Land Pooling Policy: पंजाब के संगरूर में लैंड पूलिंग पॉलिसी के खिलाफ बड़ा ट्रैक्टर मार्च, विधानसभा में रद्द करने की मांग

Land Pooling Policy: पंजाब के संगरूर में लैंड पूलिंग पॉलिसी के खिलाफ बड़ा ट्रैक्टर मार्च, विधानसभा में रद्द करने की मांग

Land Policy: पंजाब सरकार ने लैंड पूलिंग पॉलिसी को रद्द करने की घोषणा तो कर दी है मगर किसान संगठन अभी भी भरोसा नहीं जता पा रहे हैं. यही वजह है कि इसको लेकर किसान और कांग्रेस पार्टेी के नेताओं ने बड़ा ट्रैक्टर मार्च निकाला है. किसानों का कहना है कि इस पॉलिसी को विधानसभा में नोटिफिकेशन लाकर रद्द किया जाए.

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क‍िसान तक
  • संगरूर,
  • Aug 13, 2025,
  • Updated Aug 13, 2025, 1:24 PM IST

जहां एक ओर पंजाब सरकार ने लैंड पूलिंग पॉलिसी को रद्द करने का ऐलान कर दिया है, तो वहीं इस मुद्दे पर आज सियासत और किसान संगठनों की हलचल तेज हो गई है. संगरूर के धुरी में कांग्रेस नेता हरदीप सिंह की ओर से एक बड़ा ट्रैक्टर मार्च निकाला गया और ये मांग की गई कि इस पॉलिसी को विधानसभा में जाकर नोटिफिकेशन देकर रद्द किया जाए. कहा जा रहा है कि सरकार की ओर से बस एक प्रेस नोट जारी कर पॉलिसी वापसी की घोषणा की गई, जिसकी पुष्टि खुद वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने की.

विधानसभा में पॉलिसी रद्द करने की उठाई मांग

वहीं दूसरी तरफ, संयुक्त किसान मोर्चा यानी SKM आज चंडीगढ़ में बैठक कर रहा है, जिसमें आगे की रणनीति पर फैसला होगा कि इस मुद्दे को लेकर क्या किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा या खत्म किया जाएगा. इस बीच, संगरूर के धुरी में कांग्रेस नेता हरदीप सिंह ने लैंड पुलिंग पॉलिसी के खिलाफ एक बड़ा ट्रैक्टर मार्च निकाला. ये मार्च गांव दौलतपुर से शुरू होकर गांव मूलोब्बल के गुरुद्वारा साहिब तक पहुंचा. इस दौरान हरदीप सिंह ने कहा कि जिन लोगों ने सरकारों को फर्श से उठाकर सत्ता तक पहुंचाया, उन्हीं के खिलाफ कानून बनाए गए. भले ही पॉलिसी वापस ले ली गई है, लेकिन इसे विधानसभा में रद्द किया जाना चाहिए.

SKM की बैठक में होगा अहम फैसला

इस दौरान कांग्रेस नेता हरदीप सिंह ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों का जिक्र करते हुए कहा कि जैसे उन कानूनों की लड़ाई आज भी जारी है, वैसे ही इस पॉलिसी को लेकर भी किसानों की लड़ाई खत्म नहीं हुई है. अब सारी नजरें SKM की बैठक पर हैं, जहां से तय होगा कि किसानों का आंदोलन इस मुद्दे पर थमेगा या आगे बढ़ेगा. बता दें कि विपक्षी दलों और किसान संगठनों ने इस नीति को वापस लेने को राज्य के लोगों की जीत बताया है, जिसे उन्होंने पहले "भूमि कब्जाने" की योजना करार दिया था. किसान संगठनों ने यह भी दावा किया कि उन्होंने भगवंत मान सरकार को नीति वापस लेने के लिए "मजबूर" किया.

पॉलिसी पर पंजाब सरकार ने पीछे खींचे कदम

बीते सोमवार शाम जारी एक संक्षिप्त बयान में पंजाब के आवास एवं शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव ने कहा, "सरकार 14 मई की भूमि पूलिंग नीति और उसके बाद के संशोधनों को वापस लेती है." बयान में कहा गया है, "इसके परिणामस्वरूप, जारी किए गए आशय पत्र (एलओआई), किया गया पंजीकरण या उसके तहत की गई कोई अन्य कार्रवाई जैसी सभी कार्रवाइयां अब से रद्द कर दी जाएंगी."

(रिपोर्ट- कुलवीर सिंह)

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