
मौसम विभाग ने झारखंड में एक बार फिर अच्छी बारिश की भविष्यवाणी की है. विभाग के अनुसार अगले तीन दिनों तक झारखंड के अलग-अलग जिलों में अच्छी बारिश देखने के लिए मिल सकती है. इसे लेकर येलो अलर्ट भी जारी किया गया है. इस भारी से किसानों को किसी तरह का नुकसान नहीं हो इसे लेकर मौसम विभाग की तरफ से किसानों के सलाह जारी किया है. इन सलाह का पालन करके किसान अपने खेत में लगी सब्जियों और मवेशियों को भारी बारिश से बचा सकते हैं. भारी बारिश और जलजमाव होने पर धान की नर्सरी को भी नुकसान हो सकता है. इसलिए किसान इस सलाहों का पालन करके होने वाले नुकसान से बच सकते हैं.
राज्य में अब तक इस बार रुक-रुक कर ही बारिश हो रही है इससे किसानों ने सब्जी की खेती की है. सब्जी की खेती को लेकर जारी किए सलाह में मौसम विभाग ने कहा है कि भारी बारिश होने के कारण सब्जियों की नर्सरी में जलभराव हो सकता है इससे सब्जियों में सड़न की समस्या हो सकती है. बारिश के कारण फल झड़ सकते हैं और फलों में दाग लग सकते हैं. खेतों में जलजमाव होने से सब्जियां भी खेत में सड़ सकती हैं. टमाटर के पौधे में फल और फूल झड़ सकते हैं साथ ही भारी बारिश के कारण फल चटकने की समस्या आ सकती है.
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इससे बचाव को लेकर जारी किए गए सुझाव में कहा गया है कि किसान खेत में उचित जल निकासी की व्यवस्था करें. खेत में जलभराव नहीं होने दें. जो फल और सब्जी खेत में तैयार हो गए हैं उनकी तुड़ाई करके उन्हें सुरक्षित स्थानों पर रख दें. खड़ी फसल में रोग के प्रसार को कम करने के लिए खेत में गिरे हुए फलों को हटा दें. अगर खेत में किसी तरह से दवाओं या कीटनाशक का छिड़काव करना चाहते हैं तो मौसम साफ होने का इंतजार करें.
धान की खेती को लेकर जारी किए गए सलाह में कहा गया है कि किसान अपने खेत की नर्सरी में जलजमाव नहीं होने दे. इससे धान के पौधों सड़ सकते हैं. इसलिए जिस खेत में नर्सरी तैयार की गई उसमें पानी की निकासी की व्यवस्था करें. खेतों में इस समय रोग का प्रकोप हो सकता है इसलिए लगातार खेत की निगरानी करते रहें. बता दें कि इस बार झारखंड में अब तक सामान्य से50 फीसदी कम बारिश हुई है. इसका सीधा असर धान की खेती पर पड़ा है. अभी भी किसान धान की नर्सरी की तैयारी कर रहे हैं. जिन किसानों की नर्सरी तैयार हो चुकी है वो खेत तैयार करने के लिए अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे हैं.
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दलहनी और तिलहनी फसलों खेती को लेकर जारी किए गए सलाह में कहा गया है कि खेत में जलजमाव होने से फसलों को नुकसान हो सकता है. बीज सड़ सकते हैं इसलिए खेत से जलनिकासी की अच्छी व्यवस्था करें. पशुपालकों के लिए जारी किए गए सलाह में कहा गया है कि वो मुर्गियों और छोटे मवेशियों को टीकाकरण जरूर कराएं, साथ ही पशुओं के रहने वाले स्थान में हवादार बनाए रखें. मवेशियों को खुला नहीं छोड़े और मौसम की स्थिति को देखते हुए उन्हें बाहर जाने दें. मवेशियों के घर को अच्छे से ढंक कर रखें.