देश में रबी फसलों एरिया 2022-23 में 682.03 लाख हेक्टेयर हो चुका है, जो पिछले साल के मुकाबले रिकॉर्ड 23.08 लाख हेक्टेयर ज्यादा है. गेहूं के अच्छे दाम ने इसकी खेती के प्रति किसानों को प्रेरित किया है, जिससे इस साल इसका रकबा 337.18 लाख हेक्टेयर में पहुंच चुका है. यह पिछले साल के मुकाबले 4.66 लाख हेक्टेयर अधिक है. केंद्र सरकार ने 13 जनवरी को रबी फसलों की कवरेज का जो आंकड़ा जारी किया है उसके मुताबिक मध्य प्रदेश, पंजाब और हरियाणा जैसे प्रमुख गेहूं उत्पादक सूबों में इसका रकबा कम हो गया है. यह अपने आप में चौंकाने वाली बात है कि गेहूं का दाम बढ़ने के बावजूद इन राज्यों में क्षेत्र कम हो गया है. हालांकि, अभी फाइनल आंकड़ा आना बाकी है.
मंत्रालय के मुताबिक जिन क्षेत्रों में गेहूं का रकबा बढ़ा है उनमें उत्तर प्रदेश (2.92 लाख हेक्टेयर) प्रमुख तौर पर शामिल है. जो देश में गेहूं का सबसे बड़ा उत्पादक है. इसके अलावा राजस्थान (2.52 लाख हेक्टेयर), महाराष्ट्र (1.01 लाख हेक्टेयर), बिहार (0.81 लाख हेक्टेयर), छत्तीसगढ़ (0.65 लाख हेक्टेयर), गुजरात (0.54 लाख हेक्टेयर), पश्चिम बंगाल (0.09 लाख हेक्टेयर), जम्मू और कश्मीर (0.07 लाख हेक्टेयर) और असम (0.03 लाख हेक्टेयर) में भी एरिया बढ़ा है. जबकि, मध्य प्रदेश में 3.05 लाख हेक्टेयर, पंजाब में 0.20 और हरियाणा में 0.19 लाख हेक्टेयर एरिया कम हुआ है.
ये तो रही गेहूं की बात. इस साल धान की बुवाई का रकबा 13 जनवरी तक 19.62 लाख हेक्टेयर की तुलना में लगभग 26.22 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है. इस प्रकार पिछले वर्ष की तुलना में 6.60 लाख हेक्टेयर अधिक क्षेत्र को कवर किया गया है. रबी सीजन का धान न लगाने की अपील करने के बावजूद तेलंगाना में इसका एरिया 5.44 लाख हेक्टेयर बढ़ गया है. इसके अलावा असम (0.53 लाख हेक्टेयर), तमिलनाडु (0.50 लाख हेक्टेयर), पश्चिम बंगाल (0.32 लाख हेक्टेयर), छत्तीसगढ़ (0.27 लाख हेक्टेयर) और ओडिशा में (0.21 लाख हेक्टेयर) एरिया बढ़ गया है.
केंद्रीय कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार दलहन फसलों की बुवाई भी बढ़ गई है. फसल सीजन 2022-23 के दौरान 13 जनवरी तक 161.09 लाख हेक्टेयर में दलहन फसलों की बुवाई हुई है. जबकि पिछले साल इसी दौरान 159.44 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई थी. महाराष्ट्र (2.70 लाख हेक्टेयर), ओडिशा (2.30 लाख हेक्टेयर), राजस्थान (1.06 लाख हेक्टेयर), कर्नाटक (0.97 लाख हेक्टेयर), छत्तीसगढ़ (0.49 लाख हेक्टेयर), बिहार (0.46 लाख हेक्टेयर) और पश्चिम बंगाल (0.33 लाख हेक्टेयर) में एरिया बढ़ गया है.
जबकि कर्नाटक (0.63 लाख हेक्टेयर), मध्य प्रदेश (0.41 लाख हेक्टेयर), हिमाचल प्रदेश (0.03 लाख हेक्टेयर), असम (0.03 लाख हेक्टेयर), तमिलनाडु (0.02 लाख हेक्टेयर) और झारखंड (0.01 लाख हेक्टेयर) में दलहन फसलों का एरिया घटा है. चने की बुवाई घट गई है. रबी फसल सीजन 2022-23 में 109.56 लाख हेक्टेयर में चना बोया गया है जबकि जबकि पिछले साल 13 दिसंबर तक 110.87 लाख हेक्टेयर का एरिया था.
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक रबी फसल सीजन 2021-22 के दौरान 13 जनवरी तक 99.65 लाख हेक्टेयर में तिलहन फसलों की बुवाई हुई थी. जबकि इस साल 107.52 लाख हेक्टेयर रकबा दर्ज किया गया है. यानी पिछले साल के मुकाबले 7.87 लाख हेक्टेयर क्षेत्र बढ़ गया है. तिलहन फसलों का सबसे ज्यादा 4.43 लाख हेक्टेयर रकबा राजस्थान में बढ़ा है. मध्य प्रदेश में 2.70 लाख हेक्टेयर, छत्तीसगढ़ में 0.64 लाख हेक्टेयर और ओडिशा में 0.56 लाख हेक्टेयर एरिया बढ़ा है.
हालांकि, उत्तर प्रदेश (0.74 लाख हेक्टेयर), तेलंगाना (0.45 लाख हेक्टेयर), गुजरात (0.31 लाख हेक्टेयर), हरियाणा (0.24 लाख हेक्टेयर), झारखंड (0.05 लाख हेक्टेयर) और कर्नाटक (0.03 लाख हेक्टेयर) में तिलहन फसलों का रकबा कम हो गया है. सरसों का रकबा 13 जनवरी तक 96.85 लाख हेक्टेयर हो गया है. जबकि इस अवधि तक रबी फसल वर्ष 2021-22 में इसका एरिया 89.78 लाख हेक्टेयर था. यानी 7.07 लाख हेक्टेयर की वृद्धि.
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