Paddy Disease: धान की फसल में फिर फैला SRBSDV वायरस, जानें क्या है कारण, असर और समाधान

Paddy Disease: धान की फसल में फिर फैला SRBSDV वायरस, जानें क्या है कारण, असर और समाधान

2025 में फिर फैल गया Southern Rice Black-Streaked Dwarf Virus (SRBSDV), जिससे पंजाब की धान की फसल बौनी हो रही है. जानिए मौसम का इसका असर, संक्रमित क्षेत्र, और PAU द्वारा सुझाए गए बचाव के उपाय.

Rice dwarf virus outbreak beginsRice dwarf virus outbreak begins
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Aug 13, 2025,
  • Updated Aug 13, 2025, 1:56 PM IST

Southern Rice Black-Streaked Dwarf Virus (SRBSDV) एक खतरनाक वायरस है जो धान की फसल में बौना पन (dwarfing) पैदा करता है. इससे पौधे की बढ़त रुक जाती है, जड़ें कमजोर होती हैं, पत्तियां सीधी व संकरी हो जाती हैं और फसल पकने से पहले ही खराब हो जाती है. यह वायरस सफेद पीठ वाला फुदका (White Backed Planthopper - WBPH) नामक कीट के माध्यम से फैलता है.

2025 में फिर से क्यों फैला यह वायरस?

पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी (PAU) की एक शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में मौसम की स्थिति 2022 जैसी ही रही- बादलभरा आसमान, गर्मी व उमस, और समान वर्षा व दिन की लंबाई. यही कारण है कि इस साल भी वायरस का प्रकोप दोबारा देखने को मिला, ठीक वैसे ही जैसे 2022 में हुआ था.

PAU के कुलपति डॉ. एस. एस. गोसल ने बताया कि मौसम का पैटर्न इस वायरस के फैलाव में बड़ी भूमिका निभाता है.

किन जिलों में हुआ सबसे ज्यादा असर?

जुलाई और अगस्त 2025 में PAU द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार, वायरस का असर मुख्य रूप से पंजाब के उप-पहाड़ी क्षेत्रों जैसे पठानकोट, गुरदासपुर, रूपनगर, फतेहगढ़ साहिब और पटियाला में देखा गया.

जल्दी रोपाई बनी नुकसान की वजह

अध्ययन में पाया गया कि जिन खेतों में 20 जून से पहले धान की रोपाई की गई थी, वहां वायरस का असर ज्यादा देखने को मिला. वहीं 25 जून के बाद की गई रोपाई वाले खेतों में वायरस नहीं फैला या बहुत कम फैला.

डॉ. गोसल ने कहा, “एक ही गांव में कुछ खेतों में वायरस फैला और कुछ में नहीं. फर्क सिर्फ रोपाई की तारीखों का था.”

वायरस को रोकने के लिए क्या करें?

PAU ने सफेद पीठ वाले फुदका कीट पर नियंत्रण के लिए विशेष निर्देश जारी किए हैं. किसानों को सलाह दी गई है कि वे इन कीटों पर नजर रखें और केवल विश्वविद्यालय द्वारा सुझाए गए कीटनाशकों का ही उपयोग करें, जैसे:

  • पेक्सालॉन (Pexalon)
  • उलाला (Ulala)
  • ओशीन (Osheen)
  • इमेजिन (Imagine)
  • ऑर्केस्ट्रा (Orchestra)
  • चेस (Chess)

इनका प्रयोग सुझाई गई मात्रा और पानी की मात्रा के अनुसार ही करें.

किसानों को PAU की सलाह

डॉ. गोसल स्वयं वैज्ञानिकों की टीम के साथ प्रभावित गांवों का दौरा कर रहे हैं और किसानों को सलाह दे रहे हैं कि वे:

  • समय पर रोपाई करें
  • कीटों की निगरानी करें
  • केवल प्रमाणित कीटनाशकों का ही प्रयोग करें

PAU के कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) और फार्म एडवाइजरी सर्विस सेंटर्स की सलाह का पालन करें

आगे की रणनीति

PAU इस वायरस पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रही है जिसे सरकार को सौंपा जाएगा. साथ ही, अध्ययन जारी है ताकि भविष्य में फसल को इस तरह की बीमारियों से बचाने के लिए नीतियां बनाई जा सकें. SRBSDV वायरस का समय-समय पर उभरना यह दिखाता है कि जलवायु परिवर्तन और मौसम की स्थिति सीधे तौर पर फसलों को प्रभावित करती हैं. सही समय पर जानकारी, जागरूकता और वैज्ञानिक सलाह के पालन से इस तरह के नुकसान को काफी हद तक रोका जा सकता है.

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