मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को अधिकतम तापमान 35.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो मौसम के औसत से 2.6 डिग्री अधिक है. शहर के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश दर्ज की गई, जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से 1.1 डिग्री अधिक 28.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, मंगलवार को बादल छाए रहेंगे और मध्यम बारिश की संभावना है.
निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने एक एक्स पोस्ट में लिखा, 'दिल्ली, 28 और 29 जुलाई को मानसून की बारिश में भीगने के लिए तैयार हो जाइए. एलपीए (निम्न दबाव का क्षेत्र) दिल्ली के दक्षिण से होते हुए उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ेगा.' आईएमडी ने मंगलवार को गरज के साथ बारिश की संभावना जताई है, और अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमशः 30 और 24 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है. सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई, जिससे कई जगहों पर जलभराव हो गया. आईएमडी IMD ने अगले सात दिनों यानी 3 अगस्त तक राष्ट्रीय राजधानी में बहुत हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान जताया है.
दूसरी ओर हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में सोमवार देर रात से लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. रात 11 बजे से लगातार बारिश हो रही है, जिससे शहर के कई हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है. सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में से एक मंडी क्षेत्रीय अस्पताल है, जहां अत्यधिक जल जमाव और आस-पास के नालों का पानी ओवरफ्लो हो गया है. अस्पताल तक पहुंचने का मुख्य मार्ग बंद कर दिया गया है.
स्थानीय प्रशासन की रिपोर्टों के अनुसार, मंडी शहर और उसके आसपास कई भूस्खलन हुए हैं, जिससे यातायात बाधित हुआ है और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में रहने वाले निवासियों के लिए खतरा पैदा हो गया है. इन भूस्खलनों के मलबे ने प्रमुख आंतरिक सड़कों को अवरुद्ध कर दिया है, जिससे अफरा-तफरी और बढ़ गई है. स्थिति की गंभीरता को और बढ़ाते हुए, चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-3) मंडी और कुल्लू के बीच कई स्थानों पर अवरुद्ध हो गया है. कई वाहन फंसे हुए हैं, और मार्ग पर कई जाम वाले स्थानों पर लंबी कतारें लगी हुई हैं.
उत्तराखंड के कई जिलों में निम्न से मध्यम स्तर की बाढ़ के खतरे के पूर्वानुमान के मद्देनजर, देहरादून स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने सभी संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों (डीएम) को सावधानी बरतने की सलाह दी है. मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी)की तरफ से जारी पूर्वानुमान के अनुसार, अगले 24 घंटों में भारी बारिश के कारण अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, पौड़ी, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, टिहरी और उत्तरकाशी जिलों में कुछ स्थानों पर जलभराव/बाढ़ का खतरा होने की संभावना है.
उप सचिव महावीर सिंह परमार की तरफ से जारी चिट्ठी में कहा गया है, 'हर स्तर पर तैयारी और सुरक्षा बनाए रखते हुए यातायात को नियंत्रित किया जाए. किसी भी आपदा/दुर्घटना की स्थिति में तत्काल मौके पर कार्रवाई की जाए और सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाए. आपदा प्रबंधन आईआरएस प्रणाली के लिए नामित सभी अधिकारी और विभागीय नोडल अधिकारी हाई अलर्ट पर रहेंगे.' चमोली पुलिस ने रविवार को एक परामर्श जारी कर निवासियों से सतर्क रहने का आग्रह किया, क्योंकि क्षेत्र में जारी वर्षा के कारण अलकनंदा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है.
आईएमडी ने रायगढ़, रत्नागिरी, गोंदिया, चंद्रपुर, भंडारा और गढ़चिरौली के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जिसमें अत्यधिक भारी बारिश और संभावित बाढ़ की आशंका जताई गई है. अधिकारियों ने निवासियों से घर के अंदर रहने, जब तक आवश्यक न हो यात्रा करने से बचने और स्थानीय अधिकारियों के अपडेट पर नज़र रखने का भी आग्रह किया है. इस बीच, पालघर की जिला कलेक्टर डॉ. इंदु रानी जाखड़ ने कहा कि मौसम की चेतावनी के कारण 26 जुलाई को सभी स्कूलों, कॉलेजों और आंगनवाड़ी केंद्रों में छुट्टी घोषित कर दी गई है. पहले से ही भारी बारिश की मार झेल रहे जिले में अगले 24 घंटों में बहुत भारी बारिश होने की संभावना है.
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