विधानसभा चुनावों से पहले जम्‍मू, डोडा और सांबा किले में तब्‍दील, 300 अतिरिक्‍त कंपनियां तैनात

विधानसभा चुनावों से पहले जम्‍मू, डोडा और सांबा किले में तब्‍दील, 300 अतिरिक्‍त कंपनियां तैनात

जम्मू-कठुआ रेंज के डीआईजी शिव कुमार शर्मा ने सुरक्षा बलों का स्वागत किया है.  ये अर्धसैनिक बल जम्‍मू कश्‍मीर में विधानसभा चुनावों के दौरान सुरक्षा बनाए रखने के लिए जम्मू, कठुआ और सांबा जिलों में तैनात रहेंगे. कुछ दिनों पहले इंटलीजेंस रिपोर्ट में कहा गया था कि आतंकी उम्‍मीदवारों को निशाना बना सकते हैं.

Advertisement
विधानसभा चुनावों से पहले जम्‍मू, डोडा और सांबा किले में तब्‍दील, 300 अतिरिक्‍त कंपनियां तैनात जम्‍मू कश्‍मीर में चुनावों के मद्देनजर सुरक्षा सख्‍त

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों की तैयारियां जोरों पर है. यह बात गौर करने वाली है कि चुनाव के ऐलान के पहले से ही घाटी में आतंकी वारदातों में तेजी आई है. ऐसे में चुनाव आयोग और सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं. ताजा जानकारी के अनुसार घाटी में चुनावों से पहले अर्धसैनिक बलों की 300 से ज्‍यादा कंपनियों को तैनात करने का फैसला किया गया है. जम्‍मू कश्‍मीर में 18 सितंबर को पहले चरण के मतदान के साथ ही विधानसभा चुनावों का आगाज होगा. 25 सितंबर को दूसरा चरण और 1 अक्‍टूबर को तीसरे चरण के लिए वोटिंग होगी. जबकि नतीजे 4 अक्‍टूबर को घोषित किए जाएंगे. 

उम्‍मीदवारों पर हमले की आशंका 

बुधवार रात जम्मू-कठुआ रेंज के डीआईजी शिव कुमार शर्मा ने सुरक्षा बलों का स्वागत किया है.  ये अर्धसैनिक बल जम्‍मू कश्‍मीर में विधानसभा चुनावों के दौरान सुरक्षा बनाए रखने के लिए जम्मू, कठुआ और सांबा जिलों में तैनात रहेंगे. कुछ दिनों पहले इंटलीजेंस रिपोर्ट में कहा गया था कि आतंकी उम्‍मीदवारों को निशाना बना सकते हैं. इसे देखते हुए चुनाव आयोग ने गृह मंत्रालय से 1600 से ज्‍यादा सेंट्रल आर्म्‍ड पुलिस फोर्स (सीएपीएफ) जवानों को तैनात करने के लिए कहा था. चुनाव आयोग ने उम्‍मीदवारों को व्‍यक्तिगत सुरक्षा प्रदान करने का फैसला किया है. 

यह भी पढ़ें-Jammu Kashmir Election: एक दशक पहले जम्‍मू कश्‍मीर चुनावों के बाद कैसा था हाल, कैसे थे नतीजे 

चुनाव में बाधा डालने की साजिश! 

अधिकारियों की मानें तो खुफिया एजेंसियों ने रिपोर्ट दी है कि आतंकवादी संगठन राजनीतिक दलों पर कड़ी नजर रख रहे हैं. साथ ही ये आतंकी टारगेटेड किलिंग का खतरनाक प्‍लान तैयार कर रहे हैं. न्‍यू इंडियन एक्‍सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि इंटेलीजेंस एजेंसियां सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की बारीकी से निगरानी कर रही हैं. उन्‍हें पता लगा है कि घाटी में सक्रिय आतंकी चुनावी प्रक्रिया में बाधा डालने के मकसद से हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं. 

यह भी पढ़ें-जम्‍मू कश्‍मीर चुनाव: किसी पार्टी को नहीं मिलेगा बहुमत-इल्तिजा मुफ्ती ने की भविष्‍यवाणी!  

कई संवेदनशील इलाकों में वोटिंग 

सूत्रों की मानें तो आतंकी संगठनों ने चुनावों के बायकॉट की अपील की है. साथ ही अपने गुर्गों को हिट-एंड-रन हमलों की को अंजाम देने का ऑर्डर दिया है.  पहले चरण के मतदान में पुलवामा, शोपियां, डोडा, रामबन, अनंतनाग और कुलगाम जैसे संवेदनशील इलाके शामिल होंगे. अधिकारियों की मानें तो खतरे की आशंका के आधार पर एक्स श्रेणी से लेकर जेड श्रेणी तक की सुरक्षा प्रदान करने की व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सबसे ज्‍यादा संख्या में उम्मीदवारों को सुरक्षा कवर मिल सकता है. 

POST A COMMENT