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Dairy Milk: ज्यादा दूध देने वाली गाय-भैंस बेचने को ऐसे की जा रही है धोखाधड़ी, पढ़ें डिटेल  

Dairy Milk: ज्यादा दूध देने वाली गाय-भैंस बेचने को ऐसे की जा रही है धोखाधड़ी, पढ़ें डिटेल  

हाल ही में लुधियाना, पंजाब में प्रोग्रेसिव डेयरी फार्मर एसोसिएशन (PDFA) की ओर से ये 17वां पशु मेला आयोजित किया गया था. मेले के दौरान तमाम प्रतियोगिताओं के दौरान 15 लीटर से ज्यादा दूध देने वाली भैंस से लेकर 35 और 50 लीटर से ज्यादा दूध देने वाली गाय को चुनने की प्रतियोगिता भी होती है. प्रतियोगिता में कोई धोखाधड़ी ना हो इसके लिए पीडीएफए ने भी बूस्टिन-लैक्टोट्रॉपिन की गडवासु से ये जांच कराई थी.

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दूध उत्पादन में भारत विश्व में पहले स्थान पर है. दूध उत्पादन में भारत विश्व में पहले स्थान पर है.

20 और 25 लीटर से ज्यादा दूध देने वाली भैंस. 35 से 74 लीटर तक दूध देने वाली गाय. ये सब सुनकर हर किसी पशुपालक का दिल करता है कि काश ऐसी एक-दो गाय-भैंस उसके भी बाड़े में होती तो ज्यादा मुनाफा कमाता. लेकिन अक्सर इसी चाहत को पूरा करने में पशुपालक धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं. बहुत सारे मामलों में गाय-भैंस बेचने वाला कुछ केमिकल देकर थोड़े वक्त  के लिए गाय-भैंस के दूध को 10 से 15 लीटर तक बढ़ा देता है. इसी झांसे में आकर खरीदार हजारों रुपये खर्च कर देता है. 

लेकिन आठ-दस दिन बाद जब पशु का दूध देना कम होता है तो उसे समझ में आता है कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है. लेकिन पशुओं के मामले में धोखाधड़ी करने वालों की इस चालाकी को पकड़ा जा सकता है. इसके लिए उस पशु के ब्लड और दूध का सैम्पल ले जाकर लैब में जांच करानी होगी. गुरु अंगद देव वेटरनरी और एनीमल साइंस यूनिवर्सिटी (Gadvasu), लुधियाना ने इसकी जांच का तरीका खोजा है. 

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दूध बढ़ाने को दिया जा रहा है बूस्टिन-लैक्टोट्रॉपिन

गडवासु के वाइस चांसलर डॉ. इन्द्रनजीत सिंह ने किसान तक को बताया कि देश में कुछ लोग सिंथेटिक ग्रोथ हार्मोन का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसे बूस्टिन-लैक्टोट्रॉपिन भी कहा जाता है. ये चोरी छिपे गाय-भैंस को दूध बढ़ाने के लिए दिया जा रहा है. क्योंकि भारत में ये प्रतिबंधित है. इसके इस्तेमाल से गाय-भैंस अगर 20 लीटर दूध दे रहे हैं तो बूस्टिन-लैक्टोट्रॉपिन देने के बाद दूध की मात्रा 30 से 35 लीटर तक पहुंच जाती है. एक बार की डोज देने का असर करीब आठ से 10 दिन तक रहता है. इसके बाद दोबारा डोज दी जाती है. 

ऐसे करा सकते हैं बूस्टिन-लैक्टोट्रॉपिन की जांच 

डॉ. इन्द्रतजीत सिंह का कहना है कि बहुत ही कम खर्च में बूस्टिन-लैक्टोट्रॉपिन की जांच कराई जा सकती है. हमारी यूनिवर्सिटी ने इसकी जांच का तरीका खोज लिया है. जांच के लिए पशुपालक को उस गाय-भैंस का ब्ल ड और दूध का सैम्पल लाना होगा जिसके बारे में उसे शक है कि उस पशु को बूस्टिन-लैक्टोट्रॉपिन दिया गया है. सिर्फ एक हजार रुपये में बिना किसी मुनाफे और नुकसान के ये जांच की जा रही है. जांच के लिए कोई भी पशुपालक गडवासु, लुधियाना में संपर्क कर सकता है.  

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अमेरिका से पाकिस्तान तक हो रहा इस्तेमाल 

डॉ. इन्द्रजीत सिंह ने बताया कि अमेरिका, कनाडा, ब्राजील और पाकिस्ता‍न में ज्यादा दूध लेने के लिए धड़ल्ले से पशुओं को ये टीका दिया जा रहा है. लेकिन हमारे देश में इसकी मंजूरी नहीं है. भारत में भी साल 2010 से 2013 के बीच इसका टेस्ट किया गया था. मैंने खुद कुछ भैंसों पर इसका इस्ते‍माल किया था. लेकिन भारत सरकार ने इसकी मंजूरी नहीं दी थी. तब से कुछ लोग चोरी-छिपे इसे देश में लाते हैं और पशु पालकों को बेचते हैं.