किसान-Tech: पशुओं को पूरे साल मिलेगा हरा चारा, लाखों कमाने का साधन है साइलेज पैकिंग मशीन

किसान-Tech: पशुओं को पूरे साल मिलेगा हरा चारा, लाखों कमाने का साधन है साइलेज पैकिंग मशीन

आज किसान-Tech में हम आपको एक ऐसी क्रांतिकारी मशीन के बारे में बता रहे हैं जो आपके पशुओं के लिए सालभर के हरे चारे का प्रबंध करती है. इसके साथ ही साइलेज पैकिंग मशीन से साइलेज बनाकर आप लाखों रुपये में बेच भी सकते हैं.

Silage Packing MachineSilage Packing Machine
स्वयं प्रकाश निरंजन
  • नोएडा,
  • Jun 28, 2024,
  • Updated Jun 28, 2024, 11:20 AM IST

पशुपालन करने वाले किसानों के लिए सालभर हरे चारे का प्रबंध करना सबसे बड़ी चुनौती होती है. क्योंकि जानवरों के अच्छे पोषण के लिए हरा चारा खिलाना बेहद जरूरी होता है. लेकिन अब पशुपालकों की इस समस्या का भी समाधान आ गया है. किसान-Tech सीरीज में आज हम आपको एक ऐसी मशीन के बारे में बताने वाले हैं जिससे हरे चारे का लंबे समय तक के लिए संग्रहण किया जा सकता है और लाखों रुपये भी कमाए जा सकते हैं. इसका नाम साइलेज पैकिंग मशीन है. आज हम आपको साइलेज पैकिंग मशीन के उपयोग और दाम से लेकर इसके फायदे के बारे में विस्तार से बताएंगे.

क्या होता है साइलेज

इससे पहले कि हम साइलेज पैकिंग मशीन के बारे में जानें, पहले ये जानना जरूरी है कि साइलेज क्या होता है. दरअसल, जानवरों के लिए साइलेज वैसे तो फसलों के अवशेष से बनाया जाता है. लेकिन इसके लिए मक्के का प्रमुख तौर पर उपयोग होता है. कहा जाता है कि साइलेज आज के जमाने का पशु आहार है और यह हरे चारे और अनाज के बीच की कड़ी है. साईलेज में हरे चारे और अनाज दोनों के गुण होते हैं और इसमें 15-20% मक्के के दाने होते हैं.

आसान भाषा में समझें तो हरे चारे को लंबे समय तक संरक्षित करने की प्रक्रिया ही साइलेज है. यह पशुओं के लिए 'रेडी टू ईट' खाना है. खास बात ये है कि साइलेज सालभर पशुओं को खिलाया जा सकता है. इसे खिलाने से जानवरों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है. साथ ही दूध का फैट और एसएनएफ बढ़ने से बाजार में दूध की अच्छी कीमत भी मिलती है.

कैसे काम करती है साइलेज मशीन?

ये एक ऑटोमैटिक मशीन है जो मक्का फसल के अवशेष से साइलेज बनाती है. साइलेज पैकिंग मशीन बिजली और ट्रैक्टर, दोनों से चलने वाले मॉडल में आती है. साइलेज बनाने के लिए दाने वाली फसलें जैसे- मक्का, ज्वार, जई, बाजरा आदि का उपयोग किया जाता है. इस मशीन में कुछ बड़े ड्रम होते हैं जिनमें मक्के या अन्य दानेदार फसलों की पराली की पहले कटिंग, फिर उसकी थ्रेशिंग होती है और फिर सबसे आखिर में इस हरे चारे को उच्च दवाब पर ये मशीन कॉम्प्रेस करती है. तब जाकर साइलेज बनता है. 

इसके बाद इस साइलेज को ये मशीन 50-50 किलो के एयरटाइट बैग में पैक कर देती है. फिर साइलेज के इन बैग को 3 से 4 दिन तक सेट होने के लिए रखा जाता है और फिर पशुओं के लिए पौष्टिक पैकेज्ड हरा चारा तैयार हो जाता है.

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साइलेज पैकिंग मशीन के फायदे

  • इस मशीन का सबसे बड़ा फायदा है कि ये आपके जानवरों के लिए खूब सारे हरे चारे के पैकेट बनाकर तैयार कर देती है. ये चारा सालभर पशु बड़े चाव से खाते हैं. इसके अलावा इस साइलेज में जानवरों को अच्छा पोषण भी मिल जाता है.  
  • बता दें कि जानवरों को जो सूखा भूसा खिलाया जाता है, उससे केवल उनका पेट भरता है. लेकिन साइलेज से जानवरों को एक ही खुराक में सम्पूर्ण पोषक तत्व मिल जाते हैं. साथ ही इससे पराली की समस्या के समाधान के साथ ही प्रदूषण भी कम करने में मदद मिलेगी.
  • इसके साथ ही आपको जानवरों को अब सूखे भूसे से निजात मिलेगी और पूरे साल हरा चारा खाने को मिलेगा. इस मशीन से बना सालइेज खिलाने से जानवरों के दूध में भी फैट बढ़ता है, जिससे दूध भी महंगा बिकता है. 
  • इतना ही नहीं इस मशीन को लगाकर आप खेती से भी ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं. उदाहरण के लिए फिलहाल मक्का का भाव करीब 20 रुपए किलो है, जबकि इस मशीन से बने मक्के के साइलेज का 500 रुपए प्रति क्विंटल तक दाम मिल जाएगा. 

साइलेज पैकिंग मशीन की कीमत

कीमत की बात करें तो साइलेज पैकिंग मशीन अभी भारत में बहुत महंगी है. लेकिन इसे एक बार खरीदने पर आप साइलेज बेचकर लाखों में कमाई कर सकते हैं. भारत में एग्रीजोन और शक्तिमान जैसी कुछ कंपनियां साइलेज पैकिंग मशीन बना रही हैं. लेकिन ज्यादातर ये मशीनें इंपोर्ट ही होती हैं और यही वजह है कि साइलेज पैकिंग मशीन की कीमत बहुत ज्यादा है. 

साइलेज पैकिंग मशीन के अलग-अलग मॉडल और की कीमत 1.5 लाख रुपये से लेकर लगभग 20 लाख रुपये तक जाती है. वहीं अगर सब्सिडी की बात करें तो साइलेज मशीन के कुछ ही मॉडल्स पर किसानों को अनुदान मिलता है. ट्रैक्टर चालित लगभग सभी साइलेज पैकिंग मशीन पर सब्सिडी मिल जाती है.

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