बिहार की राजधानी पटना समेत राज्य के विभिन्न जिलों में सोमवार की सुबह की शुरुआत मेघगर्जन और बारिश के साथ हुई. जहां लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली, वहीं मॉनसून की बेरुखी के बीच राज्य के विभिन्न जिलों में हो रही बारिश धान की खेती करने वाले किसानों के लिए राहत की बूंद लेकर आई है. इधर पटना में बीते करीब दस घंटों से अधिक समय से हुई बारिश ने शहर के विभिन्न इलाकों में जलजमाव की स्थिति पैदा कर दी है. हालत यह है कि कई घरों के अंदर बारिश का पानी घुस चुका है.
उधर, मौसम विज्ञान केंद्र पटना द्वारा पटना समेत कई जिलों में बारिश को लेकर ऑरेंज और येलो अलर्ट घोषित किया गया है. गया, पटना, सीवान समेत कई जिलों में बारिश और वज्रपात को लेकर चेतावनी भी जारी की गई है. वहीं, पटना में हो रही बारिश मॉनसून सीजन की अब तक की सबसे अच्छी बारिश के तौर पर देखी जा रही है.
मौसम विभाग द्वारा अगले तीन घंटों के दौरान नालंदा और पटना के अधिकांश स्थानों पर वज्रपात/मेघगर्जन के साथ भारी वर्षा होने की संभावना जताई गई है. इसके साथ ही विभाग की ओर से जारी अपडेट के अनुसार, बारिश को लेकर मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, वैशाली, पटना, भोजपुर, अरवल, जहानाबाद, गया, नालंदा और बेगूसराय में ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert) घोषित किया गया है. वहीं, अपनी साप्ताहिक रिपोर्ट में मौसम विभाग ने अगले 2 अगस्त तक राज्य के सभी जिलों में हल्की से मध्यम बारिश होने का पूर्वानुमान जारी किया है.
पटना में देर रात से हो रही बारिश की वजह से शहर के विभिन्न इलाकों में जलजमाव देखने को मिला. सड़कों से लेकर रेलवे ट्रैक पर बारिश का पानी लगने से कई ट्रेनों के परिचालन में दिक्कतें आईं. वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कटिहार जिले का दौरा शहर का मौसम बिगड़ने की वजह से रद्द कर दिया गया है. खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पाया. मुख्यमंत्री सुबह करीब 9:30 बजे कटिहार जाने वाले थे. खबर लिखे जाने तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कटिहार के लिए रवाना नहीं हुए हैं.
सावन के महीने में जहां अच्छी बारिश की उम्मीद रहती है, वहीं इस साल के मॉनसून सीजन में होने वाली बारिश औसतन सामान्य से करीब 43 प्रतिशत कम हुई है. मौसम विभाग के अनुसार, राज्य में मॉनसून की बारिश अभी तक औसतन करीब 258 मिमी के आसपास हुई है. वहीं, बारिश का ग्राफ गिरने की वजह से राज्य के कई जिलों में सुखाड़ की स्थिति बनी हुई है. हालांकि, बारिश और नहरों सहित अन्य सिंचाई के माध्यमों से राज्य में अब तक धान की रोपनी करीब 53% के आसपास हो चुकी है. लेकिन वर्षा की अनियमितता ने किसानों की चिंताएं बढ़ा दी हैं.