बिजनौर जनपद में जंगली जानवर गुलदार ने अपना आतंक मचा रखा है. पिछले 15 दिनों में गुलदार ने दो छोटी बच्चियों सहित चार लोगों को अपना शिकार बना लिया है. इसके अलावा तीन महीने में करीब 35 लोगों का जख्मी कर चुका है. इन चारों को मिलाकर तीन महीने में सात लोगों को अपना निवाला बना चुका है. हालात इतने खराब हैं कि किसान अपने खेतों पर जाते हुए भी डर रहे हैं. खेत पर जाने वाले कई किसान और उनके नौकरों पर गुलदार हमला कर उन्हें जख्मी कर चुका है.
गुलदार के आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए पीलीभीत टाइगर रिजर्व कानपुर जू सहित चार जनपदों के विशेषज्ञ आधुनिक उपकरणों के साथ गुलदार को पकड़ने के लिए पिछले 10 दिन से जनपद में डेरा डाले हुए हैं. टाइगर रिजर्व के कर्मचारी लगातार गुलदार की तलाश कर रहे हैं, लेकिन गुलदार है कि उनकी पकड़ में नहीं आ रहा. वह लगातार जनपद में किसी न किसी गांव में खेत पर जाने वाले लोगों पर हमला कर रहा है या उन्हें दौड़ा दे रहा है.
जनपद बिजनौर में गुलदार का खौफ इस तरह हावी है कि अब लोग खेतों पर जाते हुए भी डर रहे हैं. रोज किसी न किसी गांव में गुलदार दिखाई देने या खेतों पर जाने वाले लोगों के पीछे गुलदार के भागने की घटनाएं लगातार प्रकाश में आ रही हैं. अभी दो दिन पहले ही गांव नसीरी में आबादी के निकट गुलदार के दिखाई देने से लोगों में खौफ है.
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ग्रामीणों की शिकायत पर वन विभाग ने यहां भी गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरा लगा दिया है. अगर गुलदार के हमले की बात की जाए तो गुलदार पिछले तीन महीने में 35 से ज्यादा लोगों पर हमला कर उन्हें जख्मी कर चुका है. जबकि सात लोगों को अपना निवाला बना चुका है और बड़ी संख्या में घरेलू पशु या आवारा कुत्तों को अपना निवाला बनाया है.
इसके डर और खौफ का माहौल इतना है कि किसान अपने खेत पर जाते हुए भी डर रहे हैं. वन विभाग ने गुलदार के आतंक से छुटकारा दिलाने के लिए कई गांव में पिंजरे लगाए हैं. लेकिन गुलदार भी इतना शातिर हो चुका है कि वह अब पिजरों में भी नहीं फस रहा है. गुलदार को पकड़ने के लिए पिछले आठ दिन से पीलीभीत टाइगर रिजर्व और कानपुर जू सहित मुरादाबाद, मेरठ और सहारनपुर से वन विशेषज्ञों की चार टीमें जनपद में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के साथ डेरा डाले हुए हैं और अलग-अलग गुटों में बैठकर गुलदारों की तलाश कर रही है.
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गुलदार को पकड़ने के लिए ड्रोन कैमरों का भी सहारा लिया जा रहा है. लेकिन आज 10 दिन बीतने के बाद भी इन टीमों के हाथ खाली हैं. गुलदार अभी तक पकड़ में नहीं आया है, जबकि अफजलगढ़, नगीना, बिजनौर, रेहड़ सहित अलग-अलग क्षेत्रों में गुलदार लगातार खेतों में दिखाई दे रहा है या लोगों पर हमला करने के लिए पीछे भाग रहा है. हालात ये है कि गुलदार को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीमें और सभी कर्मचारी असहाय महसूस कर रहे हैं.(संजीव शर्मा की रिपोर्ट)