राजधानी दिल्ली में एकजुट हुए किसान, प्रधानमंत्री मोदी के फैसले पर जताया आभार

राजधानी दिल्ली में एकजुट हुए किसान, प्रधानमंत्री मोदी के फैसले पर जताया आभार

कई राज्यों के किसानों और किसान संगठनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मजबूत फैसले के प्रति जताया आभार. राजधानी में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ एकजुट हुए अन्नदाताओं ने देश हित में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का खुलकर किया समर्थन.

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क‍िसान तक
  • Noida,
  • Aug 12, 2025,
  • Updated Aug 12, 2025, 8:43 PM IST

विभिन्न राज्यों से आए अनेक किसान संगठनों के प्रमुखों के साथ ही बड़ी संख्या में अन्नदाताओं ने मंगलवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में एकजुट होते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिए गए किसान हितैषी निर्णयों के लिए धन्यवाद व्यक्त किया. इस अवसर पर शिवराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सदैव राष्ट्र हित में मजबूत फैसले लिए हैं, जिनके प्रति देश आभारी है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में बहुत मजबूती के साथ कहा था, “हमारे लिए अपने किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है. भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरे भाई-बहनों के हितों के साथ कभी भी समझौता नहीं करेगा. मैं जानता हूं कि व्यक्तिगत रूप से मुझे बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी, लेकिन मैं इसके लिए तैयार हूं.” प्रधानमंत्री के इन विचारों के समर्थन में मंगलवार को विभिन्न राज्यों के किसान और किसान संगठनों के पदाधिकारी दिल्ली पहुंचे और सुब्रमण्यम हॉल, पूसा परिसर में शिवराज सिंह चौहान द्वारा "किसानों के साथ संवाद" के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के मजबूत फैसले के प्रति आभार जताया.

किसान संगठनों के प्रमुखों ने प्रधानमंत्री के दूरदर्शी और किसान हितैषी निर्णयों का हृदय से स्वागत और पूर्ण समर्थन करते हुए कहा कि हमारे लिए राष्ट्र हित सर्वोपरि है, हम इस मामले में पूरी तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के साथ हैं. किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने एक स्वर में प्रधानमंत्री मोदी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की और उनके किसान हितैषी ऐतिहासिक कदम की प्रशंसा की. 

विभिन्न किसान संगठनों के नेता हरपाल सिंह डागर, धर्मेंद्र मलिक, धर्मेंद्र चौधरी, विरेंद्र लोहान, किरपा सिंह नत्थूवाला, कुलदीप सिंह बाजिदपुर, बाबा राजेंद्र सिंह मलिक, तरुणेश शर्मा, के.पी. सिंह ठैनुआ, आचार्य रामगोपाल वालिया, बिनोद आनंद, राजकुमार बालियान, अशोक बालियान, विपिचंद्र आर. पटेल, रामपाल जाट, कृष्णवीर चौधरी, भूपेंद्र सिंह मान, के. साई रेड्डी आदि ने विचार व्यक्त किए और प्रधानमंत्री के साहसिक निर्णय के प्रति आभार जताया.

इन पदाधिकारियों ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश के किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हित में अटल संकल्प वाला बयान दिया है. भारत किसी कीमत पर अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हितों के साथ समझौता नहीं करेगा. ये घोषणा न केवल करोड़ों अन्नदाताओं को राहत देने वाली है, बल्कि कृषि एवं ग्रामीण भारत की आत्मनिर्भरता को मजबूती प्रदान करती है. हम इस दूरदर्शी और किसान हितैषी विचार का हृदय से स्वागत और पूर्ण समर्थन करते हैं. कृषि पशुपालन और मत्स्य हितों में ये प्रतिबद्धता आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत बनेगी.

