भारत में इस साल सामान्य से अधिक मॉनसूनी बारिश का पूर्वानुमान है. देश के कई हिस्सों में अच्छी बारिश दर्ज की गई, यहां तक कि कई राज्यों में बाढ़ के हालात भी हैं. इस बीच, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगस्त और सितंबर 2025 के लिए दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के दूसरे चरण का पूर्वानुमान जारी कर दिया है. आईएमडी ने 31 जुलाई को प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर बारिश की स्थिति को लेकर जानकारी दी. ताजा पूर्वानुमान के मुताबिक, इन दोनों महीनों में देशभर में सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना है. हालांकि, कुछ क्षेत्रों में कम बारिश की भी आशंका बनी हुई है.
ऐसे में अगर आईएमडी का यह पूर्वानुमान सटीक बैठता है तो किसानों और जल संसाधन प्रबंधन के लिए यह सीजन काफी फायदेमंद साबित होने वाला है. हालांकि, कुछ क्षेत्रों में संभावित बारिश की कमी से सतर्क रहने की जरूरत भी बताई गई है, जिसपर मौसम विभाग लगातार निगरानी रख रहा है और समय-समय पर अपडेट देता रहेगा. बढ़िया मॉनसून के बीच अच्छी खबर यह है कि इस बार खरीफ की बुवाई में तेजी है.
पूरे देश में औसत बारिश 106 प्रतिशत से ज्यादा (Long Period Average - LPA) रहने की संभावना है, यानी यह Above Normal रहने की उम्मीद है. 1971-2020 के आधार पर इस अवधि की औसत बारिश 422.8 मिमी है.
अगस्त 2025 का पूर्वानुमान: इस महीने बारिश सामान्य (94% से 106% LPA) के दायरे में रहने की संभावना है. अगस्त महीने की LPA 254.9 मिमी है.
सामान्य से अधिक बारिश की संभावना वाले इलाके: देश के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से ज्यादा बारिश हो सकती है. खासकर उत्तर भारत, पूर्वी-मध्य भारत और कुछ दक्षिणी क्षेत्रों में यह संभावना है.
कम बारिश की संभावना वाले इलाके: पूर्वोत्तर भारत, इससे सटे पूर्वी भारत के कई क्षेत्र, मध्य भारत के कुछ हिस्से और दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत के पश्चिमी हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है.
अगस्त 2025 के तापमान से जुड़े पूर्वानुमान की बात करें तो देश के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य या उससे कम अधिकतम तापमान रहने की संभावना है. हालांकि पूर्वोत्तर भारत, उत्तर-पश्चिम, पूर्व और दक्षिणी प्रायद्वीप के कुछ क्षेत्रों में यह सामान्य से अधिक हो सकता है. वहीं, न्यूनतम तापमान की बात करें तो देश के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से ज्यादा न्यूनतम तापमान रहने की संभावना है, जबकि उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में यह सामान्य से कम रह सकता है.
मौसम विभाग ने समुद्री परिस्थितियों को लेकर कहा कि अभी प्रशांत महासागर क्षेत्र में न्यूट्रल ENSO (अल नीनो) की स्थिति बनी हुई है. मॉडल अनुमानों के अनुसार, यह स्थिति मानसून के शेष हिस्से तक बनी रह सकती है. वहीं, IOD (हिंद महासागर द्विध्रुव) भी इस समय न्यूट्रल स्थिति में है, लेकिन संभावना है कि मॉनसून के अंत तक यह कमजोर निगेटिव IOD में बदल जाएगा.
वहीं, IMD ने अपनी रणनीति की जानकारी देते हुए बताया कि IMD 2021 से मल्टी-मॉडल एनसेंबल (MME) सिस्टम के जरिए लंबी अवधि के पूर्वानुमान दे रहा है. इसमें भारत सहित कई वैश्विक जलवायु केंद्रों के मॉडल्स का सम्मिश्रण किया जाता है. मौसम विभाग अब सितंबर के लिए अगस्त के अंत में पूर्वानुमान जारी करेगा.