एमएसपी गारंटी की मांग के चलते किसानों ने दिल्ली कूच का ऐलान किया है. इसे देखते हुए दिल्ली पुलिस ने किसानों की दिल्ली एंट्री को रोकने के लिए दिल्ली-हरियाणा को जोड़ने वाले सिंघु बार्डर को सील कर दिया है. एक दूसरे टिकरी बार्डर पर भी ट्रैफिक रोक दिया गया है. इसके अलावा यूपी को दिल्ली से जोड़ने वाले बार्डर पर भी सख्ती बढ़ा दी गई है. इसके चलते दिल्ली के सभी बार्डर पर ट्रैफिक जाम के से हालात हो गए हैं. दिल्ली के अंदर ही कार को 40 किमी की दूरी तय करने में ढाई से तीन घंटे लग रहे हैं.
हालांकि किसान अभी दिल्लीं से 200 किमी दूर हैं, लेकिन इस सब हालात ने दिल्ली-एनसीआर वालों की परेशानी को बढ़ा दिया है. रोजमर्रा की जरूरत दूध की किल्लत हो सकती है. पिछले आंदोलन के दौरान भी हरियाणा और यूपी से होने वाली दूध की सप्लाई पर असर पड़ा था.
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हरियाणा की वीटा डेयरी के सीईओ चरण सिंह ने किसान तक को बताया कि दिल्ली-एनसीआर को हर रोज करीब 85 लाख लीटर दूध की जरूरत होती है. अगर हम दिल्ली-एनसीआर में सबसे बड़े दूध सप्लायर्स की बात करें तो वो अमूल है. अमूल दिल्ली-एनसीआर में रोजाना करीब 45 लाख लीटर दूध सप्लाई करता है. जबकि मदर डेयरी अकेले दिल्ली में ही करीब 25 लाख लीटर दूध की सप्लाई करती है. जानकार बताते हैं कि अमूल और मदर डेयरी के मुकाबले दिल्ली में हरियाणा की दूध कंपनी वीटा का भी योगदान है.
इसके साथ ही हरियाणा-यूपी के छोटे-छोटे मिल्क सप्लायर्स भी दिल्ली-एनसीआर में दूध की सप्लाई करते हैं. मदर डेयरी के दिल्ली में 1400 रिटेल आउटलेट और 1000 स्पेशल आउटलेट हैं. वहीं अमूल के दिल्ली-एनसीआर में 12 डेयरी प्लांट हैं. इसके साथ ही मध्य प्रदेश और गुजरात ट्रेन के रास्ते दिल्ली में दूध की सप्लाई करते हैं.
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जानकारों की मानें तो हरियाणा को दिल्ली से जोड़ने वाले दो मुख्य बार्डर सिंघु और टिकरी हैं. सिंघु बार्डर सोनीपत और पानीपत के रास्ते हरियाणा को दिल्ली से जोड़ता है तो टिकरी बार्डर रोहतक के रास्ते दिल्ली और हरियाणा को जोड़ता है. डेयरी एक्सपर्ट बताते हैं कि खासतौर पर हरियाणा से इन्हीं दो बार्डर के रास्ते दिल्ली में दूध के टैंकर दाखिल होते हैं. इसके अलावा अगर यूपी की बात करें तो गाजीपुर, चिल्ला बार्डर और बदरपुर बार्डर के रास्तें दूध की गाड़ियां दिल्ली में आती हैं.