यूपी में किसानों को मुफ्त में मिलेगा अलसी का बीज, ऑनलाइन आवेदन जरूरी, जानें लास्ट डेट

यूपी में किसानों को मुफ्त में मिलेगा अलसी का बीज, ऑनलाइन आवेदन जरूरी, जानें लास्ट डेट

Alasi ki Kheti: प्रदेश के कृषि निदेशक डॉ. पंकज कुमार त्रिपाठी ने बताया कि रबी सीजन 2025-26 में बीज मिनीकिट पाने के लिए किसानों को आवेदन करना है. उन्होंने बताया कि निःशुल्क तिलहन बीज मिनीकिट वितरण के तहत किसानों को कृषि विभाग के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा.

किसानों की आय में बंपर बढ़ोतरी की संभावना हैंकिसानों की आय में बंपर बढ़ोतरी की संभावना हैं
नवीन लाल सूरी
  • LUCKNOW,
  • Sep 26, 2025,
  • Updated Sep 26, 2025, 8:48 AM IST

रबी सीजन (Rabi Season 2025) तिलहनी फसलों की खेती के लिए सबसे अच्छा रहता है. इस क्रम में उत्तर प्रदेश में किसानों द्वारा इसकी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. वहीं किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से निःशुल्क तिलहन बीज मिनीकिट वितरण योजना संचालित की गई है. प्रदेश के कृषि निदेशक डॉ. पंकज कुमार त्रिपाठी ने बताया कि रबी सीजन 2025-26 में बीज मिनीकिट पाने के लिए किसानों को आवेदन करना है. उन्होंने बताया कि निःशुल्क तिलहन बीज मिनीकिट वितरण के तहत किसानों को कृषि विभाग के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा.

आनॅलाइन लॉटरी के द्वारा होगा चयन

डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि किसानों के द्वारा आनॅलाइन आवेदन हेतु दिनांक 24.09.2025 से 12.10.2025 तक किया जाएगा, जो पूरी तरह से पारदर्शी है. आनॅलाइन आवेदन करने वाले कृषकों को बीज मिनीकिट आवेदन अवधि में प्राप्त आवेदकों के मध्य लक्ष्य से अधिक आवेदन प्राप्त होने की दशा में आनॅलाइन लॉटरी के माध्यम से लाभार्थियों का चयन किया जाएगा.

 इस पोर्टल पर करना होगा ऑनलाइन आवेदन

उन्होंने बताया कि एक कृषक को केवल एक मिनीकिट प्राप्त हो सकेगा. चयनित कृषकों को POS मशीन के माध्यम से राजकीय कृषि बीज भण्डारों से बीज मिनीकिट वितरित कराया जाएगा. इसलिए इच्छुक कृषक निःशुल्क बीज मिनीकिट प्राप्त करने हेतु विभाग के पोर्टल Agridarshan.up.gov.in पर अपना ऑनलाइन आवेदन करना होगा. उधर, प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने किसानों से अपील की है कि वह योगी सरकार चलाई जा रही इस स्कीम का लाभ उठाएं. इस पहल से किसानों की आय में बंपर बढ़ोतरी की संभावना हैं.

अगर हम अलसी की किस्मों की बात करें, तो अंसिंचित दशा के लिए पद्मनिया, लक्ष्मी-27, शारदा, जेएलएस-73 और जेएलएस-66 बेहतर प्रजाति का बीज माना जाता है.

बोने का यह है सही तरीका

कृषि निदेशक डॉ. पंकज कुमार त्रिपाठी बताते हैं कि सिंचित और समान्य दशा में अलसी की बुवाई के लिए बीज को भूमि में 2 से 3 सेमी. की गहराई पर बोना चाहिए. इस फसल की खेती के साथ एक अच्छी बात यह है कि इसमें ज्यादा सिंचाई की ज़रूरत नहीं होती है. फिर भी अच्छी पैदावार के लिए 2-3 सिंचाई कर देनी चाहिए. वहीं इसको बोने से पहले अलसी के बीजों को कार्बेन्डाजिम की 2.5 से 03 ग्रा. मात्रा प्रति किग्रा. बीज की दर से उपचारित कर लेना चाहिए.

कई बीमारियों में लाभदायक

आपको बता दें कि अलसी एक औषधीय फसल है. आयुर्वेद में इसको दैवी भोजन माना गया है. अलसी के बीज से तेल निकाला जाता है जो कई बीमारी में लाभदायक माना जाता है. डॉक्टर के अनुसार अलसी के नियमित सेवन से हार्ट अटैक, ब्लड प्रेशर, लिवर इनफेक्शन, जोड़ में दर्द आदि की समस्या से निजात मिलती है.

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