नूंह में इस बार सब्जी उत्पादक किसान हताश और निराश हैं. उनकी निराशा की वजह करेला और घीया इत्यादि बेल की सब्जियों का मंडी में अच्छा भाव नहीं मिलना है. रही- सही कसर बिजली की कटौती और सब्जी फसलों में डाले जाने वाली नकली दवाई पूरा कर रही है. इस बार नगीना खंड के दर्जन भर से अधिक गांवों के किसानों ने करेला, घीया, टमाटर आदि सब्जी की फसलें लगाई थी. लेकिन करेला का भाव महज 9 - 10 रुपये प्रति किलो मंडी में किसानों को मिल रहा है.
हरियााणा के कृषि मंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार किसानों के साथ है, खरीदे गए गेहूं का उठान जल्द से जल्द हो और किसानों को उनके बैंक खाते में जल्द से जल्द भुगतान मिले इसके लिए हरियाणा सरकार पूरी तरह प्रयासरत है. छछरौली अनाज मंडी में लिफ्टिंग के बारे में डीएफएससी को विशेष निर्देश दिए गए हैं, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही सहन नहीं की जाएगी.
भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) ने कृषि और किसान कल्याण विभाग, हरियाणा के महानिदेशक और खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग, हरियाणा के निदेशक को पत्र लिखकर धान खरीद को लेकर नीति की साफ जानकारी देते हुए किसानों में फैले भ्रम को दूर करने की मांग की है.
हरियाण में खरीदे गए गेहूं में से 46 प्रतिशत गेहूं का उठान होना बाकी है. इसके कारण मंडियों में नई आवक के लिए जगह की कमी पड़ रही है. ‘दि ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के मुताबिक, खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक गेहूं उठान का काम धीमा चल रहा है.
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पिछले दिनों कैथल में विधायक के साथ एक मंडी मंडी का दौरा भी किया और अव्यवस्था का आरोप लगाया. कांग्रेस नेता ने कहा कि बड़ी संख्या में किसान उपज लेकर सड़कों पर भीषण गर्मी में फसल बेचने के लिए खड़े हैं.
कृषि और किसान कल्याण विभाग के फसल कटाई प्रयोगों से मिले शुरुआती आंकड़े में प्रति एकड़ लगभग 24 क्विंटल औसत उपज का खुलासा हुआ है, जो पिछले सीजन की औसत उपज 23 क्विंटल प्रति एकड़ से एक क्विंटल अधिक है.
मंडियों में किसानों से बातचीत करते हुए कृषि मंत्री ने खरीद कामों को लेकर फीडबैक लिया और अधिकारियों को खरीद प्रक्रिया को बिना किसी बाधा और पूरी पारदर्शिता के साथ खरीद करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा, “मैंने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि वे कुशलता और पारदर्शिता बनाए रखें.
गर्मी बढ़ने के साथ ही हाईटेंशन लाइन के तार टूटने, स्पार्किंग, शॉर्ट-सर्किट के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. लेकिन ऐसी कई घटनाएं खेतों के लगे बिजली टॉवर में और गुजर रही लाइन में होने से खड़ी फसलों में आग लग रही है. ऐसा ही कुछ सोनीपत के कामी रोड गांव में हुआ, जहां किसान की 3 एकड़ फसल जलकर राख हो गई.
हैफेड के नवनियुक्त जीएम उधम सिंह ने कार्यभार संभाला तो कर्मचारी और नेवल गोदाम के पास रहने वालों ने गेहूं में सुरसुरी होने की शिकायत दी. इसके बाद जांच में गेहूं के खराब होने की पुष्टि हुई. पता चला कि हैफेड के गोदामों में करोड़ों का गेहूं पूरी तरह से खराब हो चुका है जो इस्तेमाल के लिए बिल्कुल नहीं बचा.
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