किसान नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अमेरिकी कंपनियों को कृषि और डेयरी सेक्टर में प्रवेश नहीं देने का जो साहसिक निर्णय लिया है, वह हर खेत, हर गांव और हर गौशाला में गूंज रहा है. आपने ये सिद्ध कर दिया है कि भारत का किसान केवल अन्नदाता नहीं, बल्कि इस राष्ट्र की आत्मा है और इस आत्मा पर कभी कोई विदेशी कब्जा नहीं कर सकता. आपने हमें भरोसा दिलाया है कि जब तक दिल्ली में वर्तमान नेतृत्व है, तब तक कोई भी ताकत भारत के किसानों को गुलाम नहीं बना सकती. साथ ही, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का नकली खाद, बीज, कीटनाशक के खिलाफ की गई कार्रवाई के लिए हृदय से आभार व्यक्त किया.

इन नेताओं ने शिवराज सिंह से कहा कि मंत्री जी आपने जो स्टैंड लिया है, उसके लिए हम देश के प्रधानमंत्री मोदी जी और कृषि मंत्री जी को बहुत-बहुत धन्यवाद देते हैं. साथ ही, अपील भी है कि अमेरिका जब भी कोई समझौता करता है, तो वह चाहता है कि उस देश के कानून में बदलाव हो. आपने जो स्टैंड लिया है, उस पर आप अडिग रहें, और मुक्त व्यापार को लेकर हमारी नीतियों में कोई बदलाव ना आए. विश्व व्यापार संगठन में हमारा लंबित, कृषि सब्सिडी का विषय है, उसे भी सुलझाया जाए. हम आशा करते हैं कि जिस भावना से भारत ने आरसेफ से एग्जिट किया था, उसी भावना के साथ हम अमेरिका के साथ भी व्यवहार करेंगे. हम आपसे आग्रह करते हैं कि आप सुनिश्चित करें कि भविष्य में भी ऐसे किसी व्यापार समझौते पर भारत सरकार हस्ताक्षर नहीं करेगी, जो किसान हितों के विरुद्ध होगा.

उन्होंने कहा कि हम बहुत चिंतित थे कि अमेरिका समझौते पर दबाव डाल रहा है, अगर समझौता हो जाता तो हम किसान बर्बाद हो जाते, लेकिन प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री ने किसानों के हित में कठोर फैसला लिया है, उससे देश के किसानों की छाती चौड़ी कर दी. अमेरिका चाहे जो बोलता रहे लेकिन हमारा कोई नुकसान नहीं होने वाला. देश का किसान आपके साथ खड़ा है.

प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री की प्रशंसा करते किसान नेताओं ने कहा कि किसान कल्याण के लिए सरकार अनेक कदम उठा रही है, जिससे किसान भाई-बहनों की जिंदगी में बदलाव आया है. हम आशा करते है कि सरकार आगे और मजबूत कदम उठाएगी ताकि हमें अमेरिका जैसे देशों की तरफ देखने की जरूरत ही नहीं पड़े. प्रधानमंत्री के निर्णय पर गर्व है. 

इस अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि एक लघु भारत का दृश्य यहां उपस्थित हो रहा है. किसान भाई, दिन-रात मेहनत करके आज केवल भारत को नहीं बल्कि पूरी दुनिया को खिलाने का समार्थ्य रखते हैं. अन्न हमारा जीवन है. अन्न ही ब्रह्म है. किसान अन्न देता है तो वो अन्नदाता भी है और वो जीवनदाता भी है. और, एक कृषि मंत्री के रूप में मुझे हमेशा ये लगता है कि किसानों की सेवा ही भगवान की पूजा है और इससे बड़ी पूजा कोई हो नहीं सकती. शिवराज सिंह चौहान ने दोहराया कि नकली खाद और उर्वरक बनाने वालों के खिलाफ सरकार जल्द ही नया कानून लाकर सख्त कार्रवाई करेगी. उन्होंने कहा कि किसान कल्याण के लिए विभिन्न योजनाओं को प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है. कल ही राजस्थान के झुंझूनु से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा राशि का डिजिटल भुगतान भी किया गया. 

