धान की खेती में 12 लाख हेक्टेयर का उछाल, खाद्यान्न के मोर्चे पर म‍िल सकती है बड़ी राहत

धान की खेती में 12 लाख हेक्टेयर का उछाल, खाद्यान्न के मोर्चे पर म‍िल सकती है बड़ी राहत

Kharif Crops Sowing: देश में खरीफ फसलों की बुवाई पूरी, धान की खेती में भारी इजाफा. ब‍िहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा बढ़ा रकबा. बंपर उत्पादन का भी अनुमान. मोटे अनाजों का एर‍िया भी बढ़ा. लेक‍िन दलहन, त‍िलहन और कॉटन का बुरा हाल. 

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धान की खेती में 12 लाख हेक्टेयर का उछाल, खाद्यान्न के मोर्चे पर म‍िल सकती है बड़ी राहतखरीफ सीजन की क‍िन फसलों की क‍ितनी हुई है बुवाई (Photo-Kisan Tak).

देश में चावल संकट के बीच खाद्यान्न के मोर्चे पर एक बड़ी राहत म‍िलती नजर आ रही है. इस बार खरीफ सीजन की मुख्य फसल धान के रकबे में बंपर इजाफा हुआ है. इसकी खेती अपने सामान्य एर‍िया से भी 12.07 लाख हेक्टेयर ज्यादा हो गई है. देश में धान का रकबा 399.45 लाख हेक्टेयर है. जबक‍ि इस साल 22 स‍ितंबर तक 411.52 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई और बुवाई हो चुकी है. ऐसे में इस साल बंपर उत्पादन का अनुमान है, जो न स‍िर्फ जनता बल्क‍ि सरकार के ल‍िए भी राहत की बात होगी. क्योंक‍ि सरकार घरेलू मोर्चे पर चावल की महंगाई से जूझ रही है. इस वजह से गैर बासमती चावल और टूटे चावल के एक्सपोर्ट पर बैन है. उबले यानी सेला राइस के निर्यात पर 20 फीसदी ड्यूटी लगा दी गई है और बासमती पर 1200 डॉलर प्रत‍ि टन का म‍िन‍िमम एक्सपोर्ट प्राइस फ‍िक्स कर द‍िया गया है. लेक‍िन धान की खेती में इजाफा होने से बंपर उत्पादन का अनुमान है, जो देश के ल‍िए एक राहत वाली बात होगी. 

केंद्रीय कृष‍ि मंत्रालय के मुताब‍िक 22 स‍ितंबर तक न स‍िर्फ खरीफ फसलों की बुवाई पूरी हो गई है बल्क‍ि इसके सामान्य क्षेत्र से अध‍िक रकबा कवर कर ल‍िया गया है. देश में सभी खरीफ फसलों की बुवाई का सामान्य एर‍िया 1095.27 लाख हेक्टेयर है, जबक‍ि इस बार 1102.99 लाख हेक्टेयर एर‍िया कवर हो गया है. यानी 3.77 लाख हेक्टेयर की वृद्ध‍ि हुई है. यह सामान्य एर‍िया के मुकाबले वृद्ध‍ि है. प‍िछले साल की बुवाई के मुकाबले वृद्ध‍ि अलग है. मोटे अनाजों की बुवाई में भी इजाफा हुआ है. 

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क‍िन राज्यों में बढ़ी धान की बुवाई

इस साल धान की बुवाई बिहार में सबसे ज्यादा बढ़ी है. यहां पर प‍िछले साल के मुकाबले 4.79 लाख हेक्टेयर रकबा बढ़ गया है. झारखंड में 3.11, पश्चिम बंगाल में 2.02, छत्तीसगढ़ में 1.60, मध्य प्रदेश में 1.48 लाख, हरियाणा में 1.29 लाख और उत्तर प्रदेश में 1.23 लाख हेक्टेयर एर‍िया बढ़ गया है. पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना, नागालैंड, मेघालय, गुजरात, केरल, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश भी ऐसे सूबों में शाम‍िल हैं जहां की धान की खेती में प‍िछले साल के मुकाबले वृद्ध‍ि हुई है. 

