केंद्र सरकार कर्नाटक के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की सब्सिडी रोक सकती है. इसके लिए केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि हमने उनकी सब्सिडी राशि नहीं रोकी है. लेकिन अगर वो केंद्र सरकार की बात नहीं मानेंगे, तो हम सब्सिडी रोक सकते हैं. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि केंद्र सरकार ने हमेशा कर्नाटक सरकार को ज्वार और कुछ धान की प्रतिपूर्ति की है. हालांकि, राज्य सरकार ने ज्वार और धान दोनों के लिए किसानों को लगभग 580 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया है. राज्य मंत्री केएच मुनियप्पा ने पीडीएस (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) में धान की जगह ज्वार वितरित करने का अनुरोध किया था, जिसके लिए भारत सरकार ने अनुमति दे दी थी.
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि अनुमति देने के बाद भी वे इसकी उचित खरीद नहीं कर रहे हैं, और जो भी खरीद हो रही है, उसका भुगतान किसानों को नहीं कर रहे हैं. वे लाभार्थियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की रसीद भी सिर्फ़ इसलिए नहीं दे रहे हैं क्योंकि उस पर 'प्रधानमंत्री' का नाम है. वे नहीं चाहते कि लोगों को पता चले कि यह केंद्र सरकार की योजना है. हमने उनकी सब्सिडी राशि नहीं रोकी है. लेकिन अगर वे ऐसा करते रहे, तो हम सब्सिडी रोक सकते हैं.
उन्होंने यह भी दावा किया कि आधुनिक तकनीक का उपयोग करके एफसीआई गोदामों और परिवहन के दौरान खाद्यान्न की बर्बादी में भारी कमी लाई गई है. प्रह्लाद जोशी ने बताया कि अलग-अलग स्थानों पर एफसीआई की जमीनों पर पीपीपी मॉडल पर 1.77 लाख टन क्षमता वाले गोदाम बनाए जा रहे हैं.
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना देश में कोविड-19 के प्रकोप के कारण उत्पन्न आर्थिक परेशानियों के कारण गरीबों और जरूरतमंदों को होने वाली कठिनाइयों को कम करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी, जो अभी तक जारी है. बता दें केंद्र सरकार इस योजना के तहत 85 करोड़ गरीब और ने गरीब जरूरतमं लोगों को इस योजना का लाभ देती है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत 1 जनवरी 2023 से शुरू होने वाली एक वर्ष की अवधि के लिए एनएफएसए लाभार्थियों यानी एएवाई परिवारों और पीएचएच लाभार्थियों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने का निर्णय लिया था. इससे पहले, एनएफएसए के तहत लाभार्थियों को सब्सिडी वाला खाद्यान्न चावल 3 रुपये प्रति किलो, गेहूं 2 रुपये प्रति किलो और मोटा अनाज 1 रुपये प्रति किलो की दर से वितरित किया जाता था. वहीं, पीएमजीकेएवाई के तहत मुफ्त खाद्यान्न वितरण की अवधि 1 जनवरी, 2024 से पांच वर्षों के लिए बढ़ा दी गई है.