देश में अब किसान खेती में तकनीकी और वैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल करने लगे हैं. बाड़मेर जिले के तारातरा मठ निवासी विक्रम सिंह भी ऐसे ही किसानों में से एक हैं. बाड़मेर जैसी रेतीली जमीन पर इन्होंने आलू की खेती की है जोकि इस क्षेत्र की जलवायु के हिसाब से काफी नई फसल है. आलू की खेती की सफलता को देखते हुए विक्रम सिंह अब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में पहचाने जाने लगे हैं. इसीलिए अब इन कॉलेज-यूनिवर्सिटी के छात्र इंटर्नशिप के लिए इनके फार्म पर आ रहे हैं. फिलहाल यहां मेवाड़ यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट खेती के गुर सीखने आए हुए हैं. ये छात्र खेती में नवाचार और तकनीकी के प्रयोगों को प्रैक्टिकली सीख रहे हैं. विक्रम सिंह के खेतों पर मेवाड़ यूनिवर्सिटी के पांच स्टूडेंट इंटर्नशिप पर आए हैं. ये सभी बीएसी एग्रीकल्चर विषय से ग्रेजुएशन कर रहे हैं और फाइनल ईयर में हैं.
तारातरा जैसे छोटे से गांव में इंटर्नशिप करने आए छात्र हिमांशु मौर्य से किसान तक ने बात की. वे मेवाड़ यूनिवर्सिटी में बीएसी एग्रीकल्चर से ग्रेजुएशन कर रहे हैं और उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. हिमांशु कहते हैं, “हम कुल आठ स्टूडेंट्स को इंटर्नशिप पर भेजा गया है. जिसमें से पांच तारातरा मठ आए हैं. यहां प्रोग्रेसिव किसान विक्रम सिंह ने आलू की खेती की है जोकि बाड़मेर के लिए काफी नई फसल है. हमें यहां खेती में नवाचार और टेक्नोलॉजी के उपयोग को समझने के लिए भेजा गया है. हम यहां छह महीने की इंटर्नशिप पर आए हैं. काफी नई चीजें सीखने को मिल रही हैं.”
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इसी तरह कोटा के रहने वाले छात्र सुभाष सिंह कहते हैं, “हमारे दिमाग में बाड़मेर की छवि सूखे और रेतीले जिले की थी. लेकिन जब से हम आए हैं, यहां की खेती के सिस्टम को समझ रहे हैं. यहां के किसानों ने आलू, अनार की खेती कर रेगिस्तानी जिलों के लिए बनी धारणा को तोड़ा है.”
विक्रम सिंह ने अपनी 25 एकड़ जमीन में आलू की बुवाई की है. जिसका कॉन्ट्रैक्ट मल्टीनेशनल फूड कंपनी मैककेन ने लिया है. कनाडा की यह कंपनी दुनियाभर में फ्रेंच फ्राइज बनाने का काम करती है. इसका व्यापार करीब 160 देशों में फैला है. विक्रम सिंह को आलू की खेती के लिए मैककेन ने ही बीज के लिए तीन श्रेणी के 32,500 किलो आलू बुवाई के लिए दिए. किसान का दावा है कि बोये हुए बीज से करीब 10 गुना ज्यादा आलू खेत में पैदा होंगे. अगले चार-पांच दिनों में आलू की खुदाई शुरू की जाएगी. इसके बाद पूरे उत्पादन को मैककेन खेत से ही खरीद लेगी.
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विक्रम सिंह ने आलू की खेती के लिए तारातरा मठ गांव की 50 महिलाओं को ट्रेनिंग दी. ये महिलाएं ही आलू की बुवाई से लेकर खुदाई तक का काम कर रही हैं. विक्रम को उम्मीद है कि अगले कुछ सालों में ये काम बढ़ेगा और कई सौ महिलाओं को हम काम दे पाएंगे.