सोयाबीन की फसल में स्टेम फ्लाई कीट का खतरा, जानें पहचान और बचाव के तरीके

सोयाबीन की फसल में स्टेम फ्लाई कीट का खतरा, जानें पहचान और बचाव के तरीके

सोयाबीन की फसल पर तेजी से फैल रहे स्टेम फ्लाई कीट से बचाव के लिए कृषि विभाग ने आसान और प्रभावी तकनीकी सुझाव जारी किए हैं. इस लेख में जानिए कीट की पहचान, नुकसान और बचाव के प्राकृतिक व रासायनिक उपाय. किसानों के लिए जरूरी गाइडलाइन पढ़ें और अपनी फसल को सुरक्षित बनाएं.

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सोयाबीन की फसल में स्टेम फ्लाई कीट का खतरा, जानें पहचान और बचाव के तरीकेसोयाबीन की फसल पर स्टेम फ्लाई कीट

सोयाबीन भारत की एक महत्वपूर्ण तिलहन फसल है, जिसकी खेती कई राज्यों के किसान बड़ी मेहनत से करते हैं. लेकिन हाल ही में सोयाबीन की फसल पर स्टेम फ्लाई कीट का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है, जिससे फसल को भारी नुकसान होने का खतरा है. इसे देखते हुए कृषि विभाग ने किसानों के लिए विशेष एडवाइजरी जारी की है ताकि वे इस कीट से अपनी फसल को बचा सकें.

स्टेम फ्लाई कीट का खतरा

स्टेम फ्लाई कीट मुख्य रूप से सोयाबीन के पौधों के तनों में सुरंग बनाकर रहता है. यह कीट खासतौर पर अंकुरण के बाद के 10 से 30 दिनों के बीच फसल पर हमला करता है. इससे पौधे की बढ़त रुक जाती है, पत्तियां पीली होने लगती हैं और समय से पहले झड़ने लगती हैं. अगर संक्रमण ज्यादा होता है तो पौधे पूरी तरह सूख भी सकते हैं.

स्टेम फ्लाई कीट की पहचान कैसे करें?

इस कीट की पहचान करना आसान है. तने की ऊपर की त्वचा के नीचे सफेद सुरंग दिखाई देती है, जिसमें कीट का लार्वा रहता है. पौधे की पत्तियां पीली पड़ जाती हैं, और यदि तना छीलें तो अंदर सुरंगनुमा मार्ग और कीट लार्वा दिखाई देता है. संक्रमित पौधे धीमे बढ़ते हैं या मुरझा जाते हैं.

स्टेम फ्लाई से बचाव का तरीका

  • किसानों को चाहिए कि वे फसल की सुरक्षा के लिए सही कृषि क्रियात्मक उपाय और रासायनिक नियंत्रण अपनाएं.
  • समय पर और सही समय पर बुवाई करें. बहुत जल्दी या देर से बुवाई न करें.
  • फसल चक्र अपनाएं और एक ही खेत में लगातार सोयाबीन न उगाएं.
  • सिर्फ प्रमाणित और स्वस्थ बीज का उपयोग करें.
  • बीजोपचार के लिए थायोमेथोक्साम 30% (10 मिली/किलोग्राम बीज) का प्रयोग करें.
  • यदि 10 दिन से अधिक कीट का प्रकोप हो तो इमिडाक्लोप्रिड या फ्लोनिकैमिड जैसे कीटनाशकों का छिड़काव करें.
  • छिड़काव सुबह या शाम के समय करना ज्यादा प्रभावी रहता है.

संक्रमण रोकने के लिए जैविक तरीका अपनाएं

जब संक्रमण कम हो, तो किसान जैविक कीटनाशकों का उपयोग कर सकते हैं. थ्रिप्सन, डेमजेन्टि प्रपानउ जैसे जैविक विकल्प (5 ग्राम/लीटर पानी) से छिड़काव करने पर यह पर्यावरण के लिए सुरक्षित रहते हुए भी कीट नियंत्रण में मदद करते हैं.

किसानों के लिए जरूरी सुझाव

  • बुवाई के बाद 15 से 30 दिन तक फसल की नियमित निगरानी करें.
  • कीट के लक्षण दिखते ही नजदीकी कृषि अधिकारी या कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क करें.
  • किसी भी कीटनाशक का उपयोग करने से पहले उसके लेबल पर दिए गए निर्देश ध्यान से पढ़ें.
  • सामूहिक छिड़काव या समूह प्रबंधन से कीट नियंत्रण बेहतर होता है.

सोयाबीन की फसल पर स्टेम फ्लाई का प्रकोप चिंता का विषय है, लेकिन सही समय पर पहचान और कृषि विभाग द्वारा सुझाए गए उपायों को अपनाकर इससे होने वाले नुकसान को काफी हद तक रोका जा सकता है. इसलिए किसान जागरूक रहें, फसल की नियमित निगरानी करें और उचित समय पर नियंत्रण उपाय करें.

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