खेती आपने तरह-तरह की देखी होगी. अलग-अलग फसलों की खेती देखी होगी. अलग-अलग विधियों से होने वाली खेती भी देखी होगी. लेकिन क्या एक ही खेत में 32 फलों की खेती देखी है आपने? अगर नहीं तो हम आपको इसके बारे में बताते हैं. पंजाब के एक किसान ने ऐसी ही खेती में मिसाल कायम की है. इनका नाम है बलविंदर सिंह जो संगरूर के रोगला गांव के रहने वाले हैं. बलविंदर सिंह ऐसे किसान हैं जिन्होंने अपने खेत में 32 प्रकार के फलों और करीब दो दर्जन से ज्यादा सब्जियों और दालों की खेती की है.
बलविंदर सिंह की खेती में खास बात ये है कि जिन 32 प्रकार के फलों की खेती की गई है, उनमें ज्यादातर फल वो हैं जो पंजाब की धरती पर नहीं होते. ये फल दूसरे राज्यों में होते हैं. ज्यादातर हिमाचल प्रदेश के ठंडे इलाकों में होते हैं जहां बर्फबारी होती है. इन फलों की खेती में अखरोट, बादाम, सेब, कीवी जैसे फल शामिल हैं. दूसरे राज्यों की फसलें जैसे ड्रैगन फ्रूट, खजूर, कॉफी आदि भी एक ही खेत में उगाए जा रहे हैं. इस मिश्रित खेती से संगरूर के किसान बलविंदर सिंह अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं.
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बलविंदर सिंह ने अपने डेढ़ एकड़ खेत में सभी फसलें उगाई हैं जिनमें से कुछ फलों को छोड़कर बाकी सबने अपनी पैदावार देनी शुरू कर दी है. बलविंदर सिंह बताते हैं कि उनके खेत में ड्रैगन फ्रूट पहली बार हुआ. उनके खेत में आठ क्विंटल के करीब ड्रैगन फ्रूट की पैदावार हुई जिसे उन्होंने 200 रुपये किलो के हिसाब से बेचा. सेब से भी उन्हें अच्छी कमाई हुई. बाकी फसलों की खेती नीचे बेड बनाकर होती है. बीच-बीच में बची जगह में सब्जियों और दालों की खेती की गई है. इस तरह बलविंदर सिंह एक ही खेत में कई फसलों की उपज ले रहे हैं.
बलविंदर सिंह ने एक ही खेत में ड्रैगन फ्रूट के अलावा अलसी, सेब, संतरा, कॉफी आदि की फसल लगाई है. लगभग छह राज्यों में होने वाली फसल, फल आदि की खेती एक ही खेत में ली जा रही है. इसमें ऐसे फल भी हैं जो पंजाब में नहीं होते. फल के अलावा बलविंदर सिंह वह सारी उपज अपने खेत में ले रहे हैं जो पंजाब में भी होती है. इसमें मेथी, गाजर, धनिया आदि भी शामिल हैं. बलविंदर सिंह कहते हैं कि खेती में जोखिम लिया जाए और मेहनत की जाए तो उसका अच्छा फल जरूर मिलता है.
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बलविंदर सिंह का कहना है उन्हें मिश्रित खेती में सेब, कीवी और ड्रैगन फ्रूट से अधिक लाभ मिल रहा है. बलविंदर सिंह अभी तक अपने खेत से 50-60 हजार रुपये का सेब बेच चुके हैं. 200 रुपये की दर से आठ क्विंटल ड्रैगन फ्रूट की बिक्री कर चुके हैं. वे कहते हैं कि इस साल 8 क्विंटल ड्रैगन फ्रूट हुआ है जो अगले साल 30-40 क्विंटल तक जा सकता है. बलविंदर सिंह को धान और गेहूं की तुलना में इस मिश्रित खेती से बेहद अच्छी कमाई हो रही है.
बलविंदर सिंह बाकी किसानों से अपील करते हैं कि वे भी खेती में बदलाव करें जिससे उनकी कमाई बढ़ सकती है. वे सरकार से अपील करते हैं कि इस तरह की मिश्रित खेती के लिए सरकार से सहयोग मिलना चाहिए. बलविंदर सिंह के मुताबिक ड्रैगन फ्रूट की खेती पर चार लाख रुपये खर्च हुए हैं. वे सरकार से इस खेती पर सब्सिडी की मांग करते हैं ताकि अधिक से अधिक किसान इसकी खेती में उतरें. इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी और उनके घरों में समृद्धि आएगी.(विक्की की रिपोर्ट)
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