महाराष्ट्र के इस किसान ने की ताइवानी तरबूज की चार किस्मों की खेती, कम लागत में मिल रहा अच्छा मुनाफा

महाराष्ट्र के इस किसान ने की ताइवानी तरबूज की चार किस्मों की खेती, कम लागत में मिल रहा अच्छा मुनाफा

पुणे जिले के एक किसान ताइवानी तरबूज की चार किस्मों की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. इन किस्मों में सरस्वती, आरोही, विशाला और हैप्पी फैमिली शामिल हैं. किसान कम लागत में तरबूज से अच्छी कमाई कर रहे हैं. अपने रंग के चलते इन तरबूजों की बहुत अच्छी मांग देखी जा रही है. 

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महाराष्ट्र के इस किसान ने की ताइवानी तरबूज की चार किस्मों की खेती, कम लागत में मिल रहा अच्छा मुनाफाकिसान ने ताइवानी तरबूज 4 किस्मों की खेती की

परंपरागत खेती में अधिक लाभ न होता देख किसान अब नई फसलों की तरफ रुख करने लगे हैं. इनमें से कुछ फसलें विदेशी प्रजाति की भी हैं. इन फसलों की खेती में रिस्क लेने पर किसानों को बेहतर मुनाफा भी मिल रहा है. वहीं महाराष्ट्र के पुणे जिले में रहने वाले किसान कोंडाजी बबन सणस पिछले तीन साल से अपने एक एकड़ जमीन में चार किस्म की ताइवानी तरबूज की खेती कर रहे हैं. वह इस फसल से महज कुछ ही महीनों में एक लाख रुपये से ज्यादा का मुनाफा कमा रहे हैं. 

बबन सणस बताते हैं कि इस फल से कम लागत में अच्छा उत्पादन और मुनाफा मिलता है. वे बताते हैं कि उनके पास जो तरबूज की किस्में हैं उनका नाम है सरस्वती, आरोही, विशाला और हैप्पी फैमिली. किसान सणस का कहना कि सबसे ज्यादा आरोही किस्म के तरबूज की डिमांड होती है और उसका दाम भी सबसे ज्यादा मिलता है. किसान का ये तरबूज अधिकतर मॉल्स और बड़े शहरों में जाता है. यह तरबूज दिखने में ऊपर से हरा और अंदर से पीले रंग का होता है. इस तरबूज का वजन पांच से छह किलो का होता है. सणस बताते है कि जो भारत में तरबूज मिलता है उसका दाम पांच से छह रुपये किलो होता है. लेकिन ताइवानी किस्म के तरबूज का चार गुना अधिक दाम मिलता है. 

कम लागत में अधिक मुनाफा

कोंडाजी बबन सणस बताते हैं कि ताइवानी तरबूज काफी मुनाफे वाला होता है. इसे उगाने में एक एकड़ में 50 हज़ार तक का खर्च आता है. ये तरबूज सिर्फ 60 दिनों में पूरी तरह से तैयार हो जाता है. सणस को इस साल अपने एक एकड़ से 12 से 13 टन का उत्पादन मिला है. बबन सणस अपने घर में ही गोबर का खाद बनाते हैं. इसकी वजह से उनकी लागत और भी बच जाती है. उन्हें इस फसल से एक लाख रुपये से ज्यादा का मुनाफा हुआ है. उनका कहना है कि गर्मियों में और भी अच्छा रेट मिलने की उम्मीद है. पुणे जिले में बबन सणस अकेले ही इस ताइवानी तरबूज की खेती करते हैं. 

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तरबूज की क्या है खासियत 

कोंडाजी बबन सणस ने बताया कि उनके पास जो चार किस्म के तरबूज हैं, उनका नाम सरस्वती, आरोही, विशाला और हैप्पी फैमिली है. इनमें से आरोही किस्म की डिमांड ज्यादा रहती है और ये दिखने में हरा रंग का होता है और अंदर से पीले रंग का होता है, इसका स्वाद अनन्नास के जैसा होता है. इसका दाम भी सबसे ज्यादा 21 रुपये प्रति किलो मिलता है. वहीं विशाला किस्म का तरबूज दिखने में पीले रंग का होता है और अंदर से लाल रंग का होता है. इसके अलावा सरस्वती की किस्म हल्के हरे रंग की होती है और इसका आकार गोल होता है. ये किस्म बाज़ारों में जल्दी नहीं मिलती है. इसका दाम बाज़ार में 16 रुपये प्रति किलो तक मिलता है. वहीं हैप्पी फैमिली किस्म तरबूज की बात करें तो ये हल्के हरे की होती है और इसमें बीज बिल्कुल भी नहीं होता है. बबन सणस ने ताइवान से इसके बीज मंगाए थे.सणस का कहना है कि गर्मियों में इन तरबूजों की मांग बहुत ज्यादा बढ़ जाती है और भाव भी अच्छा मिलता है.

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