छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के उद्देश्य से विभिन्न योजनाएं चलाती रहती है. इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन 'बिहान' की शुरुआत की गई है. बिहान योजना मूल रूप से छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका गारंटी विकल्प के रूप में उभरी है. इस योजना के तहत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के रोजगार और आजीविका के सृजन के लिए महिला समूहों को मछली पालन के साथ-साथ बत्तख पालन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इतना ही नहीं महिलाओं को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उन्हें आहार के तौर पर मछली और बत्तख भी उपलब्ध कराया जा रहा है. बिहान योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों की आय में वृद्धि करना और इसे सालाना 1 लाख रुपये से ऊपर ले जाना है.
छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका योजना को पूरे राज्य में बिहान योजना के नाम से भी जाना जाता है. बिहान योजना मूल रूप से छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में गारंटीकृत आजीविका विकल्प सुनिश्चित करने के लिए है. इस योजना के तहत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले महिलाओं और पुरुषों के लिए विभिन्न प्रकार के रोजगार सृजित किए जा रहे हैं. इतना ही नहीं आजीविका के नए साधन भी स्थापित किए जा रहे हैं. इस योजना के तहत सरकार स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को कृषि सखी, पशु सखी, महिला किसान क्रेडिट कार्ड, बैंक सखी, बकरी पालन समूह, मधुमक्खी पालन समूह, न्यूट्री गार्डन प्रमोशन ग्रुप के क्षेत्र में रोजगार के अवसर प्रदान करती है.
ये भी पढ़ें: झारखंड में करोड़ों रुपये हो चुके बर्बाद! फिर भी सिंचाई के लिए पानी को तरसे रहे किसान
छत्तीसगढ़ सरकार की इस योजना का लाभ लेकर महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं. प्रदेश में मछली पालन और बत्तख पालन में रुचि रखने वाली महिलाओं को राज्य सरकार मछली और बत्तख उपलब्ध करा रही है, जिससे महिलाएं लाखों रुपये सालाना कमा रही हैं. गांव की महिलाएं स्वयं सहायता समूहों के साथ-साथ बत्तख पालन से जुड़कर तालाब में मछली पालन कर रही हैं, जिससे महिलाओं की आमदनी बढ़ रही है.