खराब मौसम, एक्सपोर्ट पॉलिसी में बदलाव और कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव से प्याज की खेती संकट में है. महाराष्ट्र के किसान संगठनों ने सरकार से प्याज को भी एमएसपी फ्रेमवर्क में शामिल करने की मांग की है ताकि उन्हें स्थिर दाम और सुरक्षा मिल सके.
महाराष्ट्र के वाशिम जिले की उपज मंडियों में किसान बारिश से बची हुई सोयाबीन बेचने पहुंचे. 3 से 4 हजार रुपये प्रति क्विंटल के भाव से फसल बिक रही है, लेकिन लागत भी नहीं निकल पा रही. किसानों ने सरकार से कहा — "अगर सही दाम मिल जाए तो कर्ज माफी की जरूरत ही नहीं पड़े."
महाराष्ट्र के जालना जिले में किसान शंकर गाडेकर ने सात साल की मेहनत से लगाए 400 सीताफल के पेड़ों को जेसीबी से नष्ट कर दिया. लगातार घाटे, कीट प्रकोप और बाजार में गिरती कीमतों से परेशान किसान ने यह कदम उठाया.
बेमौसम बारिश से फसल चौपट, किसानों में निराशा. एक ओर बच्चू कडू का आंदोलन, दूसरी ओर खेतों में जल रही मेहनत. विदर्भ के हालात दिखा रहे हैं कि मौसम, बाजार और मुआवजे के बीच किसान कैसे पिस रहा है.
नासिक, धुले, अहमदनगर समेत छह जिलों में प्याज की नर्सरियां बरबाद. किसान संघ ने सरकार से राहत पैकेज, मुफ़्त बीज और ‘भावांतर योजना’ लागू करने की मांग की.
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