गांव में 70 फीसद तक कम होगी एलपीजी की खपत, सरकार ने शुरू किया ग्राम-ऊर्जा मॉडल

गांव में 70 फीसद तक कम होगी एलपीजी की खपत, सरकार ने शुरू किया ग्राम-ऊर्जा मॉडल

उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्राम-उर्जा मॉडल की शुरुआत की है, जिससे ग्रामीण रसोई में एलपीजी की खपत 70% तक कम होगी. यह योजना बायोगैस और जैविक खाद के ज़रिए किसानों को आत्मनिर्भर बनाएगी.

Now LPG consumption will be less in rural areasNow LPG consumption will be less in rural areas
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jul 15, 2025,
  • Updated Jul 15, 2025, 6:02 PM IST

उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करने और रोजगार के नए अवसर पैदा करने के लिए ग्राम-उर्जा मॉडल की शुरुआत की है. इस मॉडल का उद्देश्य ग्रामीण रसोई में एलपीजी की खपत को लगभग 70 प्रतिशत तक कम करना है. ग्राम-उर्जा मॉडल को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) से जोड़ा गया है. इसके ज़रिए किसानों को सीधे फायदा मिलेगा. इस योजना के तहत हर गांव में जैव-गैस (बायोगैस) यूनिट लगाई जाएंगी, जिससे किसान अपने घर या खेत के पास ही रसोई गैस और जैविक खाद बना सकेंगे.

पशुधन से बनेगी बायोगैस और खाद

ग्रामों में व्यक्तिगत गौशालाएं (काउ शेड) बनाई जाएंगी. इन शेड्स में पशुओं से मिलने वाला गोबर बायोगैस प्लांट में इस्तेमाल होगा. इससे रसोई गैस तैयार होगी, जो घरेलू इस्तेमाल के लिए पर्याप्त होगी. साथ ही, बायोगैस से बची हुई स्लरी को खाद के रूप में उपयोग किया जा सकेगा.

अतिरिक्त आय का नया स्रोत

बायोगैस से बनी स्लरी (बचा हुआ अपशिष्ट पदार्थ) को किसान अपने खेतों में जैविक खाद की तरह उपयोग कर सकते हैं या फिर पास के किसानों को बेच सकते हैं. इससे अतिरिक्त आय का भी साधन मिलेगा और किसानों की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी.

गौशालाओं में बड़े स्तर पर लगेंगे प्लांट

राज्य सरकार ने जानकारी दी कि प्रदेश की 43 चयनित गौशालाओं में बड़े स्तर पर बायोगैस और जैविक खाद प्लांट लगाए जाएंगे. हर गौशाला से महीने में लगभग 50 क्विंटल स्लरी का उत्पादन होगा, जो कि जैविक खेती करने वाले किसानों के लिए एक अमूल्य संसाधन साबित होगा.

पर्यावरण संरक्षण में भी मददगार

उत्तर प्रदेश गौ सेवा आयोग के ओएसडी श्री अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि इस योजना से न केवल रसोई गैस की खपत में कमी आएगी, बल्कि इससे घरेलू खर्चों में कटौती और पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा. ग्राम-उर्जा मॉडल एक दूरदर्शी पहल है जो उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में ऊर्जा आत्मनिर्भरता, कृषि लागत में कमी, रोजगार सृजन, और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम है. यह योजना आने वाले समय में सस्टेनेबल विकास के लिए मिसाल बन सकती है.

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