Lumpy: वन हेल्थ मिशन करेगा मदद, लंपी से ऐसे होगी गायों की रक्षा, पढ़ें डिटेल

Lumpy: वन हेल्थ मिशन करेगा मदद, लंपी से ऐसे होगी गायों की रक्षा, पढ़ें डिटेल

लंपी जैसी खतरनाक और जानलेवा बीमारी पर काबू पाने के लिए नेशनल वन हेल्थ मिशन (NOHM) शुरू किया गया है. हालांकि इस मिशन में और भी कई तरह की बीमारियों को शामिल किया गया है. मिशन के तहत इन बीमारियों पर तीन लेवल से वार किया जाएगा.

गौशाला का प्रतीकात्मक फोटो. फोटो क्रेडिट- अंकित शर्मागौशाला का प्रतीकात्मक फोटो. फोटो क्रेडिट- अंकित शर्मा
नासि‍र हुसैन
  • नई दिल्ली,
  • Sep 10, 2023,
  • Updated Sep 10, 2023, 12:23 PM IST

पहले खुरपका-मुंहपका (एफएमडी) बीमारी पशुओं के लिए जानलेवा बीमारी बन गई थी. लेकिन टीकाकरण की मदद से इस पर काबू पा लिया गया है. लेकिन अब लंपी, स्वा इन फ्लू और बर्ड फ्लू जैसी बीमारियां सामने खड़ी हो गई हैं. परेशानी की बात ये है कि पशुओं की कुछ बीमारियां इंसानों को भी अपनी चपेट में ले रही हैं. बीते कुछ वक्त  से एक बार फिर लंपी ने गायों को अपनी चपेट में ले लिया है. लेकिन ऐसी ही बीमारियों पर काबू पाने के लिए नेशनल वन हैल्थ मिशन (एनओएचएम) शुरू किया गया है. 

जी-20 महामारी कोष भी इस पर बड़ी रकम खर्च कर रहा है. हाल ही में भारत को इस कोष से 25 मिलियन डालर मिलने की घोषणा हुई है. वलर्ड बैंक और एशियन डवलपमेंट बैंक भी ऐसी बीमारियों से निपटने के लिए भारत को मदद कर रहे हैं. केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय (डीएएचडी) देश में एनओएचएम का संचालन कर रहा है.  

इसे भी पढ़ें: Dairy Export: दुनिया के 136 देश खाते हैं दूध उत्पादन में नंबर वन भारत का बना घी-मक्खन

लंपी से ऐसे निपटेगा नेशनल वन हेल्थ मिशन 

नेशनल वन हैल्थ मिशन के तहत लंपी जैसी बीमारियों से निपटने के लिए एक प्लान तैयार किया गया है. जानकारों की मानें तो प्लान के तहत तीन लेवल पर सात बड़े काम किए जाएंगे. 
पहले नंबर पर नेशनल और स्टेट लेवल पर महामारी की जांच को संयुक्त टीम बनेगी. 

महामारी फैलने पर संयुक्त टीम रेस्पांस करेगी. 
नेशनल लाइव स्टॉक मिशन की तरह से सभी पशुओं के रोग की निगरानी का सिस्टम तैयार किया जाएगा. 
मिशन के रेग्यूलेटरी सिस्टम को मजबूत बनाने पर काम होगा. जैसे नंदी ऑनलाइन पोर्टल और फील्ड परीक्षण दिशा-निर्देश. 
महामारी फैलने से पहले लोगों को उसके बारे में चेतावनी देने के लिए सिस्टम बनाने पर काम होगा. 
नेशनल डिजास्टर मैंनेजमेंट अथॉरिटी के साथ मिलकर जल्द से जल्द महामारी की गंभीरता को कम करना. 
प्राथमिक रोगों के टीके और उसका इलाज विकसित करने के लिए तय अनुसंधान कर उसे तैयार करना. 
रोग का पता लगाने के तय समय और संवेदनशीलता में सुधार के लिए जीनोमिक और पर्यावरण निगरानी फार्मूले तैयार करना जैसे काम होंगे. 

इसे भी पढ़ें: World Goat Day: ‘दूध नहीं दवाई है’ तो क्या इसलिए बढ़ रहा है बकरी के दूध का उत्पादन 

 इसलिए शुरू किया गया है NOHM

एनीमल एक्सपर्ट की मानें तो कोविड, स्वाइन फ्लू, एशियन फ्लू, इबोला, जीका वायरस, एवियन इंफ्लूंजा समेत और भी न जानें ऐसी कितनी महामारी हैं जो पशु-पक्षियों से इंसानों में आई हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक 1.7 मिलियन वायरस जंगल में फैले होते हैं. इसमे से बहुत सारे ऐसे हैं जो जूनोटिक हैं. जूनोटिक वो होते हैं जो पशु-पक्षियों से इंसान में फैलते हैं. जूनोटिक के ही दुनिया में हर साल एक बिलियन केस सामने आते हैं और इससे एक मिलियन मौत हो जाती हैं. अब वर्ल्ड लेवल पर इस पर काबू पाने की कवायद शुरू हो गई है. भारत में भी एनओएचएम के नाम से अभियान शुरू कर दिया गया है.

 

MORE NEWS

Read more!