आंवले की बागवानी के साथ गेहूं की खेती कर किसान ने पेश की मिसाल, यूपी सरकार से मिला पुरस्कार

आंवले की बागवानी के साथ गेहूं की खेती कर किसान ने पेश की मिसाल, यूपी सरकार से मिला पुरस्कार

रायबरेली के किसान रामगोपाल चंदेल की खेती मॉडल को देखकर मुख्यमंत्री के द्वारा ₹100000 के पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. रामगोपाल अपने खेत में बागवानी के साथ-साथ सह-फसल खेती के रूप में गेहूं का भी उत्पादन करते हैं जिसके चलते उनकी आय में काफी इजाफा हुआ है.

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आंवले की बागवानी के साथ गेहूं की खेती कर किसान ने पेश की मिसाल, यूपी सरकार से मिला पुरस्कारआंवले की बागवानी में मुनाफ़ा

केंद्र सरकार द्वारा किसानों की आमदनी को दोगुना करने का प्रयास लगातार जारी है. इसके मद्देनजर कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को मल्टी लेयर फार्मिंग और सहफसली खेती के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है. वही उत्तर प्रदेश में कई किसानों ने खेती के ऐसे मॉडल विकसित किए हैं जिसकी खूब तारीफ हो रही है. रायबरेली जनपद के ऐसे ही किसान रामगोपाल चंदेल भी हैं, जिन्हें खेती के मॉडल विकसित करने की वजह से मुख्यमंत्री द्वारा ₹100000 के पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. रामगोपाल अपने खेत में बागवानी के साथ-साथ सह-फसल खेती के रूप में गेहूं का भी उत्पादन करते हैं जिसके चलते उनकी आय में काफी इजाफा हुआ है. उनके इस प्रयास में उद्यान विभाग भी पूरा सहयोग कर रहा है.

मुनाफे से भरपूर है आंवले की बागवानी

उत्तर प्रदेश में आंवले का सबसे ज्यादा उत्पादन प्रतापगढ़ में होता है. वही कोरोना महामारी के बाद आंवले का प्रयोग बढ़ चुका है. आयुर्वेद में भी आंवले के पदों का खूब वर्णन मिलता है. आंवले में विटामिन सी की भरपूर मात्रा पाई जाती है. इसके अलावा इसमें कैल्शियम, आयरन फास्फोरस, विटामिन ए, विटामिन ई जैसे पोषक तत्व भी पाया जाता है. वहीं आंवले से मुरब्बा, कैंडी, बर्फी पाउडर और जूस से लेकर आचार जैसे कई खाद्य सामान बनते हैं. आंवले की बागवानी करने वाले किसान रामगोपाल चंदेल बताते हैं कि उन्होंने 8 एकड़ में आंवले का बाग लगाया है जिसके माध्यम से हर साल उन्हें पांच से ₹600000 की आमदनी होती है, जबकि आंवले की खेती के लिए किसी उपजाऊ जमीन की आवश्यकता नहीं होती है.आंवले की बागवानी के लिए लागत भी कम लगती है. उनके पास आंवले की चकला, N-7 किस्में मौजूद हैं, जिनका मुरब्बा बनाने में काफी ज्यादा उपयोग होता है.

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आंवले के साथ से सह-फसल खेती से बढ़ा मुनाफा

रायबरेली जनपद के ऊंचाहार के किसान राम गोपाल चंदेल आंवले के 8 एकड़ बाग के साथ-साथ गेहूं की खेती करते हैं. ज्यादातर किसानों के द्वारा आंवले के साथ से किसी फसल की खेती नहीं की जाती है. अगर किसान आंवले के साथ किसी फसल खेती करते हैं तो उनकी आय में काफी ज्यादा इजाफा होता है. उनके खेती के मॉडल के चलते ही उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा किसान दिवस के मौके पर ₹100000 का राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया. आंवले से हर साल जहां उन्हें पांच से ₹600000 की आमदनी होती है वहीं गेहूं की खेती से उन्हें ₹400000 तक की आमदनी होती है. इस तरह से उन्हें 1 साल में आंवले के साथ गेहूं की खेती से 1000000 रुपए से ज्यादा की आमदनी होती है.

आंवले की बागवानी के लिए सरकार से मिलता है अनुदान

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बागवानी और सब्जियों की खेती करने के लिए अनुदान दिया जा रहा है. वहीं उद्यान विभाग के द्वारा आंवले की खेती को बढ़ावा देने के लिए ₹18000 प्रति हेक्टेयर की छूट किसानों को दी जाती है. आंवले की खेती के लिए इच्छुक किसानों को उद्यान विभाग की वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होता है. आवेदन के लिए बैंक पासबुक, आधार कार्ड और दो फोटो की जरूरत होती है.

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