Punjab Flood: ब्यास और सतलुज नदी के उफान से कपूरथला-तरनतारन में भीषण बाढ़, डूबी सैकड़ों एकड़ धान की फसल

Punjab Flood: ब्यास और सतलुज नदी के उफान से कपूरथला-तरनतारन में भीषण बाढ़, डूबी सैकड़ों एकड़ धान की फसल

Punjab Flood: पंजाब के कपूरथला, तरनतारन और फिरोजपुर जिलों में ब्यास और सतलुज नदियों के उफान से भीषण बाढ़ के हालात हैं. इन नदियों के किनारे बसे गांवों में कोई राहत नहीं है. यहां के किसानों की सैंकड़ों एकड़ धान की फसल पानी में डूब चुकी है और प्रशासन से अभी कोई मुआवजा नहीं मिला है.

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Punjab Flood: ब्यास और सतलुज नदी के उफान से कपूरथला-तरनतारन में भीषण बाढ़, डूबी सैकड़ों एकड़ धान की फसलबाढ़ के प्रलय के बीच नांव से जाते ग्रामीण.(Photo: Rohit Kumar Singh/ITG)

पंजाब में ब्यास और सतलुज नदियों के किनारे रहने वाले ग्रामीणों को जलमग्न इलाकों में अभी तक कोई राहत नहीं मिली है. भारी बारिश के बाद यहां नदियां उफान पर हैं. कपूरथला, तरनतारन और फिरोजपुर जिलों के किसानों को अपनी फसल चौपट होने का डर सता रहा है. कपूरथला जिले के सुल्तानपुर लोधी और होशियारपुर जिले के टांडा क्षेत्र में ब्यास नदी से सटे निचले इलाके अभी भी डूबे हुए हैं. तरनतारन के खडूर साहिब क्षेत्र में किसानों ने दावा किया है कि ब्यास नदी में उफान के कारण उनकी फसलें, धान और चारा जलमग्न हो चुके हैं.

पोंग बांध से छोड़ा गया 57,000 क्यूसेक पानी

इसको लेकर पंजाब के परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने तरनतारन के पट्टी में बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, नदी के ऊपरी क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद होशियारपुर के तलवारा में पोंग (ब्यास) बांध से और पानी छोड़ा गया है. बताया जा रहा है कि स्पिलवे गेटों और बांध के पावरहाउस सुरंगों के माध्यम से लगभग 57,000 क्यूसेक पानी ब्यास नदी में छोड़ा गया है. अभी पोंग बांध में 76,700 क्यूसेक पानी का प्रवाह हो चुका है. पोंग जलाशय का जलस्तर 1,378.59 फीट तक पहुंच गया है, जबकि अधिकतम क्षमता 1,390 फीट है. मुकेरियां के उपमंडल अधिकारी (जल निकासी एवं खनन) सुखप्रीत सिंह ने बताया कि शनिवार को ब्यास नदी का जलस्तर 1,03,200 क्यूसेक था.

फिरोजपुर में डूबी फसलें, नहीं मिला मुआवजा

वहीं फिरोजपुर जिले में भी स्थिति गंभीर है, जहां सतलुज नदी के किनारे रहने वाले ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कई दिनों से पानी में डूबे रहने के कारण उनकी फसलें बर्बाद हो गई हैं. कालू वाला गांव के निवासियों ने जिला प्रशासन पर फसल के नुकसान का कोई मुआवजा न देने का आरोप लगाया. इसको लेकर एक किसान गुरमेज सिंह ने कहा, "जिस जमीन पर हम कई सालों से खेती कर रहे हैं, उसकी गिरदावरी (नुकसान का आकलन) हमारे नाम पर स्थानांतरित नहीं की गई है, जिसके कारण हर साल हमारी फसल बर्बाद हो जाती है और हमें कोई मुआवजा नहीं मिलता." किसान ने आगे कहा कि कालू वाला गांव में मेरा चार एकड़ का खेत पिछले दस दिनों से पानी में डूबा हुआ है. मेरी धान की फ़सल बर्बाद हो गई है और मैं बेहद तनाव में हूं. मैं हर रोज़ अपने खेतों में जाता हूं और उम्मीद करता हूं कि पानी का स्तर कम हो गया होगा, लेकिन आज तो पूरी फसल ही डूब गई.

ब्यास नदी से सटे 20 से अधिक गांव प्रभावित

सीमावर्ती गांवों और हरिके हेडवर्क्स का दौरा करने वाली फिरोजपुर की उपायुक्त दीप शिखा शर्मा ने कहा कि हालात नियंत्रण में है. उन्होंने कहा कि प्रशासन पूरी तरह सतर्क है. 'बंध' को मज़बूत करने का काम युद्धस्तर पर चल रहा है. सतलुज नदी का जलस्तर बढ़ा है, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है. वहीं आप विधायक रणबीर सिंह भुल्लर ने शनिवार को टेंडी वाला, जल्लो के, गट्टी राजो के और खुंदर गट्टी गांवों का दौरा किया. ये सभी सतलुज नदी के किनारे बसे हैं. भुल्लर ने इस दौरान अधिकारियों को नदी के किनारों को मज़बूत करने के निर्देश दिए ताकि और बाढ़ न आए. जल निकासी विभाग के अधिकारी खुशविंदर सिंह ने बताया कि कपूरथला के सुल्तानपुर लोधी में ब्यास नदी से सटे 20 से अधिक गांव जलस्तर बढ़ने से प्रभावित हुए हैं. बाद में जलस्तर 1.25 लाख क्यूसेक से घटकर 1.08 लाख क्यूसेक रह गया.

बाढ़ प्रभावितों के लिए क्या कर रहा प्रशासन?

इस बीच, ज़िला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित किसानों को राहत सामग्री पहुंचाने के लिए 10 से ज़्यादा नावें और राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल की दो मोटरबोटें तैनात की हैं. प्रशासन ने मंड क्षेत्र के बाऊपुर से 500 से ज़्यादा ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है, जहां 22 गांवों में सैकड़ों एकड़ धान की फ़सल जलमग्न है. इसमें सबसे ज़्यादा प्रभावित गांव बाऊपुर, बाऊपुर कदीम, जदीद और संगरा हैं. कपूरथला के उपायुक्त अमित कुमार पंचाल ने बताया कि मंड क्षेत्र के लाख वरहियां सरकारी स्कूल में एक राहत केंद्र स्थापित किया गया है. कपूरथला के भोलाथ में, प्रशासन ने तलवंडी कूका स्थित गुरुद्वारा साहिब में चिकित्सा शिविर लगाए. अधिकारियों ने बताया कि पशुओं के लिए हरा चारा और चारा वितरित किया गया और पशुओं की देखभाल के लिए पशु चिकित्सकों को तैनात किया गया है.

(सोर्स- PTI)

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