ग्रामीण क्षेत्रों में बेघर परिवारों के "अपने घर" के सपने को पूरा करने के लिए लागू की गई "प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण" के संबंध में एक जनकल्याणकारी निर्णय लेते हुए, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस घर के निर्माण के लिए प्रदान की जाने वाली सहायता राशि को बढ़ाने का निर्णय लिया है. गुजरात सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री राघवजी पटेल ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि राज्य के बेघर और आवासहीन परिवार, जो ग्रामीण क्षेत्रों में "सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण अध्ययन-2011" और "आवास प्लस सर्वेक्षण" के अनुसार पात्र हैं, उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अंतर्गत शामिल किया जाएगा.
मंत्री राघवजी पटेल ने बताया कि इस योजना के तहत लाभार्थियों को तीन चरणों में कुल 1,20,000 रुपये का भुगतान किया जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में आवास निर्माण में प्रयुक्त सामग्री जैसे रेत, गिट्टी, सीमेंट, स्टील आदि की बढ़ती कीमतों और भौगोलिक एवं दूरस्थ क्षेत्रों के कारण परिवहन लागत को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है. जिसके अनुसार, प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के लाभार्थियों को राज्य सरकार द्वारा 50,000 रुपये की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी.
विकसित गुजरात के संकल्प को साकार करने और गांवों को समृद्ध और सशक्त बनाने के इरादे से, इस अतिरिक्त सहायता के भुगतान के लिए वर्ष 2025-26 के बजट में 550 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जिसका उद्देश्य कुल 1,10,000 लाभार्थियों को आवास प्रदान करना है. अधिक जानकारी देते हुए, ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि अब से, लाभार्थियों को आवास स्वीकृति के समय पहली किस्त के रूप में 30,000 रुपये और दूसरी किस्त के रूप में 80,000 रुपये दिए जाएंगे. छत की ढलाई के चरण में 50,000 रुपये की तीसरी किस्त और घर के पूरा होने पर 10,000 रुपये की चौथी किस्त सहित कुल 1,70,000 रुपये प्रदान किए जाएंगे. इसमें से 98,000 रुपये राज्य सरकार द्वारा और 72,000 रुपये केंद्र सरकार के कोष से दिए जाएंगे. (अतुल तिवारी का इनपुट)