गुजरात दौरे पर आए 10 देशों के राजदूत, टिकाऊ खेती के लिए नैनो-यूरिया तकनीक पर की चर्चा

गुजरात दौरे पर आए 10 देशों के राजदूत, टिकाऊ खेती के लिए नैनो-यूरिया तकनीक पर की चर्चा

गुजरात के आनंद में रे नैनो साइंस एंड रिसर्च सेंटर का दौरा करने पहुंचे 11 देशों के राजदूत. नैनो-यूरिया तकनीक और सतत कृषि के भविष्य पर चर्चा.

नैनो खाद की खासियतनैनो खाद की खासियत
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 28, 2025,
  • Updated Sep 28, 2025, 3:02 PM IST

गुजरात के आनंद जिले में विभिन्न देशों के 10 राजदूतों का एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल आया. वहां, 11 देशों के राजदूतों ने आरएंडडी नैनो साइंस एंड रिसर्च सेंटर का दौरा किया, ताकि वे नैनो-यूरिया तकनीक के बारे में जान सकें और यह भी समझ सकें कि यह तकनीक और गुजरात का नैनो-यूरिया के प्रति समग्र दृष्टिकोण उनके देशों और दुनिया भर में कृषि के भविष्य को कैसे आकार दे रहा है.

नैनो-यूरिया तकनीक से बदलेगी खेती

10 देशों के राजदूतों का एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल, नैनो-यूरिया तकनीक के वैश्विक नेता और एकमात्र पेटेंट धारक रे नैनो साइंस एंड रिसर्च सेंटर के मोगर प्लांट में आया. टिकाऊ खेती को बदलने वाले अपने क्रांतिकारी नवाचारों के लिए प्रसिद्ध रे नैनो साइंस एंड रिसर्च सेंटर ने आज लातिन अमेरिका और अन्य क्षेत्रों के प्रमुख राजदूतों को अपने मोगर प्लांट में आमंत्रित किया. इस प्रतिनिधिमंडल में अर्जेंटीना के मारियानो ऑगस्टिन कौसिनो, अल्जीरिया के डॉ. अब्देलनूर खलिफी, बोलिविया की अर्लेटे गैब्रिएला बुस्टामंते गार्सिया, चिली के जुआन एंगुलो एम., क्यूबा के जुआन कार्लोस मार्सान, कोलंबिया के एचेवेरी जारामिलो, इक्वाडोर के फर्नांडो ज़ावियर बुचेली वर्गास, परागुए के फ्लेमिंग राउल डुआर्टे रामोस, सूरीनाम के अरुनकुमार हार्डजान, उरुग्वे के अल्बर्टो गुआनी और वेनेजुएला की कैपाया रोड्रिगेज गोंजालेज शामिल थे.

नैनो-यूरिया प्रोडक्ट के फायदे

कंपनी के सीईओ सिद्धार्थ दोषी ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया और कंपनी की अनोखी ग्रीन टेक्नोलॉजी और अपने नैनो-यूरिया प्रोडक्ट के क्रांतिकारी फायदों के बारे में जानकारीपूर्ण प्रेजेंटेशन दिया. इसके बाद, मेहमानों ने अत्याधुनिक प्लांट और रिसर्च सुविधाओं का दौरा किया, जहां उन्होंने खुद देखा कि यह अग्रणी भारतीय नैनो-यूरिया इनोवेशन दुनिया भर में कृषि के भविष्य को कैसे आकार दे रहा है.

यह दौरा वैश्विक उर्वरक उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ का प्रतीक है. बाजार में उतार-चढ़ाव और भू-राजनीतिक अनिश्चितताएं खाद्य सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करती हैं, खासकर आयात पर निर्भर देशों में. ऐसे में, पारंपरिक यूरिया से नैनो-यूरिया की ओर बदलाव तेजी से बढ़ रहा है. नैनो-यूरिया अधिक पोषक तत्व उपयोग क्षमता, कम सब्सिडी की आवश्यकता और पर्यावरण पर न्यूनतम प्रभाव प्रदान करता है, जो इसे सतत कृषि के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण बनाता है.

किसानों को सशक्त बनाने का काम

रे नैनो साइंस एंड रिसर्च सेंटर नैनो-खाद के क्षेत्र में एक अग्रणी नवाचारी है, जो पेटेंट तकनीक के माध्यम से टिकाऊ और उच्च-क्षमता वाले समाधानों से कृषि में बदलाव ला रहा है. उन्नत अनुसंधान, अत्याधुनिक उत्पादन और वैश्विक सहयोग के माध्यम से, यह कंपनी किसानों को सशक्त बनाती है, आत्मनिर्भरता को मजबूत करती है और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी को बढ़ावा देती है. यह विकास वैश्विक स्तर पर भारत की नवाचार क्षमता को मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है.

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