
पिछले 24 घंटे से महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के अकोला और अमरावती जिलों में मूसलधार बारिश का कहर जारी है. लगातार हो रही बारिश ने शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. ग्रामीण क्षेत्रों में बादल फटने जैसी स्थिति बन गई है, तो वहीं शहरों में जलजमाव से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही इस मूसलाधार बारिश से खरीफ की कई फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है.
अमरावती जिले के ग्रामीण हिस्सों में लगातार हुई तेज बारिश से कई नदी-नाले उफान पर आ गए. अमरावती के मोर्शी, वरुड और तिवसा इलाके में बारिश का पानी खेतों में घुसने से खरीफ की फसलें बर्बाद हो गईं हैं. इसमें खासतौर पर सोयाबीन, कपास और संतरे की बगान को भारी नुकसान हुआ है. साथ ही खेतों में पानी भर जाने से किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है, जिससे किसान परेशान हैं कि आखिर उनकी लागत का क्या होगा.
इसके साथ ही अकोला जिले की स्थिति भी कुछ कम गंभीर नहीं है. मुरतिजापुर और अकोट तहसील के कई इलाकों में अचानक बाढ़ जैसे हालात बन गए है. पूर्णा नदी उफान पर बहने लगी है, जिससे आसपास के खेतों में पानी घुस गया है. खेतों में पानी भरने से हजारों एकड़ में खड़ी सोयाबीन और कपास की फसल चौपट हो गई है. साथ ही कई प्रमुख रास्तों पर नाले का पानी बहने से यातायात बाधित हुआ और ग्रामीणों को घंटों तक फंसा रहना पड़ा है.
अकोला के शहरी इलाकों में भी बारिश का कहर देखने को मिला. अकोला शहर की प्रमुख सड़कों पर पानी भर गया है. जलजमाव के कारण यातायात ठप हो गया है और राहगीरों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
अमरावती जिले के तिवसा तहसील के मोजरी गांव में नेशनल हाइवे-6 पर नए बायपास पर भूस्खलन हुआ, जिसके कारण कुछ देर के लिए यातायात बाधित रहा. हालांकि प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई कर मार्ग को फिर से शुरू कर दिया. वहीं, मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में विदर्भ में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. इसे देखते हुए इन दोनों जिलों के किसानों का कहना है कि सरकार को तत्काल फसलों के नुकसान का सर्वे कर मुआवजा देना चाहिए, क्योंकि हजारों एकड़ में खड़ी फसलें बर्बाद हो चुकी हैं.
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