देश में पशु चिकित्सकों की मांग बढ़ रही है. इसे पशु चिकित्सा शिक्षा प्रणाली का विस्तार करके पूरा किया जा सकता है. ये कहना है डेयरी सेक्रेटरी अलका उपाध्याय का. साथ ही नई दिल्ली में आयोजित एक बैठक के दौरान उन्होंने सभी राज्यों से और वेटरनरी कॉलेज खोलने की बात कही है. साथ ही उनका कहना है कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के तहत बनाए गए स्व-सहायता समूहों (SHG) की जनशक्ति का फायदा उठाया जाए. जिससे पशुपालन क्षेत्र में मजबूत सामुदायिक सहभागिता बनाई जा सके.
वहीं उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि देश में पशु कल्याण और उत्पादकता को और बेहतर बनाने के लिए पशु चिकित्सा अस्पताल, बीमारी का पता लगाने वाला सिस्टम और पशुधन स्वास्थ्य रिपोर्टिंग तंत्र जैसे पशु चिकित्सा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की जरूरत है. बैठक के दौरान दक्षिणी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में महत्वपूर्ण पशुपालन कार्यक्रमों और योजनाओं की प्रगति पर भी चर्चा की गई.
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बैठक के दौरान पशुपालन बुनियादी ढांचा विकास निधि (AHIDF) योजना पर भी चर्चा हुई. डेयरी सेक्रेटरी का कहना है कि AHIDF योजना को बढ़ावा दिया जाए. जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका फायदा मिले. और इसी के चलते ही एंटरप्रेन्योरशिप को भी बढ़ावा दिया जा सकेगा. इस मौके पर डेयरी से जुड़ी कई प्रमुख योजनाओं जैसे, राष्ट्रीय गोकुल मिशन (RGM), राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NADCP), राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM) और राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) पर भी चर्चा की गई. चर्चा के दौरान पशुपालन क्षेत्र में बुनियादी ढांचे में सुधार और एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने पर ज्यादा जोर देने की बात कही गई. चारे पर बात करते हुए डेयरी सेक्रेटरी की ओर से कहा गया कि प्रमाणित चारा बीजों का ही इस्तेमाल किया जाए. बीजे स्वीकृत एजेंसियों से ही लिए जाएं जिससे चारे की गुणवत्ता में सुधार हो और उत्पादन भी बढ़ें.
सरकार के प्रमुख राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NADCP) की मदद से खुरपका और मुंहपका (FMD) और ब्रुसेलोसिस जैसी बीमारियों को कंट्रोल करने का काम चल रहा है. पशु रोगों के नियंत्रण के लिए राज्यों को सहायता (ASCAD) के तहत आने वाली चीजें जैसे मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों (MUV) का संचालन और जमीनी स्तर पर "पशु कल्याण समितियों" का गठन करने का काम चल रहा है. वहीं देश में संगठित डेयरी क्षेत्र को बढ़ाने और एंटरप्रेन्योरशिप जैसे विकास कार्यक्रमों को बढ़ावा देने काम भी काम चल रहा है. बैठक के दौरान इस पर चर्चा करने के लिए पशुपालन और डेयरी मंत्रालय से जुड़े दूसरे अधिकारियों में एडिशनल सेक्रेटरी वर्षा जोशी, एनिमल हसबेंडरी कमिश्नर डॉ. अभिजीत मित्रा, ज्वाइंट सेक्रेटरी सरिता चौहान भी मौजूद थीं.
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