योगी सरकार ने किसानों को दी बड़ी राहत, अब तक 24.53 लाख मीट्रिक टन यूरिया की हुई बिक्री

योगी सरकार ने किसानों को दी बड़ी राहत, अब तक 24.53 लाख मीट्रिक टन यूरिया की हुई बिक्री

UP News: प्रदेश सरकार निर्धारित मूल्य (एमआरपी) पर किसानों को गुणवत्तापूर्ण उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित करा रही है. उर्वरक वितरण में आसामाजिक तत्वों द्वारा कालाबाजारी, जमाखोरी, ओवररेटिंग, टैगिंग आदि से किसान प्रभावित न हों, इसका पूरा ध्यान रखते हुए कार्यवाही भी की जा रही है.

योगी सरकार की प्राथमिकता में अन्नदाता किसान (File Photo)योगी सरकार की प्राथमिकता में अन्नदाता किसान (File Photo)
नवीन लाल सूरी
  • LUCKNOW,
  • Aug 12, 2025,
  • Updated Aug 12, 2025, 6:58 PM IST

अन्नदाता किसान योगी सरकार की प्राथमिकता में है. प्रदेश में 2017 में योगी सरकार बनने के बाद से ही किसानों के उत्थान व समृद्धि के लिए अनेक प्रयास शुरू हुए और उन्हें नित ऊंचाइयों पर भी पहुंचाया गया. इसका लाभ प्रदेश के हर किसानों को मिला. अनेक  योजनाओं के साथ ही किसानों को समय-समय पर उर्वरक की उपलब्धता बनी रहे, इसे लेकर कृषि विभाग संजीदा रहा. विपक्षी दलों के आरोपों को कृषि विभाग के आंकड़े निरंतर झुठला रहे हैं. खरीफ सत्र- 2025 की ही बात करें तो प्रदेश में किसानों को सुगमता और बिना किसी अतिरिक्त मूल्य के उर्वरक उपलब्ध हो रहा है. 

किसानों को ऐसे मिली बड़ी मदद

प्रदेश सरकार निर्धारित मूल्य (एमआरपी) पर किसानों को गुणवत्तापूर्ण उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित करा रही है. उर्वरक वितरण में आसामाजिक तत्वों द्वारा कालाबाजारी, जमाखोरी, ओवररेटिंग, टैगिंग आदि से किसान प्रभावित न हों, इसका पूरा ध्यान रखते हुए कार्यवाही भी की जा रही है.

यूपी में तेजी से बढ़ी उर्वरकों की बिक्री 

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के नेतृत्व में किसानों तक उर्वरकों की बिक्री काफी बढ़ी है. खरीफ सत्र में 11 अगस्त तक के आंकड़े पर नजर दौड़ाएं तो यह इसका पुरजोर समर्थन करते हैं. उप्र कृषि विभाग के नेतृत्व व निर्देशन में खरीफ सत्र 2025 में सोमवार (11 अगस्त) तक 39.40 लाख मीट्रिक टन उर्वरक की बिक्री की जा चुकी है, जबकि विगत वर्ष (खरीफ सत्र 2024) में 11 अगस्त तक यह बिक्री 33.42 लाख मीट्रिक टन रही. कृषि विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयास की बदौलत इस सत्र में अभी तक 5.98 लाख मीट्रिक टन से अधिक की बिक्री उर्वरकों की हो चुकी है. यह बिक्री बाकी समय में और तेजी से बढ़ेगी. इस पर भी पूरे प्रयास किए जा रहे हैं. 

प्रदेश में किसानों के लिए पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध

1- यूरियाः प्रदेश में विगत वर्ष (खऱीफ 2024 सत्र) में यूरिया की मांग 38 लाख मीट्रिक टन थी. खरीफ सत्र 2025 में इसकी रिक्वायरमेंट 39.92 लाख मीट्रिक टन है. 11 अगस्त 2025  तक 28.98 लाख मीट्रिक टन यूरिया की बिक्री भी की जा चुकी है.
👉 2025 – बिक्री- (11 अगस्त)- 28.98 लाख मीट्रिक टन 
👉 2024- (11 अगस्त)- 24.53 लाख मीट्रिक टन  

2- डीएपीः प्रदेश में खरीफ सत्र 2024 में डीएपी की मांग 9.05 लाख मीट्रिक टन थी. 2025 में यह बढ़कर 10 लाख मीट्रिक टन हुई. 11 अगस्त तक इसकी बिक्री 5.11 लाख मीट्रिक टन की जा चुकी है.
👉 2025- बिक्री- (11 अगस्त)- 5.11 लाख मीट्रिक टन 
👉 2024- बिक्री- (11 अगस्त)- 5.02 लाख मीट्रिक टन

3- एनपीके (नाइट्रोजन, फ़ॉस्फोरस व पोटेशियम मिश्रण)ः प्रदेश में खरीफ सत्र 2024 में एनपीके की मांग छह लाख मीट्रिक टन थी. इसकी बिक्री 1.88 लाख मीट्रिक टन रही, जो इस सत्र में बढ़कर 11 अगस्त तक 2.25 लाख मीट्रिक टन है.
👉 2025- बिक्री (11 अगस्त)- 2.25 लाख मीट्रिक टन 
👉 2024-बिक्री- (11 अगस्त)-1.88 लाख मीट्रिक टन 

4- एमओपी (म्यूरेट ऑफ पोटाश)- प्रदेश में खरीफ सत्र-2024 में एमओपी की मांग 0.47 लाख मीट्रिक टन थी. इस वर्ष बढ़कर यह 1.25 लाख मीट्रिक टन हो गई है. पिछले साल इसकी बिक्री 0.23 लाख मीट्रिक टन रही. इस वर्ष अभी 11 अगस्त तक ही 0.43 लाख मीट्रिक टन बिक्री हो गई है.
👉 2025- बिक्री (11 अगस्त)- 0.43 लाख मीट्रिक टन
👉 2024- बिक्री- (11 अगस्त)-0.23 लाख मीट्रिक टन 

5- एसएसपी (सिंगल सुपर फॉस्फेट) – पिछले खरीफ सत्र में 11 अगस्त तक एसएसपी की बिक्री जहां  1.76 लाख मीट्रिक टन थी. वहीं 2025 में इसकी बिक्री बढ़कर अब तक 2.63 लाख मीट्रिक टन हो चुकी है.
👉 2025- बिक्री (11 अगस्त)- 2.63 लाख मीट्रिक टन
👉 2024- बिक्री (11 अगस्त)-  1.76 लाख मीट्रिक टन

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