आजकल किसानों की ऐसी कई तस्वीरें दिखाई दे जाती हैं जिनमें वे अपनी उपज को फेंक रहे होते हैं या फसलों पर ट्रैक्टर चलाते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि किसान को उसकी उपज का सही दाम नहीं मिलता. किसानों की शिकायत है कि जब खेती में लगे मजदूर का भी खर्च नहीं निकलेगा, तो किसान अपनी पैदावार का क्या करेगा. इस तरह की कई शिकायतें और घटनाएं पूरे देश से सामने आ रही हैं. इसी में एक नया मामला झारखंड के रामगढ़ जिले का है. यहां के किसान सब्जियों की सही कीमत नहीं मिलने से नाराज हैं और उपज पर ट्रैक्टर चलाने के लिए मजबूर हैं.
झारखंड के रामगढ़ जिले में किसानों को अपने सब्जियों के सही मूल्य नहीं मिल रहे हैं. इससे किसानों में घोर नाराजगी देखी जा रही है. फूलगोभी और बंदगोभी का सही मूल्य बाजार में नहीं मिल रहा है. किसानों ने बताया कि एक रुपया बंदगोभी और दो रुपये फूलगोभी बाजार में बेचने को मजबूर हैं. इस कारण उन्हें अपनी लागत निकालने में भी मुश्किल हो रही है. उचित मूल्य नहीं मिलने से परेशान किसान अपने खेतों में लगी गोभी की फसल पर ट्रैक्टर चलाकर रौंद रहे हैं.
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ऐसी हालत एक किसान की नहीं है बल्कि कई किसानों की यही समस्या है. सही लागत नहीं मिलने और खेती में हुए घाटे की भरपाई के लिए किसान सरकार से मुआवजा चाहते हैं. किसानों ने बताया कि अगर बाजार की यही स्थिति रही तो किसान खेती किसानी करना छोड़ देगा. अपनी खुद की फसल पर ट्रैक्टर चलाने वाले किसान टिकेंद्र महतो ने बताया कि फूलगोभी और बंदगोभी का दाम एक-दो रुपये भी नहीं मिल रहा है. इसलिए पूरी फसल पर वे ट्रैक्टर चला रहे हैं. इस फसल को निकालने और बाजार तक ले जाने का भी खर्च नहीं निकल रहा है.
महिला किसान प्रमिला देवी ने बताया कि फूलगोभी दो रुपये किलो बेचने पर भी कोई नहीं ले रहा है. ऐसे में उन्हें बेचने का क्या फायदा. उनकी खेती की लागत भी नहीं निकल पा रही है. सब्जी बेचने वाले प्रसादी महतो ने कहा कि फूलगोभी और बंदगोभी का बहुत बुरा हाल है. ग्राहक इन दोनों सब्जी को एक-दो रुपये किलो भी नहीं ले रहे हैं. हालांकि बड़े शहरों में मामला उलटा है. दिल्ली जैसे शहर में आज भी फूलगोभी के दाम 30 रुपये और बंदगोभी 20 रुपये किलो चल रहा है. लेकिन किसानों की स्थिति ये है कि उन्हें एक-दो रुपये किलो बेचने के लिए भी ग्राहक नहीं मिल रहे हैं.
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किसानों की फूलगोभी और बंदगोभी की स्थिति ये हो चली है कि उसे बकरी और गायों को चारे के रूप में खिलाया जा रहा है. बाजार में इन सब्जियों की कोई मांग नहीं रह गई. यहां तक कि एक रुपया किलो भी खरीदने वाला कोई ग्राहक नहीं है. किसान इन फसलों के खेत में ट्रैक्टर चला कर अगली फसल की तैयारी में लग गए हैं. महिला किसान प्रमिला देवी कहती हैं कि ट्रैक्टर चला कर अगली फसल की तैयारी की जा रही है, वर्ना आगे की फसल भी पिछड़ जाएगी. रामगढ़ में ऐसे कई किसान हैं जो लागत नहीं निकलने से परेशान हैं और गोभी के खेत में ट्रैक्टर चला रहे हैं.(रिपोर्ट/राजेश वर्मा)
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