हरियाणा के यमुनानगर के किसान एक बात को लेकर बहुत खुश हैं. पिछले तीन-चार महीनों में यहां चिनार की लकड़ी के दाम 500 रुपये प्रति कुंटल तक बढ़ गए हैं. इस बड़ी बढ़ोतरी के कारण चिनार उगाने वाले किसानों में बेहद खुशी है. दरअसल, यमुनानगर में अब तक उत्तर प्रदेश से सबसे अधिक चिनार की लकड़ी आती थी जिसका इस्तेमाल फर्नीचर जैसे काम में बहुतायत में होता है. लेकिन हाल के महीनों में यमुनानगर में उत्तर प्रदेश की लड़की की आवक कम हो गई है. ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि उत्तर प्रदेश के चिनार उत्पादक किसानों की लकड़ी उनके अपने ही प्रदेश में बिक जाती है.
उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ साल में प्लाईवुड की कई फैक्ट्रियां खुल गई हैं जहां किसान अपनी लकड़ी को आराम से बेच लेते हैं. उन्हें आमदनी के लिए चिनार की लकड़ी को हरियाणा के यमुनानगर में नहीं भेजना होता है. इससे एक तरफ उत्तर प्रदेश के किसानों को अपने गृह प्रदेश में फायदा हुआ है, तो दूसरी ओर यमुनानगर के किसानों को चिनार के क्षेत्र में एक बड़ा मौका मिल रहा है. अब यमुनानगर के किसान अपना चिनार बेचकर अच्छी कमाई कर सकेंगे. उत्तर प्रदेश से चिनार की लकड़ी नहीं आने से यमुनानगर में चिनार के दाम प्रति कुंटल 500 रुपये तक बढ़ गया है.
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यमुनानगर में चिनार के दाम बढ़ने से किसान अब ज्यादा से ज्यादा चिनार उगाने के लिए आगे आ रहे हैं. चिनार की कमी होने से प्लाईवुड की कमी देखी जा रही है जिसका उलटा असर फर्नीचर उद्योग पर देखा जा रहा है. पहले यमुनानगर का 80 परसेंट प्लाईउड उत्तर प्रदेश का होता है, लेकिन इस ट्रेंड में बड़ा बदलाव देखा जा रहा है.
'दि ट्रिब्यून' की एक रिपोर्ट बताती है, 12 से 17 इंच डायमीटर वाली चिनार की लकड़ी एक साल पहले तक 800 रुपये प्रति कुंटल मिलती थी. यह हिसाब जनवरी 2022 की है. अब उसी साइज का प्लाईवुड 1300 रुपये से 1400 रुपये प्रति कुंटल पर पहुंच गई है. इससे चिनार के किसानों में खुशी देखी जा रही है. वे इस बढ़े हुए दाम का फायदा लेने के लिए अधिक से अधिक चिनार उगा रहे हैं. 18 इंच डायमीटर वाले प्लाईवुड का दाम पिछले 2-3 महीने में 1200 रुपये से बढ़कर 1400 रुपये हो गया है.
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यमुनानगर के देवधर गांव के एक चिनार किसान का कहना है कि हाल के महीनों में प्लाईवुड के दाम बढ़ने से किसानों में खुशी है, क्योंकि उनकी कमाई बढ़ने की संभावना अधिक हो गई है. अब किसान तीन साल में ही चिनार के पेड़ों की कटाई कर लेते हैं क्योंकि पहले पांच साल पर जितना दाम मिलता था, उससे अधिक तीन साल में ही मिलने लगा है.
प्लाईवुड के दाम बढ़ने से चिनार की नर्सरी के दाम भी तेजी से बढ़ रहे हैं. एक किसान का कहना है कि अभी एक चिनार की नर्सरी 45 रुपये में बिक रही है जबकि पिछले साल इसका दाम 32 रुपये हुआ करता था. यमुनानगर में किसान बड़े पैमाने पर चिनार की बागवानी करते हैं जहां गन्ने और गेहूं की मेढ़ पर चिनार के पौधे उगाए जाते हैं और कमाई की जाती है.
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