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World Goat Day: ‘दूध नहीं दवाई है’ तो क्या इसलिए बढ़ रहा है बकरी के दूध का उत्पादन 

World Goat Day: ‘दूध नहीं दवाई है’ तो क्या इसलिए बढ़ रहा है बकरी के दूध का उत्पादन 

केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा बीते 40 साल से बकरियों और उसके दूध-मीट पर रिसर्च कर रहा है. संस्थान का दावा है कि बकरी का दूध सिर्फ दूध ही नहीं दवाई भी है. इसके बहुत सारे गुण ऐसे हैं जो दवाई का काम करते हैं. ये बच्चों ही नहीं बड़ों को भी कई तरह की बीमारियों में फायदा पहुंचाता है. ये संस्थान साइंटीफिक तरीके से कैसे बकरी पालन किया जाए इसकी ट्रेनिंग भी देता है.  

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खुले मैदान में चरती बकरियां. फोटो क्रेडिट-किसान तक खुले मैदान में चरती बकरियां. फोटो क्रेडिट-किसान तक

‘बकरी का दूध सिर्फ दूध भर ही नहीं है, ये एक दवाई है. अगर हम गौर करें तो ग्रंथों में भी बकरी के दूध को एक औषधी बताया गया है. महात्मा गांधी भी दूध की वजह से बकरी साथ लेकर चलते थे. आज यूरोपीय देशों में बच्चों की 95 फीसद दवाई बकरी के दूध से बनाई जाती हैं.’ ये कहना है केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा के डायरेक्टर मनीष कुमार चेटली का. उनका कहना है कि बकरियों का दूध डेंगू ही नहीं और भी कई बीमारियों में बहुत ही फायदेमंद साबित होता है. शायद यही वजह है कि बीते कुछ साल से बकरियों का दूध उत्पाादन लगातार बढ़ रहा है. 

डेयरी और पशुपालन मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक बकरी के दूध उत्पादन में भारत का विश्व में पहला स्थान है. बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र और राज्य सरकारें भी तमाम तरह की योजनाएं चला रही हैं. और अच्छी बात ये है कि इसका असर भी देखने को मिल रहा है. तमाम छोटी-छोटी कंपनियां बकरी के दूध और उससे बने प्रोडक्ट का आनलाइन करोबार कर रही हैं. 21 अगस्त को बकरी दिवस मनाया जाता है. इसी के चलते आज हम चर्चा कर रहे हैं बकरी के दूध पर. 

कैंसर-हार्ट, डायबिटीज के मरीजों को भी फायदा देता है बकरी का दूध

सीआईआरजी के डायरेक्टर मनीष कुमार चेटली ने किसान तक को बताया कि बकरी का दूध सिर्फ दूध ही नहीं दवाई भी है. इसके बहुत सारे गुण ऐसे हैं जो दवाई का काम करते हैं. जैसे डेंगू में बकरी का दूध कितना असरदार है यह तो सभी जानते हैं. लेकिन इसके साथ ही कैंसर और हार्ट के मरीजों को भी बकरी का दूध फायदा पहुंचाता है. लेक्टोज की मात्रा कम होने के चलते डायबिटीज के मरीजों को भी फायदा पहुंचाता है. साथ ही पेट की कई बीमारियों में फायदा करता है. खासतौर पर आंत की बीमारी कोलाइटिस में भी बकरी का दूध बहुत ही फायदेमंद है.

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नेचुरल ऑर्गनिक है बकरी का दूध-वाइस चांसलर

गुरू अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी (गडवासु), लुधियाना के वाइस चांसलर डॉ. इन्द्रजीत सिंह का कहना है कि डॉक्टर भी दवाई के रूप में बकरी का दूध पीने की सलाह दे रहे हैं. बकरी के चरने की व्यवस्था को देखकर इसके दूध को ऑर्गेनिक भी कहा जा सकता है. 

वहीं मथुरा में स्टार साइंटीफिक गोट फार्मिंग के नाम से बरबरी नस्ल की बकरियों का ब्रीडिंग सेंटर चलाने वाले राशिद का कहना है कि देश में आनलाइन बकरी का पाश्चराइज्ड दूध 200 ग्राम की बंद बोतल में 35 से 40 रुपये का बिक रहा है. कई लोग इसे ऑर्गनिक कहकर भी बेच रहे हैं. अभी अमूल, मदर डेयरी समेत और बड़ी कंपनियों ने बकरी के दूध कारोबार में कदम नहीं रखें हैं, लेकिन जिस दिन ऐसा हुआ तो इस दूध की डिमांड और बढ़ जाएगी. 

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बकरी के दूध से बनती हैं 95 फीसद दवाई 

मनीष कुमार चेटली ने बताया कि खासतौर से बच्चों में बकरी का दूध इतना फायदेमंद है कि यूरोप में बच्चों के लिए बनने वालीं 95 फीसद दवाइयों में बकरी का दूध इस्तेमाल किया जाता है. इसकी एक सबसे बड़ी वजह यह भी है कि बकरी के दूध में वीटा क्रेजिन होता है. जबकि गाय के दूध में अल्फा क्रेजिन पाया जाता है. इसलिए बकरी का दूध पीने से बच्चों को किसी भी तरह की एलर्जी नहीं होती है. और इसी वजह से डॉक्टर भी बच्चों के लिए बकरी का दूध ही बताते हैं. 

52 से 62 लाख टन हुआ बकरी का दूध उत्पादन 

केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021 में बकरी के दूध का 62.61 लाख मिट्रिक टन उत्पादन हुआ था. यह भारत में कुल दूध उत्पादन का तीन फीसद हिस्सा है. देश में इस साल दूध का कुल उत्पादन 210 मिलियन मीट्रिक टन हुआ है. जबकि साल 2014-15 में 51.80 लाख मीट्रिक टन दूध का उत्पादन हुआ था. साल 2018 से 2020 तक जरूर बकरी के दूध उत्पादन में मामूली गिरावट आई थी. लेकिन फिर से बकरी का दूध कारोबार अपनी रफ्तार पर है. 

पांच राज्य जहां दूध देने वाली बकरियां ज्यादा हैं 

राजस्थान- 68 लाख 
उत्तर प्रदेश- 46 लाख 
मध्य प्रदेश- 41 लाख 
महाराष्ट्रा- 37 लाख 
तमिलनाडु- 32 लाख 
साल 2020-21 में दूध देने वाली बकरियों की संख्या 3.63 करोड़ थी. 
साल 2014-15 में दूध देने वाली बकरियों की संख्या 3.09 करोड़ थी.

पांच राज्य जहां दूध उत्पादन सबसे ज्यादा है 

राजस्थान- 21.80 लाख 
उत्तर प्रदेश- 13.19 लाख 
मध्य प्रदेश- 9.10 लाख 
गुजरात- 3.52 लाख 
महाराष्ट्रा- 3.22 लाख 

नोट- आंकड़े टन में है.