महाराष्ट्र के विपणन मंत्री जयकुमार रावल ने कहा है कि प्याज के स्टॉक पर निर्णय लेते समय नैफेड को उनके विभाग के साथ मिलकर काम करना चाहिए, क्योंकि स्वतंत्र कदम उठाने से किसान और उपभोक्ता दोनों प्रभावित हो सकते हैं. उन्होने नेफेड से कहा है कि ऐसे निर्णय राज्य के परामर्श से लिए जाने चाहिए.
महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर जिले में भारी बारिश के कारण सैकड़ों हेक्टेयर खेतों में खड़ी फसलें डूब गईं. रविवार देर रात से जारी मूसलाधार बारिश के ऊपर से जायकवाड़ी डैम से पानी भी छोड़ा गया जिससे हालात और भी गंभीर हो गए हैं. तुअर, उड़द, सोयाबीन, कपास, मक्का और प्याज पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं.
Hingoli Crop Damage: महाराष्ट्र के हिंगोली जिले में भारी बारिश से बसमत और ओंढा तहसील के कई गांवों में सोयाबीन, तुअर, कपास और हल्दी की फसलें तबाह हो गईं. खेतों में घुटनों तक पानी भर गया है. किसानों ने सरकार से तुरंत पंचनामा कर मुआवजा देने की मांग की है, ताकि नुकसान की भरपाई हो सके.
Marathwada Crop Damage: मराठवाड़ा में मॉनसून की तबाही से 50 लोगों की मौत और 5.62 लाख हेक्टेयर में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. क्षेत्र में नांदेड़ जिला सबसे अधिक प्रभावित रहा, जहां 18 मौतें और 2.62 लाख हेक्टेयर फसलें नष्ट हुईं हैं.
महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक किसान संघ के नेतृत्व में 12 सितंबर से महाराष्ट्र में "फ़ोन हड़ताल" होगा. यह हड़ताल लगातार सात दिनों तक जारी रहेगी. इस हड़ताल के दौरान, हर प्याज किसान विधायकों, सांसदों, राज्य के मंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, उपमुख्यमंत्रियों और केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रियों को सीधे फोन करके जवाब मांगेगा.
Maharashtra Crop Compensation: महाराष्ट्र में भारी बारिश से 29 जिलों की 14.44 लाख हेक्टेयर फसलें डूबकर बर्बाद हो गईं. कृषि मंत्री दत्तात्रेय भरणे ने कहा कि सोयाबीन, कपास, मक्का समेत कई फसलों को नुकसान हुआ है और हर प्रभावित किसान को मुआवजा मिलेगा.
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