देश में पशुपालन आय का सबसे बड़ा जरिया बनता जा रहा है. किसान डेयरी व्यवसाय से जुड़कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. देश में भैंसों की कई ऐसी नस्लें हैं, जिनका पालन करके किसान मोटी कमाई कर रहे हैं. नागपुरी नस्ल की भैंस भी पशुपालकों की पसंदीदा है. यह भैंस एक सीजन में 1000 लीटर से ज्यादा दूध देने की क्षमता रखती है.
भैंस की यह महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र का माना जाता है. इसे कई नामों से जाना जाता है. कई स्थानों पर इन्हें आर्वी, बरारी, चंदा, गणगौरी, गौलाओगान, गॉलवी, गौरानी, पुरनथडी, शाही और वरहदी नाम से जाना जाता है. अन्य भैंस नस्लों की तुलना में नागपुरी भैंस का शरीर छोटा और हल्का होता है. रंग आमतौर पर काला होता है. चेहरे, पैर और पूंछ के सिरे पर सफेद धब्बे होते हैं. इसके सींग लम्बे होते हैं. इसकी औसत ऊंचाई लगभग 135 सेमी है.
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आपको बता दें कि कोई भी दुधारू गाय या भैंस साल भर दूध नहीं देती है. ये डेढ़ से तीन माह तक दूध देती हैं. नागपुरी भैंस के बारे में कहा जाता है कि यह एक ब्यांत में 1200 से 1500 लीटर तक दूध देती है. इनके दूध में 7.7 प्रतिशत वसा पाई जाती है. डेयरी बिजनेस के लिए यह भैंस काफी फायदेमंद साबित हो सकती है. इस भैंसे को घर लाकर पशुपालक बहुत ही कम समय में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
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