टमाटर की कीमतों में एक बार फिर तेजी देखने को मिल रही है. जहां आम जनता को महंगाई का सामना करना पड़ रहा है, वहीं टमाटर की खेती करने वाले किसानों के लिए यह एक सुनहरा मौका बनकर आया है. पिछले महीने तक जो टमाटर 20 से 25 रुपये प्रति किलो में बिक रहा था, वह अब दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत के कई शहरों में 60 से 70 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है.
दिल्ली की आज़ादपुर मंडी के टमाटर व्यापारियों के अनुसार, पिछले एक हफ्ते में थोक में टमाटर की कीमत 35 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है. वहीं बेंगलुरु से आने वाली टमाटर की खेप की कीमत भी करीब 40 रुपये प्रति किलो रहने की संभावना है.
केंद्रीय कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले हफ्ते टमाटर की औसत कीमत 32 रुपये प्रति किलो दर्ज की गई. पिछले महीने यह कीमत 22 रुपये प्रति किलो थी, जबकि पिछले साल इसी समय 21 रुपये प्रति किलो थी. इस हिसाब से टमाटर की कीमत में पिछले एक साल में करीब 51.55% की बढ़ोतरी देखी गई है.
जहां पिछले दो सालों में प्याज और आलू की खेती करने वाले किसानों को नुकसान उठाना पड़ा, वहीं टमाटर उगाने वाले किसानों को अच्छा मुनाफा हो रहा है. बढ़ती कीमतों से उन्हें उनकी मेहनत का सही मूल्य मिल रहा है.
विशेषज्ञों का मानना है कि टमाटर की आपूर्ति में कमी आने से दाम बढ़े हैं. पहले राजस्थान और हरियाणा जैसे राज्यों से बड़ी मात्रा में टमाटर आ रहा था, लेकिन कीमतें कम होने के कारण कई किसानों ने टमाटर बेचना बंद कर दिया. अब टमाटर की सप्लाई सिर्फ हिमाचल प्रदेश, हरियाणा के करनाल, उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों और कर्नाटक से हो रही है.
इसके अलावा, जून की गर्मी और उमस के कारण टमाटर जल्दी खराब हो रहे हैं, जिससे उनकी उपलब्धता और भी कम हो गई है.
फिलहाल टमाटर की कीमतों में राहत मिलने की उम्मीद नहीं है. गर्मी और बारिश के चलते टमाटर जल्दी खराब हो रहे हैं. जानकारों का कहना है कि अगले एक-दो महीने तक टमाटर के दाम ऊंचे ही रहेंगे. जब नई फसल बाजार में आएगी, तब जाकर कीमतों में कुछ राहत मिल सकती है.
अगर आप टमाटर खरीदने जा रहे हैं, तो फिलहाल थोड़ा खर्च ज्यादा करना पड़ेगा. लेकिन अगर आप किसान हैं और टमाटर की खेती करते हैं, तो यह समय आपके लिए लाभदायक साबित हो सकता है. आने वाले समय में कीमतें और बढ़ सकती हैं, इसलिए सभी को सजग रहने की जरूरत है.