Cyclone Montha ने आंध्र में 4.36 लाख टन फसल की बर्बाद, राज्‍य ने केंद्र से की आर्थ‍िक मदद की मांग

Cyclone Montha ने आंध्र में 4.36 लाख टन फसल की बर्बाद, राज्‍य ने केंद्र से की आर्थ‍िक मदद की मांग

आंध्र प्रदेश के मंत्रियों ने दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री को चक्रवात मोंथा से हुई भारी तबाही की जानकारी दी. मंत्रियों ने बताया कि मोंथा से 24 जिलों के 3 हजार से अधिक गांव प्रभावित हुए और 1.61 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई. इस दौरान 3.27 लाख किसान प्रभावित हुए.

Shivraj Meeting Montha Crop Loss Andhra PradeshShivraj Meeting Montha Crop Loss Andhra Pradesh
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Dec 03, 2025,
  • Updated Dec 03, 2025, 6:56 PM IST

आंध्र प्रदेश में आए चक्रवात ‘मोंथा’ से मची तबाही को लेकर राज्य के मंत्रियों ने केंद्र से राहत और सहायता की मांग की है. मंगलवार को राज्‍य के शिक्षा, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री नारा लोकेश और गृहमंत्री अनिता ने नई दिल्‍ली में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की और इस प्राकृतिक आपदा से किसानों और ग्रामीण आबादी को हुए व्यापक नुकसान की विस्तृत जानकारी दी. आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मंत्रियों ने बताया कि 28 और 29 अक्‍टूबर को आए इस चक्रवात ने तेज हवाओं, भारी बारिश और बाढ़ के साथ कई जिलों में भारी तबाही मचाई. 

9.53 लाख लोग हुए प्रभावित

शुरुआती आकलन के मुताबिक, 24 जिलों के 443 मंडलों में फैले 3,109 गांव प्रभावित हुए. करीब 9.53 लाख लोग किसी न किसी रूप में इस आपदा की चपेट में आए. खेतों के डूबने, नदियों के उफान और समुद्री ज्वार के बढ़ने से कृषि संपत्तियों, ग्रामीण ढांचे और सार्वजनिक सुविधाओं को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा.

3.27 लाख किसानों को हुआ नुकसान

मंत्री नारा लोकेश ने बताया कि लगातार बारिश और डेल्टा सहित तटीय क्षेत्रों में लंबे समय तक पानी भरे रहने से खड़ी फसलों का भारी नुकसान हुआ. धान, मक्का, कपास, मूंगफली, अरहर और मोटे अनाज समेत लगभग 1.61 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हुई. कुल मिलाकर 3.27 लाख किसान नुकसान झेल रहे हैं, जबकि फसल हानि का अनुमान 4.36 लाख मीट्रिक टन के आसपास है. इसके अलावा टैंकों, नहरों, बांध सड़कों और अन्य सिंचाई ढांचे को भी गंभीर क्षति पहुंची, जिससे खेतों तक पहुंच और पानी की आपूर्ति बाधित हो गई.

बागवानी क्षेत्र को पहुंची भारी क्षति 

मंत्रियों ने जानकारी दी कि बागवानी सेक्टर भी इस आपदा की मार से अछूता नहीं रहा. केले, पपीते, नारियल, हल्दी, मिर्च, सब्जियों और फूलों जैसी फसलों के तहत आने वाले लगभग 6,250 हेक्टेयर क्षेत्र को गहरी क्षति पहुंची, जो कुल बागवानी क्षेत्र का 33% से अधिक है. कई जगह बागानों में लगे सपोर्ट स्ट्रक्चर और पौधों की सुरक्षा व्यवस्था चक्रवात की तेज हवाओं में ढह गईं. नर्सरी, शेड नेट, फार्म पॉन्ड, स्टोरेज यूनिट और लघु सिंचाई प्रणालियों सहित सहायक ढांचे को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा.

NDRF-SDRF ने की मदद

बैठक के दौरान मंत्री लोकेश ने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने समय रहते राहत कार्यों की शुरुआत कर दी थी. संवेदनशील इलाकों से परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया. राहत शिविर बनाए गए. SDRF और NDRF की टीमों को तैनात किया गया था और विभागों के माध्यम से नुकसान का त्वरित आकलन कराया गया था.

इन प्रयासों की वजह से जनहानि को बड़े पैमाने पर होने से रोका जा सका और प्रभावित लोगों तक तत्परता से सहायता पहुंचाई गई. अंत में मंत्रियों ने केंद्र से आग्रह किया कि कृषि और बागवानी दोनों क्षेत्रों में हुए भारी नुकसान की भरपाई के लिए विशेष सहायता पैकेज उपलब्ध कराया जाए ताकि राज्य चक्रवात मोंथा से हुए व्यापक विनाश से तेजी से उबर सके. (एएनआई)

MORE NEWS

Read more!