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने प्रधानमंत्री के राष्ट्र सर्वोपरि के संकल्प को बल देते हुए कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिंधु जल समझौता रद्द करना कर ऐतिहासिक निर्णय था, जिसके लिए हम प्रधानमंत्री के प्रति आभारी है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पूरा देश आशंकित था, समझौता टैरिफ का ही, तो साँसें थम रही थीं. कुछ लोग प्रतीक्षा कर रहे थे कि फँस जाए कहीं, अगर टैरिफ लग जाए तो समझौता हो जाएगा, लेकिन आज मैं पूरे संतोष के साथ कह रहा हूं, पहले भी हमने कहा था, बैठकों के कई दौर हुए, भारत ने एक साफ स्टैंड दिया हमारा किसान का कोई मुकाबला है क्या? हमारे नेताओं ने ठीक बात कही, उनकी लैंड होल्डिंग कितनी है आपको पता है 10-15 हजार हेक्टेयर के फार्महाउस, फार्महाउस पर हेलिकॉप्टर उतारते हैं, और हमारा किसान एक एकड़, डेढ़ एकड़, दो एकड़, ढाई एकड़, तीन एकड़, और कई के पास तो आधा एकड़, पौना एकड़ ज़मीन है. हमारे पास थोड़ी-थोड़ी ज़मीन है, क्या ये मुकाबला फेयर है? तुम GM सीड्स का इस्तेमाल करते हो. हमारे GM को लेकर अलग-अलग तरह की धारणाएं हैं. किसान भाइयों, पूरा देश आशंकित था, क्या होगा? वो ये चाहते हैं कि उनका सोयाबीन यहां आए, उनका गेहूं, मक्का, चावल, वहां प्रति हेक्टेयर उत्पादन में लागत कम लगती है भाई, क्योंकि GM सीड्स और बाकी चीजें इस्तेमाल करते हैं तो पैदावार ज़्यादा होती है, तो लागत कम लगती है. हमारे यहां प्रति हेक्टेयर उत्पादन की लागत वहां से बहुत ज़्यादा है, और खुलेआम वो आ जाता तो हमारे यहां जो फसलें हैं, उनके दाम अपने देश में और गिर जाते, किसान कहां जाता? इसलिए तय किया कि चाहे कुछ हो जाए, लेकिन किसान हितों के साथ समझौता नहीं किया जाएगा.

शिवराज सिंह ने कहा कि आज मैं हृदय से अपने प्रधानमंत्री को धन्यवाद देता हूं. आपकी भावनाएं थीं, उन तक पहुंची, पहुंचाई हमने और प्रधानमंत्री ने तय किया. 5 दिन पहले इसी मंच से प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि व्यक्तिगत रूप से मेरा कितना भी नुकसान हो जाए, लेकिन किसान हितों के साथ समझौता नहीं किया जाएगा. ये भारत की आवाज़ है, और किसान भाइयों निश्चिंत रहना किसी भी कीमत पर, जो होगा देखेंगे. 144 करोड़ का भारत थोड़ी तकलीफ़ होगी, लेकिन देखा जाएगा. हम नए बाज़ार ढूंढेंगे और भारत ही इतना बड़ा बाज़ार है कि चीजें अपनी यहीं खप जाएंगी. पूरे यूरोप की आबादी 50 करोड़, अमेरिका की 30 करोड़, हमारी 144 करोड़ ये जनसंख्या हमारी कमजोरी नहीं, हमारी ताकत है. इसलिए ये फैसला हुआ. कार्यक्रम में शिवराज सिंह ने सभी को संकल्प दिलाया कि अपने जीवन में उपयोग की जाने वाली सभी चीजें भारत में बनी ही खरीदेंगे. अपने मित्रों, रिश्तेदारों और परिचितों को भी स्वदेशी चीजें खरीदने के लिए प्रेरित करेंगे.

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