केन्द्र सरकार की ओर से एसडीआरएफ नियमों में संशोधन करने से किसानों को फायदा हुआ है. इन संशोधनों से राजस्थान में करीब 30 लाख किसानों को 2595 करोड़ रुपये की इनपुट सब्सिडी दी गई है. राजस्थान सरकार इन नियमों में हुए संशोधनों का श्रेय ले रही है. क्योंकि सीएम अशोक गहलोत ने ही केन्द्र सरकार को एक चिठ्ठी लिखकर ये संशोधन करने की मांग की थी. इसीलिए साल 2020-21 से 2022-23 के दौरान 30.15 लाख किसानों को 2595.57 करोड़ रुपये की इनपुट सब्सिडी दी गई है. इसमें साल 2022-23 में 6.82 लाख किसानों को 800 करोड़ रुपये की इनपुट सब्सिडी भी शामिल है.
बता दें कि हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक ली थी. उस मीटिंग में ही ये आंकड़े सामने आए थे. सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के पुराने तथा नए क्लेमों का भुगतान जल्दी किया जाए. साथ ही, 2022-23 की सभी इनपुट सब्सिडी भी 15 सितम्बर तक देने के निर्देश सीएम ने दिए.
गहलोत का कहना है कि राज्य सरकार की कोशिशों के बाद ही केन्द्र सरकार ने एसडीआरएफ नॉर्म्स में संशोधन किया है. क्योंकि मैंने ही पत्र लिखकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कृषि आदान-अनुदान को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कृषि बीमा दावे के विरूद्ध समायोजित करने के प्रावधान को समाप्त करने की मांग की थी. इस पत्र के बाद केन्द्र सरकार ने एसडीआरएफ नॉर्म्स में संशोधन किया था.
अब प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कृषि बीमा में समायोजन किए बिना सीधे ही प्रभावित किसानों को अलग से इनपुट सब्सिडी की पूरी राशि भी दी जा रही है. इससे किसानों को इनपुट सब्सिडी का तत्काल भुगतान होगा और फसल बीमा राशि का भी अलग से भुगतान हो सकेगा.
सीएम स्तर की इस बैठक में विभिन्न आपदाओं के दौरान पहले दी गई सहायता और स्वीकृतियों का अनुमोदन भी किया गया. इनमें कोविड-19 से मृत्यु होने पर मृतकों के आश्रितों को एसडीआरएफ से प्रति मृतक 50 हजार रूपये की सहायता के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को साल 2021-22 में 137.56 करोड़ और साल 2022-23 में 53 करोड़ रूपये का बजट आवंटन किया गया.
साथ ही 2022 में मानसून के दौरान अतिवृष्टि या बाढ़ से क्षतिग्रस्त सार्वजनिक सम्पत्तियों सड़कों, बांधों, नहरों, भवनों के 208.54 करोड़ रुपए के 8599 राहत कार्यों को शामिल किया गया है.
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शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी डॉ. पृथ्वीराज ने जानकारी दी कि फसल बीमा योजना के तहत 2022-23 में लगभग तीन हजार करोड़ रूपए के बीमा क्लेम बांटे गए हैं. ये राशि 31.54 लाख पॉलिसीधारकों को दी गई है. बची हुई लगभग 700 करोड़ रुपये का 15 सितंबर तक भुगतान कर दिया जाएगा.
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इसके अलावा डॉ. पृथ्वीराज ने बताया कि राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल का राजस्व रिकॉर्ड (ई-धरती) के साथ इंटीग्रेशन करने वाला राजस्थान तीसरा राज्य बन गया है. डिजीक्लेम के माध्यम से बीमा क्लेम बांटने में राजस्थान अग्रणी राज्यों में गिना जाता है तथा योजना के समग्र क्रियान्वयन में राजस्थान का दूसरा स्थान है. साथ ही शत-प्रतिशत फसल कटाई यानी क्रॉप कटिंग प्रयोग ऑनलाइन करने पर धौलपुर जिले को भारत सरकार ने हाल ही में सम्मानित किया है.