेचा जा रहा है. इससे मंडी समितियों को बाईपास किया जा रहा है और राज्य को राजस्व का नुकसान हो रहा है.' गोबिंदगढ़ गांव के किसान तोता सिंह ने कहा, 'मैं आज अपनी पांच एकड़ में उगाई परवल किस्म की फसल अबोहर अनाज मंडी लेकर आया हूं. मेरी बाकी 10 एकड़ की फसल अभी काटी जानी बाकी है.' 

कई और किसानों का भी कहना है कि जिले के कुछ हिस्सों में अभी करीब  20 फीसदी धान की कटाई बाकी है. उनका दावा है कि इस साल प्रति एकड़ औसत पैदावार में 10 से 15 प्रतिशत तक की गिरावट आई है. खरीद रोकने पर वंदना कंबोज ने कहा, 'पिछले दो दिनों से खरीद प्रक्रिया रुकी हुई थी. अब डिप्टी कमिश्नर से नए निर्देश मिलने के बाद ही इसे दोबारा शुरू किया जाएगा.' वहीं शाम होते-होते यह जानकारी भी आई कि कुछ किसानों की फोटो तो ली गई लेकिन खरीद प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई. 

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