Monsoon Update: क्या है राजस्थान के बांधों की स्थिति, औसत से 72% अधिक हुई बारिश

Monsoon Update: क्या है राजस्थान के बांधों की स्थिति, औसत से 72% अधिक हुई बारिश

प्रदेश में अब तक बारिश से छोटे-बड़े बांधों एवं एनीकट में 7,512.03 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर) पानी आया है. यह प्रदेश के कुल बांधों का 59.71 प्रतिशत है. बता दें कि राजस्थान में कुल जल संग्रहण क्षमता 12,580,03 एमसीएम है.

अब तक बाबारिश से छोटे-बड़े बांधों एवं एनीकट में 7,512.03 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर) पानी आया है. फाइल फोटो- Mahi Dam, Banswaraअब तक बाबारिश से छोटे-बड़े बांधों एवं एनीकट में 7,512.03 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर) पानी आया है. फाइल फोटो- Mahi Dam, Banswara
माधव शर्मा
  • Jaipur,
  • Jul 22, 2023,
  • Updated Jul 22, 2023, 4:12 PM IST

राजस्थान में मॉनसून को आए एक महीना और 22 दिन बीत चुके हैं. इस बार बिपरजॉय के चलते प्रदेश में औसत बारिश से 72 प्रतिशत अधिक पानी गिरा है. 18 जुलाई तक राजस्थान में 288.55 एमएम बारिश हो चुकी है. जल संसाधन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 18 जुलाई तक प्रदेश में 167 एमएम बारिश होती है. इस तरह अब तक 72 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज हुई है. मिले आंकड़ों के मुताबिक माउंट आबू में इस साल की सबसे अधिक बारिश दर्ज हुई है.

इस साल अब तक यहां 1418 एमएम बारिश हुई है. वहीं, मानसून की एक दिन में अधिकतम 530 एमएम बारिश पाली जिले के मुथाना में हुई है. 

जानिए क्या हैं प्रदेश के बांधों की स्थिति?

राजस्थान में हुई अब तक बारिश से छोटे-बड़े बांधों एवं एनीकट में 7,512.03 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर) पानी आया है. यह प्रदेश के कुल बांधों का 59.71 प्रतिशत है. बता दें कि राजस्थान में कुल जल संग्रहण क्षमता 12,580,03 एमसीएम है. प्रदेश के कुल 690 बांधों में से 114 बांध या तो पूरी तरह से भर चुके हैं या फिर ओवरफ्लो हो रहे हैं. 278 बांध ऐसे हैं जिनमें 4.25 एमसीएम से अधिक पानी की आवक हो चुकी है.

हनुमानगढ़ में घग्घर नदी में बाढ़ का खतरा, प्रशासन ने उठाए ये कदम

घग्घर नदी कैचमेंट एरिया में ज्यादा बारिश के कारण पानी की अधिकता को देखते हुए प्रशासन ने हनुमानगढ़ से निकलने वाली नाली बेड, घग्घर डायवर्जन एवं इंदिरा गांधी नहर फीडर में अनुपात में जल निकासी सुनिश्चित की है. जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल का कहना है कि प्रदेशभर में बाढ़ की किसी भी स्थिति से निपटने के लिए जल संसाधन विभाग ने सभी आवश्यक तैयारियां कर ली हैं.

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घग्घर डायवर्जन चैनल में 21 जुलाई को 14 हजार 500 क्यूसेक पानी प्रवाहित किया गया. इसी प्रकार नाली बेड में 6,300 तथा इंदिरा गांधी नहर फीडर में 4,286 क्यूसेक पानी प्रवाहित किया गया है. 15 जुलाई से पूरी एहतियात के साथ पानी निकालने की मात्रा बढ़ाई जा रही है.

घग्घर डायवर्जन चैनल एवं नाली बेड में पूरे प्रवाह के साथ पानी बह रहा है. उन्होंने बताया कि आईजीएनपी से बूम एस्केवेटर मशीन एवं इसके संचालन के लिए नौ ऑपरेटर भी भेजे गए हैं. एसीई, विजिलेंस एवं रेगुलेशन (बीकानेर) को भी हनुमानगढ़ भेजा गया है.

बाढ़ नियंत्रण पर अति. मुख्य सचिव ने ली मीटिंग

अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन एवं आईजीएनपी डॉ. सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता में आईजीएनपी बिल्डिंग के कॉन्फ्रेंस हॉल में समीक्षा बैठक हुई. इसमें बाढ़ की स्थिति की तैयारियों के बारे में बताया गया कि सभी 33 जिलों एवं 54 प्रमुख बांधों पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं. 

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अग्रवाल ने सिंचाई विभाग, पुलिस, जिला प्रशासन एवं आपदा नियंत्रण विभाग सहित स्थानीय निकायों से समन्वय स्थापित करने को कहा. मुख्य अभियंता (उत्तर), जल संसाधन, हनुमानगढ़ अमरजीत सिंह को फील्ड में रहकर पर्याप्त मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए.

उन्होंने कोटा, उदयपुर, बांसवाड़ा एवं अन्य संभागों में बांधों में अचानक पानी की आवक एवं बाढ़ की स्थिति में राहत एवं बचाव की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए. साथ ही, सभी मुख्य अभियंताओं को कहा कि किसी भी तरह के संसाधनों की आवश्यकता होने पर मुख्यालय को तुरंत सूचना दें. 

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