Insect Import: क्या आप जानते हैं कि कृषि और किसानों को बचाने के लिए भारत समय-समय पर कीटों का भी आयात करता है. किसान तक के पोडकास्ट 'अन्नगाथा' में जाने माने कीट विज्ञानी डॉ. सुभाष चंदर ने कीटों की रहस्यमयी दुनिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी. जिसे आप हमारे यूट्यूब चैनल पर 8 सितंबर 2025 को शाम 6 बजे से देख सकते हैं.
अभी हंस राज शर्मा के पॉलीहाउस में खीरे के करीब 1,410 पौधे लगे हुए हैं. उनका कहना है कि पारंपरिक विधि के मुकाबले पॉलीहाउस में खेती करने पर प्रति पौधा 2 से 3 किलो ज्यादा खीरे का उत्पादन हुआ. इसका मतलब है कि पारंपरिक खुले खेत की खेती की तुलना में उनकी फसलों की गुणवत्ता और मात्रा दोनों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है.
औरैया के सफल किसान राम गोविंद शुक्ला बताते हैं कि इस साल 2 बीघे से अधिक में स्ट्रॉबेरी फल की पैदावार कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस कितना मुनाफा होगा यह तो आने वाला समय ही तय करेगा.
मिर्च किसी भी खाने के स्वाद को बढ़ाने का काम करती है. असल में हरी मिर्च में विटामिन-ए, विटामिन-सी, आयरन, पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को कई लाभ मिल सकते हैं.
उन्नतशील किसान राघवेंद्र सिंह ने बताया 200 लीटर के ड्रम में 100 लीटर पानी वह रखते हैं. इसमें 10 लीटर मट्ठा, अपनी देशी गाय के एक लीटर गोबर को फिल्टर कर उसका रस व 10 लीटर गोमूत्र डालते हैं.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गंगा-यमुना क्षेत्र में प्रदेश की लगभग 65 प्रतिशत गन्ने का उत्पादन किया जाता है. इस क्षेत्र के सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद, और बुलन्दशहर जैसे जिलों में सबसे अधिक गन्ने का उत्पादन होता है.
भीषण गर्मी और तपिश से जूझ रहे उत्तर प्रदेश के अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. हीट वेव के चलते डिहाइड्रेशन और डायरिया के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है.
गौरव बताते हैं कि ग्लेडियोलस और रजनीगंधा फूलों की खेती सितंबर से शुरू होती है. उसके बाद अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर और जनवरी तक ये फूल खूब बिकते हैं.
किसान सतीश कुमार बताते हैं कि आज हम करीब चार छप्परों में मशरूम की खेती कर रहे हैं. इसकी खेती को करने के लिए इसमें गेहूं के भूसे की खपत ज्यादा होती है. एक बंगले के अंदर मशरूम बोने के लिए लगभग 30 क्विंटल भूसे की जरूरत पड़ती है.
आज अमेजॉन, फ्लिपकार्ट समेत कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उनके प्रोडक्ट देशभर के विभिन्न राज्यों में जा रहे हैं. लोगों को यह बेहद पसंद आ रहे हैं. अब जापान, दुबई, तुर्की व फ्रांस से उद्यमियों ने संपर्क किया है.
यूपी सरकार ने धान खरीद में किसानों को काफी सहूलियत दी थी. इसका लाभ उठाते हुए किसानों ने अपने धान की बिक्री की. सर्वाधिक खरीद लखनऊ मंडल के किसानों से की गई. यहां एक लाख पांच हजार 925 किसानों से खरीद हुई.
कोका-कोला के लिए भारत का सबसे बड़ा बॉटलर एसएलएमजी यूपी में एक और शुगर सिरप, जूस मैन्युफैक्चरिंग, पल्प एक्सट्रैक्शन और बॉटलिंग यूनिट स्थापित कर रहा है. यह प्रोजेक्ट 509 करोड़ रुपए का है और बिजनौर में लगभग 275 नौकरियां सृजित करेगा.
अमेठी की रहने वाली संजू देवी ने परास्नातक तक की पढ़ाई की है. इनको बहुत पहले ही काम की तलाश थी और उन्होंने कुछ करने की ठानते हुए समूह का संचालन कर डाला. समूह में अपनी खास पहचान की वजह से अब राज्यपाल से उन्हें सम्मान मिलेगा.
इन थालियों को विशेष तौर पर सोने और चांदी से बनाया गया है. जयपुर के एक राम भक्त कारीगर ने इसे बनाया है, और सुंदर कांड के कई श्लोक उस पर उकेरे गए है.
सीएम ने कहा कि यह मेला प्रधानमंत्री मोदी के मेकिंग इंडिया और वोकल फॉर लोकर एवं लोकल फॉर ग्लोबल विजन को एक नई ऊंचाई प्रदान करने का अभियान है.
बिजनौर के कारोबारी मोहम्मद मतलूब कहते हैं कि पूर्व की सरकार की तुलना में योगी सरकार पारंपरिक कलाओं को आगे बढ़ाने पर अधिक ध्यान दे रही है. प्रदेश में पहली बार ऐसी सरकार आई है जो हम जैसे छोटे कारीगरों की मदद के लिए भी कई सारे कदम उठा रही है.
ट्वॉय बैग खिलौना कंपनी चलाने वाले अंकित लाल यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो के भव्य आयोजन से काफी खुश नजर आए. अंकित ने कहा कि पूर्व की सरकारों की तुलना में योगी सरकार बहुत काम कर रही है. सरकार कलाकारों को प्रमोट करने के लिए लगातार आयोजन कर रही है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि यूपी में एमएसएमई के लिए अच्छा ईको सिस्टम विकसित किया जा रहा है. 96 लाख एमएसएमई इकाइयों के साथ यूपी देश के सभी राज्यों में प्रथम स्थान पर है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार किसान के साथ कृषि को शासन के एजेंडे की प्राथमिक सूची में शामिल किया गया है. इतना ही नहीं युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ उन्हे स्वरोजगार से जोड़ने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.
मकर संक्रांति आते ही लखनऊ का रेवड़ी बाजार गुलजार हो चुका है. इस त्योहार पर तिल से बनी मिठाई खाने की खास परंपरा है. उत्तर प्रदेश की राजधानी में चिकनकारी के साथ-साथ गुलाब रेवड़ी की खास पहचान है. लखनऊ आने वाला व्यक्ति अपने साथ चिकनकारी की पोशाक के साथ-साथ रेवड़ी को ले जाना नहीं भूलता.
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