
फार्मर आईडी एक डिजिटल कार्ड है, जिसे 2025 में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने डिजिटल इंडिया पहल के तहत लागू किया था. Farmer ID में जमीन, फसल, परिवार, मिट्टी की गुणवत्ता और पशुधन की जानकारी शामिल होगी. इससे किसान का पूरा प्रोफाइल डिजिटल रूप से सुरक्षित रहेगा. इतना ही नहीं फार्मर आईडी कार्ड की मदद से किसान किसी भी कृषि योजना का लाभ उठा सकते हैं. यह किसानों के लिए ठीक ATM कार्ड की तरह होगा. जिसका इस्तेमाल वो अपनी समस्या का हल निकालने में कर सकते हैं.
आपको बता दें फार्मर आईडी ना सिर्फ आपकी जानकारी को सुरक्षित रखता है बल्कि सरकार द्वारा दी जा रही अलग-अलग योजनाओं के लिए किसानों को अलग-अलग दस्तावेज़ जमा करने होते थे यह उससे भी छुटकारा दिलाता है. फार्मर आईडी की जरूरतों को समझते हुए आज इससे लाखों किसान जुड़ रहे हैं. आपको बता दें अब तक देश के 7.64 करोड़ किसान फार्मर आईडी बनाया जा चुका है.
डिजिटल कृषि मिशन के तहत फार्मर आईडी में सभी तरह के किसान शामिल किए जाते हैं, जिनमें महिला किसान भी हैं. किसान रजिस्ट्री ऐप में काश्तकार (खेत बटाई पर करने वाले) और पट्टेदार (लीज़ पर खेती करने वाले) किसानों को जोड़ने की सुविधा भी है. हर राज्य अपनी नीति के मुताबिक तय कर सकता है कि वह ऐसे किसानों को रजिस्ट्री में शामिल करे या नहीं. आपको बता दें 27 नवंबर 2025 तक कुल 7,63,72,702 किसान आईडी बनाई जा चुकी हैं. इनमें से 1.93 करोड़ महिला किसान हैं.
भविष्य में प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि और कृषि विभाग की योजनाओं का फ़ायदा पाने के लिए फार्मर आईडी ज़रूरी है. योग्य किसानों को सीधे राज्य और केंद्र सरकार की अलग-अलग योजनाओं का फ़ायदा देने के लिए फार्मर आईडी ज़रूरी होगी. भविष्य में नाम ट्रांसफ़र और खरीद रजिस्ट्रेशन के लिए भी फार्मर आईडी ज़रूरी होगी.
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