मोटे अनाजों की बुवाई ने दी राहत

म‍िलेट्स (श्री अन्न) यानी मोटे अनाजों की इस साल बंपर बुवाई हुई है. देश में खरीफ सीजन के दौरान सामान्य तौर पर 181.91 लाख हेक्टेयर में मोटे अनाजों की बुवाई होती है. जबक‍ि इस साल 22 स‍ितंबर तक 186.07 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है. प‍िछले साल इस अवध‍ि तक 183.73 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई थी. यानी प‍िछले साल के मुकाबले इस बार मोटे अनाजों का एर‍िया 2.34 लाख हेक्टेयर बढ़ गया है. जबक‍ि अगर सामान्य एर‍िया से तुलना करें तो इसमें 4.16 लाख हेक्टेयर का इजाफा है. जवार की बुवाई 14.29 लाख हेक्टेयर में हुई है. बाजरा 70.94 लाख हेक्टेयर, रागी 10.50 लाख और मक्का 84.65 लाख हेक्टेयर में बोया गया है. 

त‍िलहन फसलों का क्या है हाल

खरीफ सीजन में पैदा होने वाली त‍िलहन फसलों का एर‍िया 2022 के मुकाबले 3.17 लाख हेक्टेयर कम है. इस साल 22 स‍ितंबर तक 192.91 लाख हेक्टेयर में त‍िलहन फसलों की बुवाई हुई है. जबक‍ि प‍िछले साल इसी अवध‍ि में 196.08 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी. हालांक‍ि, अगर इसके सामान्य एर‍िया की तुलना करेंगे तो इस बार त‍िलहन फसलों का एर‍िया 3.1 लाख हेक्टेयर ज्यादा है. देश में इसका सामान्य एर‍िया 189.81 लाख हेक्टेयर है. 

सूरजमुखी की खेती में ग‍िरावट 

मूंगफली की बुवाई प‍िछले साल के मुकाबले 1.62 लाख हेक्टेयर घट गई है. देश में 43.89 लाख हेक्टेयर में मूंगफली की खेती हुई है, जबक‍ि प‍िछले साल इसका एर‍िया 45.51 लाख हेक्टेयर था. इस बार 0.81 लाख हेक्टेयर की वृद्ध‍ि के साथ सोयाबीन का रकबा 125.59 लाख हेक्टेयर हो गया है. सूरजमुखी की खेती में भारी ग‍िरावट दर्ज की गई है. देश में सामान्य तौर पर 1.23 लाख हेक्टेयर में सूरजमुखी की खेती होती है. इस साल स‍िर्फ 0.71 लाख हेक्टेयर में ही बुवाई हुई है. जबक‍ि प‍िछले साल एर‍िया 2.04 लाख हेक्टेयर था. यानी प‍िछले साल के मुकाबले इसके रकबा में 1.32 लाख हेक्टेयर की कमी आ गई है. 

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गन्ने का रकबा बढ़ा 

गन्ने का रकबा इस साल 59.91 लाख हेक्टेयर है, जो प‍िछले साल से 4.25 लाख हेक्टेयर ज्यादा है. बीते साल 22 स‍ितंबर तक 55.66 लाख हेक्टयर में ही गन्ना था. हालांक‍ि कॉटन का रकबा 4.15 लाख हेक्टेयर कम हो गया है. इस साल स‍िर्फ 123.42 लाख हेक्टेयर में कपास की खेती हुई है, जबक‍ि प‍िछले वर्ष इसका एर‍िया 127.57 लाख हेक्टेयर था. जूट की खेती 6.59 लाख हेक्टेयर में हुई है जो प‍िछले साल से मामूली कम है. 

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